रायपुर : 2164 करोड़ रुपए से ज्यादा के शराब घोटाला मामले में कवासी लखमा की गिरफ्तारी के पूर्व विशेष अदालत में जो दस्तावेज पेश किए गए हैं, उसमें राज्य के पूर्व मुख्य सचिव विवेक ढांड का नाम भी शामिल है। कवासी लखमा और उनका पुत्र अब गिरफ्त में है, वहीँ कोर्ट में ईडी के वकील द्वारा पेश दस्तावेज के मुताबिक अनवर ढेबर, पूर्व आईएएस अनिल टुटेजा तथा अरुण पति त्रिपाठी का गिरोह विवेक ढांड के संरक्षण में काम कर रहा था, जिसके बाद अब इनका नाम भी शामिल हो गया है।
इस मामले में ईडी ने ईओडब्लू द्वारा शराब घोटाले को लेकर दर्ज अपराध का हवाला देते हुए कोर्ट में जानकारी दी है कि अनवर ढेबर ने अपने राजनीतिक प्रभाव और अनिल टुटेजा से पारिवारिक संबंधों का फायदा उठाते हुए सीएसएमसीएल के प्रबंध निदेशक अरुणपति त्रिपाठी के साथ मिलकर शराब उत्पादन और आपूर्ति की दर में वृद्धि की और बदले में डिस्टलरी मालिकों से लाखों रुपए का अवैध कमीशन प्राप्त किया। इस तंत्र को पार्ट ए कहा जाता है। अनवर ढेबर, अनिल टुटेजा और अरुण पति त्रिपाठी से मिलकर बना शराब का यह गिरोह ढांड के संरक्षण में काम कर रहा था। ईडी ने शराब घोटाला में शामिल विवेक ढांड को भी लाभार्थी बताया है। इसकी जद में कई बड़े लोग सामने आ चुके है, वहीँ पूर्व मुख्यमंत्री तक इसकी आंच नहीं पहुंची है।
खास ख़बरों के लिये सब्सक्राईब करें हमारा यूट्यूब चैनल : https://www.youtube.com/@MachisMediaNews/