मां कलावती दुसेजा फाउंडेशन द्वारा दिव्यांग युवती को व्यवसाय के लिए दिया गया सामान एवम् सहयोग।

विजय दुसेजा/बिलासपुर : नए साल की पूर्व संध्या पर जहाँ लोग नया साल मनाने के लिए अलग-अलग शहरों में जा रहे हैं कुछ लोग विदेशों में जा रहे हैं कुछ लोग अपने शहरों में पार्टी का मनाने की तैयारी कर रहे हैं शराब कबाब सब की व्यवस्था कर रहे हैं खाने पीने की व्यवस्था कर रहे हैं पर इस सब से दूर एक संस्था की सलाहकार रेखा आहूजा जिसका समय सूरज की पहली किरण से आरंभ होता है और सूरज की अंतिम किरण के साथ ही समाप्त होता है लोगों की सेवा करने के लिए दिन भर इधर से उधर लगी रहती है नए वर्ष के साथ ही सेवा कार्य आरंभ होता है और नए वर्ष के समापन तक 365 दिन सप्ताह भर 24 घंटे सेवा कार्य में लगी रहती है उन्होंने कहा कि मेरा नया साल वह मेरा तीज त्यौहार लोगों की जब मैं सेवा करती हूं वह उनके चेहरे पर मुस्कान देखती हूं वही मेरा नया साल होता है वही मेरा त्यौहार होता है वही मेरी होली होती है वही मेरे लिए दिवाली होती है वही मेरी ईद होती है वही मेरा क्रिसमस होता है वही वैशाखी होती है वही मेरा चेटीचंड होता है। माँ का एक मंत्र मुझे याद है, सेवा ही पर धर्म है , उससे बढ़कर कोई चीज नहीं है इस मंत्र को लेकर मैं कार्य करती हूं और देने वाली मैं कौन हूं देने वाला तो परमात्मा है मैं तो एक माध्यम हूं। जैसे पोस्टमेन चिट्ठी पत्र लेकर सही पते पर पहुंचाता है उसी तरह मैं भी जिस लोगों को जरूरत होती है हमें फोन आता है पता चलता है तो हम वहां पहुंचते हैं देने वाला वह है मैं सिर्फ एक माध्यम हूं।

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एक भजन की लाइन याद आ रही है। प्रभु आपकी कृपा से सब कार्य हो रहे हैं करते तुम हो कन्हैया नाम मेरा हो रहा है। सेवा कीजिए सेवक बनकर मालिक बनकर नहीं, भक्ति कीजिए भगत बनकर ठगत बनकर नहीं.किसी संत द्वारा कही गई उक्त पंक्तियां अनेक जगह वास्तव में वर्तमान समय में चरितार्थ करती हैं इस भागमभाग दुनिया में व्यस्त भरे जीवन में प्रत्येक इंसान अपने दिनचर्या में लगा रहता है किंतु दुनिया में ऐसे लोग भी हैं जिनका कोई सहारा नहीं होने पर कुछ समाजसेवी संस्थाएं उन्हें मदद करने के लिए आगे आती हैं और अनेक लोगों को प्रेरित करती हैं .इसी क्रम मे ममतामयी मां कलावती दुसेजा फाउंडेशन भी असहाय, जरूरतमंदों के लिए अनुकरणीय कार्य कर रही है। विगत दिवस सिरगिट्टी निवासी प्रिया जो चलने फिरने में असमर्थ है एक छोटी सी गुमटी में बच्चों के खाई खजाना वह पान मसाले का सामान को बेचकर अपना जीवन यापन कर रही है इस संबंध में फाउंडेशन के अध्यक्ष विजय दुसेजा को फोन करके अपनी परेशानी बताइए कि 5 वर्षों से सरकारी ऑफिस व जनप्रतिनिधियों के चक्कर लगा रही हूं, पर कोई भी हेल्प करने को आगे नहीं आया है, बड़ी मुश्किल से जाकर अभी राशन कार्ड बना है, विकलांग पेंशन अभी तक नहीं मिली रही है, नहीं कोई ट्राई साइकिल मिली है, सिर्फ कोरे आश्वासन मिले हैं, पहली बार ऐसा है कि कुछ आस बंधी है आपसे विश्वास हो रहा है, कि आप मदद जरूर करेंगे विजय ने कहा आप चिंता ना करें जो भी कुछ बनेगा हम आपकी मदद जरुर करेंगे आपको निराश होने की जरूरत नहीं है। भगवान पर भरोसा रखें लोग एक दरवाजा बंद करता है तो भगवान दूसरा दरवाजा खोल भी देता है।

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फाउंडेशन के सदस्यों ने सलाहकार रेखा आहूजा से संपर्क कर इस कार्य को मूर्त रूप दिया गया एवं दुकान में संबंधित सामग्री उक्त युवती को प्रदान किया गया.उन्होंने फाउंडेशन को धन्यवाद दिया एवं अत्यंत प्रसन्न मुद्रा में दुआएं भी दी। इस सेवा कार्य में इनका सहयोग रहा मां कलावती दुसेजा फाउंडेशन कि सलाहकार रेखा आहुजा, अध्यक्ष विजय दुसेजा , कमल सबनानी, आकाश माखिजा, सतराम जेठमलानी, रूपचंद डोडवानी, जगदीश जगियासी, नानक नागदेव, रामचंद्र हिरवानी, गोविंद दुसेजा
एवं अन्य सदस्यों का सहयोग रहा।