बिलासपुर : बिलासपुर के मंगला चौक स्थित सेंट पलोटी स्कूल के बाथरूम में शुक्रवार सुबह अचानक तेज धमाका हुआ, जिससे स्कूली स्टाफ और बच्चों में दहशत फ़ैल गई, इस घटना से चौथी कक्षा में पढ़ने वाली एक बच्ची झुलस गई। धमाके की आवाज सुनते ही स्कूल का स्टाफ मौके पर पहुंचा और बच्ची को तुरंत निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया। मामले में जानकारी सामने आई है कि सेंट पलोटी स्कूल में सोडियम ब्लास्ट की चपेट में आकर 10 साल की बच्ची बुरी तरह झुलस गई है। घटना उस समय हुई जब स्कूल में परीक्षा चल रही थी। शुक्रवार की सुबह हुई इस दुर्घटना में चौथी कक्षा की छात्रा स्तूति शर्मा 23 प्रतिशत जल गई है। इस मामले में स्कूल प्रबंधन ने पुलिस में शिकायत की है तो शिक्षा विभाग ने जांच के लिए चार सदस्यीय कमेटी बनाई है। इस मामले में आठवीं की 7 छात्राएं और 4 छात्र भी शामिल हैं। सभी के अभिभावकों से पुलिस ने पूछताछ की गई है। स्कूल प्रबंधन ने भी मामले में कड़ा फैसला लेने की बात कही है। हालांकि अभिभावक स्कूल प्रबंधन की लापरवाही बता रहे हैं, क्योंकि पिछले कुछ दिनों से इस तरह की घटनाएं स्कूल में हो रही थीं। इसकी शिकायत भी अभिभावकों ने की थी लेकिन ध्यान नहीं दिया गया है।
जिस तरह से यह घटना है उस पर नजर डालें तो शुक्रवार सुबह करीब सवा 10 बजे क्लास चौथी की छात्रा स्तुति शर्मा लड़कियों के लिए बने टायलेट पहुंची और फ्लश दबाया। इसके साथ ही जोर से ब्लास्ट हुआ। धमाका इतना जबरदस्त था कि स्टूडेंट बुरी तरह झुलस गई, और वह तेज आवाज में चीख पड़ी। आवाज सुनने के साथ ही टीचर और दूसरे स्टाफ बाथरूम की तरफ दौड़े। वहां टॉयलेट के अंदर से बच्ची के चीखने की आवाज आ रही थी और वह मदद के लिए आवाज लगा रही थी। शिक्षकों ने बच्ची को टायलेट से बाहर निकालने की कोशिश की लेकिन दरवाजा अंदर से बंद था। काफी मशक्कत के बाद दरवाजे को तोड़ा गया और टीचरों ने अंदर जाकर देखा तो छात्रा फर्श पर बुरी तरह झुलसी हुई पड़ी थी। छात्रा को फौरन निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया है। इस घटना से छात्रा के अभिभावको में काफी गुस्सा है तो दूसरे बच्चों के माता-पिता भी नाराज हैं। अभिभावकों ने इस हरकत को अंजाम देने वाले को सजा देने की मांग की है। पैरेंटस चेतन गुप्ता और अन्य ने कहा कि सीसीटीवी की जांच की जाए। साथ ही, इस हरकत को अंजाम देने वाले को सजा दी जाए।
सोडियम लाकर फाइल पेपर में बाथरूम में छिपाया :
इस मामले को लेकर घटना को अंजाम देने में स्कूल की आठवीं की 7 छात्राएं और 4 छात्रों के शामिल होने की बात सामने आ रही है। स्कूल के प्रिसिंपल एस कुमार के मुताबिक जिस बाथरूम में घटना हुई है वह सिर्फ लड़कियों के लिए है। लड़के या छात्रों को वहां जाने की अनुमति तक नही हैं। ऐसे में प्रिंसिपल के मुताबिक स्कूल प्रबंधन की प्रारंभिक जांच में यह बात सामने आई है कि आठवीं कक्षा की कुछ छात्राओं ने बाहर से सोडियम मंगाया और उसे फाइल पेपर में लपेटकर बाथरूम में छिपा दिया था। इसमें स्कूल के आठवीं के छात्रों ने उनकी मदद की है। हालांकि यह अभी साफ नहीं हो सका है कि आखिर यह सोडियम किसलिए मंगाया गया था। पूछताछ में आठवीं क्लास के बच्चों ने बताया कि उन्होंने बस मस्ती और उत्सुकता के चलते इस हरकत को अंजाम दिया गया है। स्कूल प्रबंधन ने तत्काल झुलसी बच्ची को सामने ही मौजूद अस्पताल भेजा। वहां पर प्राथमिक उपचार के बाद बच्ची को बर्न एंड ट्रामा अस्पताल में भर्ती कराया गया है। यहां पर झुलसी बच्ची का उपचार किया जा रहा है।
पुलिस ने की शिक्षकों और छात्रों से पूछताछ :
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स्कूल में परीक्षा चल रही है। शुक्रवार को बच्चे परीक्षा देने स्कूल आए थे। वहीं क्लास 4 की छात्रा स्तुति भी एग्जाम दे रही थी। इसी दौरान करीब सवा 10 बजे टॉयलेट गई। टायलेट में बच्ची ने फ्लश दबाया तो जोरदार धमाका हुआ। धमाके की आवाज सुनकर पूरे स्कूल में अफरा-तफरी मच गई। इधर, स्कूल प्रबंधन ने इस घटना की जानकारी सिविल लाइन थाने की पुलिस को दी है। मौके पर पहुंची पुलिस को मौके से एक सिल्वर पैकिंग का चिथड़ा मिला है। पुलिस मामले की जांच कर रही है। पुलिस ने मामले में स्कूल के शिक्षकों के साथ ही कुछ छात्र- छात्राओं से पूछताछ की है। सभी छात्र नाबालिग है इसलिए स्कूल प्रबंधन और पुलिस भी अधिक जानकारी देने से इंकार कर रही है। थाना प्रभारी सुम्मतराम साहू भी अपने आफिस में बैठकर स्कूल प्रबंधन से जुड़े लोगों से बात कर रहे थे। मामले में सामने आया है कि धमाके की सूचना के बाद भी पुलिस की टीम मौके पर नहीं पहुंची।
सोडियम की खुले बाजार में बिक्री प्रतिबंधित :
पुलिस हालांकि यह जानने की कोशिश कर रही है कि यह सोडियम कहीं आनलाइन तो नहीं मंगाया गया था। इसके साथ ही यदि बिलासपुर के किसी दुकान से यह सोडियम खरीदा गया है तो उसकी भी जानकारी ली जा रही है। यहां ध्यान रखना होगा कि सोडियम की खुले बाजार में बिक्री पूरी तरह प्रतिबंधित है। सोडियम को खुली हवा में नहीं रखा जा सकता क्योंकि यह बहुत प्रतिक्रियाशील धातु है। अटल यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर तरुण धर दीवान के मुताबिक हवा में मौजूद नमी के साथ मिलने पर यह सोडियम हाइड्रॉक्साइड बनाता है इसलिए, आकस्मिक आग और दुर्घटनाओं को रोकने के लिए, सोडियम को मिट्टी के तेल में डूबा कर रखा जाता है। आहार में सोडियम की मात्रा को सीमित करने की सलाह दी जाती है।
बड़ा सवाल : बच्चों को कहां से मिला :
केमिकल विस्फोट की घटना के बाद स्कूल प्रबंधन द्वारा लीपापोती का प्रयास किया जा रहा है। सबसे बड़ा सवाल है कि बच्चों को यह केमिकल मिला कहां से। प्रबंधन का कहना है कि घटना में आठवीं कक्षा के विद्यार्थी शामिल हैं। आठवीं के विद्यार्थियों का प्रयोगशाला में प्रवेश वर्जित है। इसके कारण प्रयोगशाला से केमिकल मिलने की आशंका नहीं है। इसके बाद अब बच्चों के पास केमिकल कहां से आया इसकी पूछताछ की जा रही है। अभिभावकों ने स्कूल प्रबंधन पर भी कार्यवाही की मांग की है।
तीन दिन से चल रही थी योजना :
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स्कूल के प्रिंसिपल फादर सुनीत कुमार ने बताया कि प्राथमिक पूछताछ में पता चला है कि स्कूल की कुछ छात्राएं पिछले तीन दिनों से सोडियम मेटल लेकर स्कूल आ रही थीं। वे इसे स्कूल के बाथरूम में रखकर शरारत करने की प्लानिंग कर रही थीं।
जांच टीम गठित की गई है :
प्रभारी जिला शिक्षा अधिकारी पी दासरथी ने बताया कि, यह गंभीर घटना है। इसको संज्ञान में लेते हुए शिक्षा विभाग ने चार सदस्यीय टीम गठित की है। इसमें अल्का अग्रवाल (प्राचार्य चांटीडीह स्कूल), अर्चना जोशी (प्राचार्य मोपका स्कूल), डा. रीता यादव ( प्राचार्य कुदुदण्ड स्कूल) और डा. मोहन पटेल (प्राचार्य राजेन्द्र नगर स्कूल) शामिल हैं। यह टीम शनिवार को स्कूल पहुंचकर मामले में रिपोर्ट तैयार करेगी। इसके साथ ही स्कूल के प्राचार्य को नोटिस जारी किया गया है। वहीँ अब अंततः मामले में जांच की जा रही है।
ये पहली बार नहीं हुआ है। इससे पहले भी इस स्कूल में इस तरह की घटनाएं हो चुकी हैं, लेकिन स्कूल प्रशासन ने हमेशा समझाईश देकर मामले को टाल दिया है। अब हम चाहते हैं कि 24 घंटे के अंदर दोषियों के खिलाफ FIR दर्ज की जाए और इन बच्चों को स्कूल से निकाला जाए। : दीपिका गुप्ता, अभिभावक