POK की वापसी को लेकर जयशंकर का बड़ा बयान, लंदन में विदेशमंत्री पर हुई हमले की घटना।

नई दिल्ली : भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर 5 दिनों के विदेश दौरे पर हैं। 4 से 9 मार्च तक के इस दौरे में अभी ब्रिटेन में हैं और फिर वहां से आयरलैंड जाने वाले हैं। ब्रिटेन दौरे के दौरान उन्होंने कश्मीर को लेकर बड़ा बयान दिया है। जयशंकर ने पाकिस्तान को सीधा मैसेज दिया है कि उसे कश्मीर का चुराया हुआ हिस्सा वापस करना होगा। यह मामला तब का है जब जयशंकर बुधवार को लंदन में चैथम हाउस में आयोजित ‘भारत का उदय और विश्व में उसकी भूमिका’ सत्र में अपनी बात रख रहे थे। इस दौरान एक पाकिस्तानी पत्रकार ने उनसे कश्मीर पर सवाल किया, उसने पूछा कि क्या प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कश्मीर मसले के हल के लिए अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के साथ अपने संबंधों का उपयोग कर सकते हैं।

इस पर जयशंकर ने कहा, ‘कश्मीर में हमने ज्यादातर समस्याओं का समाधान कर लिया है। मेरा मानना है कि अनुच्छेद 370 को हटाना पहला कदम था। उसके बाद कश्मीर में आर्थिक गतिविधियों और सामाजिक न्याय की बहाली दूसरा कदम था। उच्च मतदान प्रतिशत के साथ सफलतापूर्वक चुनाव कराना तीसरा कदम था।’

साथ ही कहा कि, जम्मू-कश्मीर की अधिकांश समस्याओं का समाधान हो चुका है, लेकिन पीओके (पाक अधिकृत कश्मीर) की वापसी के बाद अन्य समस्याएं भी दूर हो जाएंगी। उन्होंने धारा-370 को हटाए जाने, विकास कार्यों, आर्थिक गतिविधियों और सामाजिक न्याय बहाल करने और शांति पूर्ण चुनाव को उपलब्धि बताई है। 

पीओके पर जयशंकर का कड़ा संदेश :

  • विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने यह भी कहा कि जम्मू-कश्मीर की केवल वही समस्या बची है, जो पाकिस्तान के अवैध कब्जे में मौजूद क्षेत्र से जुड़ी है। उन्होंने कहा, पीओके भारत का हिस्सा है और इसे वापस लेना राष्ट्रीय प्रतिबद्धता है।
  • एस. जयशंकर ने कहा, हमारी सरकार ने कश्मीर में बहुत अच्छा काम किया है। अनुच्छेद 370 को हटाने के बाद विकास और आर्थिक गतिविधियों को बढ़ावा देने के लगातार प्रयास हो रहे हैं।
  • कश्मीर में हमने सफलतापूर्वक चुनाव कराए। अब उस हिस्से की वापसी का इंतजार कर रहे हैं, जो पाकिस्तान के कब्जे में है। जिस दिन यह मिल जाएगा, कश्मीर मुद्दे का पूरी तरह से समाधान हो जाएगा।

पीओके की वापसी पर राष्ट्रीय प्रतिबद्धता :

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वहीँ विदेश मंत्री एस जयशंकर ने 9 मई, 2024 को भी कहा था कि पाकिस्तान के कब्जे वाला कश्मीर (पीओके) भारत का हिस्सा है और सभी भारतीय राजनीतिक दल इसे वापस लाने के लिए प्रतिबद्ध है। दिल्ली विश्वविद्यालय के गार्गी कॉलेज में छात्रों से संवाद के दौरान उन्होंने बताया था कि हमारी संसद का एक प्रस्ताव है कि पीओके भारत का अभिन्न अंग है। देश का हर राजनीतिक दल इसे भारत में वापस लाने के लिए प्रतिबद्ध है। विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा, जम्मू कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटने के बाद पीओके के मुद्दे पर सोचने का नया नजरिया मिला है। पीओके को ज्यादातर लोग भूल चुके थे, लेकिन अनुच्छेद 370 हटने के बाद यह मुद्दा फिर से राष्ट्रीय चेतना में जाग्रत हो गया। कोई चीज पाने के लिए पहले उसे विचारों में लाना जरूरी होता है। इसके लिये भारत सरकार अपनी योजना को अमलीजामा पहनाने में लगी हुई है।

कटक में भी दोहराया था संकल्प :

विदेश मंत्री एस जयशंकर ने 5 मई, 2024 को भी ओडिशा के कटक में पीओके पर भारत की रणनीति स्पष्ट की थी। यहां मौजूद लोगों को संबोधित करते हुए विदेश मंत्री ने कहा था कि पीओके कभी भी भारत से बाहर नहीं रहा। यह भारत का अभिन्न हिस्सा है। इसे वापस लेना हमारी राष्ट्रीय जिम्मेदारी है। संसद ने भी संकल्प पारित किया है। जयशंकर ने कहा, आजादी के शुरुआती वर्षों में पाकिस्तान से इस क्षेत्र को खाली करने के लिए न कहना दुखद पहलू है। पीओके के मुद्दे को जानबूझकर भुलाया गया था, लेकिन हमने इसे पुन: राष्ट्रीय सोच का हिस्सा बनाया है। 

जयशंकर पर हमले की कोशिश :

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ब्रिटेन की राजधानी लंदन में खालिस्‍तानियों ने भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर के कार पर हमले की कोशिश की है। यही नहीं बड़ी तादाद में जमा हुए खालिस्‍तानियों ने तिरंगे को भी फाड़ दिया। भारतीय विदेश मंत्री लंदन के चैथम हाउस थिंक टैंक के एक कार्यक्रम में पहुंचे थे। लंदन में हुई इस घटना पर भारत ने बहुत तीखी प्रतिक्रिया दी है। भारत ने कहा कि यह उकसावे वाली कार्यवाही है और लोकतांत्रिक स्‍वतंत्रता का अलगाववादी गलत फायदा उठा रहे हैं। वहीं एक्‍सपर्ट का कहना है कि ब्रिटेन लंबे समय से भारत के भगोड़े लोगों और आंतकियों का सुरक्षित ठिकाना बन गया है। उन्‍होंने भारत को ब्रिटेन ने से एफटीए करने पर चेतावनी भी दी है। वहीँ इस हमले के दौरान एक खालिस्तान समर्थक ने विदेशमंत्री के सामने तिरंगा फाड़ने की घटना को अंजाम दिया है