सभी संस्थाओं पर लागू होते है ये नियम, अब राज्य में मस्जिदों से मांगी गई आय-व्यय की रिपोर्ट, अब करना होगा ऐसा काम….।

रायपुर : क़ानूनी तौर पर किसी संस्था के पंजीयन का नियम पालन करना अति आवश्यक होता है, जिसका कम से कम बैठकों और आय-व्यय का लेखा जोखा रखना आवश्यक होता है ऐसे ही अब छत्तीसगढ़ वक्फ बोर्ड की संपत्तियों के हिसाब-किताब के बाद अब मस्जिदों को भी आय-व्यय के एक-एक रुपये की जानकारी देनी होगी। अभी तक मस्जिदें इससे मुक्त थीं। राज्य वक्फ बोर्ड ने 1,223 मस्जिदों के मौलानाओं को ऑडिट कराने का आदेश जारी किया है, जिसके बाद से अब मस्जिदों को भी संस्था पंजीयन के नियमों का पालन करना अनिवार्य होगा।

छत्तीसगढ़ राज्य में 1,800 से अधिक छोटी-बड़ी मस्जिदें हैं, लेकिन फिलहाल उन्हें ही आदेश जारी किया गया है, जिनकी आमदनी ज्यादा है। राज्य वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष डॉ. सलीम राज का कहना है कि मस्जिदों की राशि के दुरुपयोग की लगातार शिकायतें पहुंच रही थीं।

बैंक में अपना खाता खुलवाना होगा :

इसलिए आय-व्यय में पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए यह कदम उठाया गया है। मस्जिदों को बैंक में अपना खाता खुलवाना होगा। वक्फ बोर्ड की ओर से पोर्टल तैयार किया जा रहा है। इसमें मौलाना को आमदनी और खर्च का हिसाब डालना जरूरी होगा। ऐसा नही किया तो बोर्ड ने कहा है कि यदि तीन साल तक ऑडिट नहीं है, तो जिम्मेदार व्यक्ति को जेल तक जाना पड़ सकता है। वक्फ बोर्ड अपनी संपत्ति से होने वाली कमाई और मस्जिदों की आमदनी से 30 प्रतिशत राशि शिक्षा पर खर्च करेगा। बोर्ड का अनुमान है कि बड़ी मस्जिदों में महीने की कमाई डेढ़ लाख और वर्षभर में 15 से 20 लाख रुपये तक होती है।

छह मुतवल्लियों को हटाया :

वहीँ मस्जिदों से त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव के दौरान समाज के लोगों से कांग्रेस के पक्ष में मतदान करने की अपील की गई थी। इस बार में बोर्ड ने मुतवल्लियों को नोटिस देकर जवाब मांगा था। जवाब संतोषजनक नहीं पाए जाने पर बोर्ड ने छह मुतवल्लियों को भी पद से हटा दिया गया है।

ये है संस्था पंजीयन के नियम पालन :

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संस्था के पंजीयन के बाद, आपको संस्था के नियमों और विनियमों का पालन करना अनिवार्य होता है, नियमित बैठकें आयोजित करनी होती हैं, और वार्षिक रिपोर्ट जमा करनी होती है। साथ ही, आयकर विभाग से पैन और टीएएन प्राप्त करना आवश्यक है।

  • नियमों और विनियमों का पालन : संस्था के नियमों और विनियमों का पालन करना आवश्यक है, जो संस्था के उद्देश्यों और कामकाज को निर्धारित करते हैं।
  • नियमित बैठकें : संस्था को नियमित रूप से बैठकें आयोजित करनी चाहिए, जिसमें सदस्यों को शामिल किया जाना चाहिए।
  • वार्षिक रिपोर्ट : संस्था को हर साल अपनी गतिविधियों और वित्तीय स्थिति के बारे में रजिस्ट्रार को रिपोर्ट जमा करनी चाहिए।
  • आयकर विभाग से पैन और टीएएन : संस्था को आयकर विभाग से पैन (स्थायी खाता संख्या) और टीएएन (कर कटौती और संग्रह खाता संख्या) प्राप्त करना चाहिए, जो आयकर रिटर्न दाखिल करने और वित्तीय लेनदेन करने के लिए आवश्यक हैं।
  • खातों और रिकॉर्ड का रखरखाव : संस्था को अपने खातों और रिकॉर्ड को व्यवस्थित तरीके से रखना चाहिए। 
  • सदस्यों के बीच संबंध : संस्था को अपने सदस्यों के बीच संबंधों को स्पष्ट करना चाहिए, जो संगठन के अध्यक्ष और सचिव द्वारा शपथ पत्र के माध्यम से किया जाना चाहिए।
  • संस्था के उद्देश्यों को बढ़ावा देना : संस्था को अपनी आय या संपत्ति का उपयोग अपने उद्देश्यों को बढ़ावा देने के लिए करना चाहिए।
  • संस्था के काम-काज का प्रबंधन : व्यवस्थापकों, परिषद् निदेशकों, समिति या अन्य शासी निकाय को संस्था के काम-काज का प्रबंधन सौंपा गया है।
  • संस्था के पंजीयन के नवीनीकरण : संस्था को समय-समय पर अपने पंजीयन को नवीकृत करना चाहिए।
  • अधिनियम के प्रावधानों का पालन : संस्था को सोसाइटी रजिस्ट्रेशन एक्ट, 1860 और अन्य संबंधित अधिनियमों के प्रावधानों का पालन करना चाहिए।
  • संस्था के सदस्यों की संख्या : संस्था में कम से कम सात या उससे अधिक व्यक्ति होने चाहिए।
  • संस्था के सदस्यों की पहचान : संस्था के सदस्यों की पहचान के लिए आवश्यक दस्तावेज जमा करने चाहिए। 
  • संस्था के उद्देश्यों की घोषणा : संस्था को अपने उद्देश्यों की घोषणा करनी चाहिए।
  • संस्था के सदस्यों के लिए सदस्यता नियम : संस्था को अपने सदस्यों के लिए सदस्यता नियम बनाने चाहिए।

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उपरोक्त प्रकार के ऐसे ही कई नियम जो संस्था के पंजीयन के समय बताये जाते है, उनका पालन करना सभी संस्थानों के लिये आवश्यक है, ऐसा न करने पर जेल जाने की कार्यवाही का शिकार भी होना पड़ सकता है। ऑडिट करना अथवा करवाना पंजीयक की जिम्मेदारी है, ऐसे में बिना शिकायत के भी संस्थाओं की ऑडिट की जा सकती है। आमतौर पर यदि किसी संस्था के विरुद्ध अगर पंजीयक को शिकायत मिलती है तो वह संस्था सीधे कार्यवाही की जद में आ सकती है।