रायपुर : पहले के समय में रजिस्ट्री का नियम था कि जितने में सौदा हुआ है, उस आधार पर ही रजिस्ट्री दर ली जाती थी, लेकिन लोगों ने उसमें सौदे कम दिखाये तो सरकार ने जमीनों की दरें सरकार के आधार पर तय कर दी, ऐसे में अब शहर में जमीनों की गाइडलाइन दरें सरकार द्वारा बढ़ाने की तैयारी है। इससे जमीन की कीमतें सरकारी तौर पर बढ़ जाएंगी। पिछले 6 साल से गाइडलाइन दरें नहीं बढ़ाई गई हैं। साथ ही सालभर पहले रजिस्ट्री में मिलने वाली 30 फीसदी की छूट भी खत्म कर दी गई है। इस साल इसे करीब 10 फीसदी बढ़ाने की तैयारी है। गाइडलाइन दरें बढ़ने से जमीनों का रेट बढ़ेगा, लेकिन लोन लेने में लोगों को आसानी होगी। अधिकारियों का दावा है कि गाइडलाइन रेट बढ़ने से काली कमाई का पैसा जमीनों में इन्वेस्ट करना भी कम हो जायेगा। काली कमाई का अधिकांश पैसा जमीनों में लगाया जाता है।
राजधानी में बड़ी संख्या में जमीनों पर अंधाधुंध निवेश किया जा रहा है। बताया जाता है कि जमीनों पर कई अधिकारी, नेता अपनी काली कमाई को निवेश के रूप में लगा रहे हैं। दरअसल, गाइडलाइन दर कम होने से उसी रेट में रजिस्ट्री होती है। इससे अफसरों, नेताओं और उनके रिश्तेदार अपनी उतनी आय आसानी से दिखा देते हैं। जमीन का बाकी का पैसा कच्चे में लेन-देन करते हैं। इनके लिए जमीनों की गाइडलाइन दर जितनी कम होगी, उतना अच्छा होता है। ऐसे में अब इस पर भी रोक लगेगी।
इन इलाकों में ज्यादा कारोबार :
विधानसभा, कचना, रिंग रोड नंबर-3, धमतरी रोड, वीआईपी रोड, सेजबहार, माना, अभनपुर, खरोरा रोड आदि क्षेत्रों में जमीनों का जमकर कारोबार हो रहा है। इन क्षेत्रों में अवैध प्लॉटिंग भी जोरों पर है। गाइडलाइन दर बढ़ने की आशंका में अधिकांश लोग जमीन खरीदी-बिक्री कर रहे हैं। 31 मार्च तक इसमें और तेजी आयेगी। इसके चलते रजिस्ट्री कार्यालय में भीड़ ज्यादा लगने लगी है। भीड़ बढ़ने के चलते ही रजिस्ट्री का समय दो घंटे बढ़ा दिया गया है। बुकिंग स्लॉट भी बढ़ा दिया गया है। इससे रजिस्ट्री विभाग में राजस्व भी बड़ी तेजी से अ रहा है।
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