छत्तीसगढ़ में विधानसभा के उपाध्यक्ष के रूप में निर्विरोध चुने गए संतराम नेताम, केशकाल के विधायक का ऐसा रहा सफर…

रायपुर। केशकाल विधायक और कांग्रेस नेता संतराम नेताम को छत्तीसगढ़ विधानसभा के नए उपाध्यक्ष के रूप में चुना गया है। बुधवार को विधानसभा में उन्हें सर्व सम्मति से उपाध्यक्ष चुना गया।

कल कांग्रेस विधायक दल की बैठक में उनके नाम पर सहमति बनी थी। आज नामांकन भरना था लेकिन एक ही नामांकन होने के कारण उपाध्यक्ष के रूप में उनके नाम का ऐलान कर दिया गया है।

जानिए विधायक संतराम के बारे में
संतराम एक मुखर वक्ता भी है और आदिवासी समाज में उनकी पकड़ बहुत है। संतराम लोगों से जुड़े हुए है। वे कभी शादी-समारोह में बैंड बजाते तो कभी रामलीला के मंच में कुंभकर्ण की भूमिका निभाते संतराम नेताम को देखा होगा। विधानसभा में विपक्ष के विधायक के रूप में या सत्ता पक्ष के रूप में अपनी बात पुरजोर तरीके से रखते हैं।

17 साल तक की पुलिस की नौकरी
संतराम नेताम का जन्म 2 मई 1972 को कोंडागांव के विश्रामपुरी ब्लॉक के पलना गांव में हुआ था। उन्होंने एमए एलएलबी तक की शिक्षा ग्रहण की और फिर 17 साल तक पुलिस विभाग में नौकरी की। समाज सेवा के लिए नेताम ने पुलिस की नौकरी छोड़ी और राजनीति में आए। विधायक बनने से पहले बड़े राजपुर जनपद पंचायत से BDC मेंबर (जनपद सदस्य) भी चुने गए।

उनके माता-पिता बड़े राजपुर ब्लॉक के ग्राम पलना में रहते हैं। उनके पिता बीरसिंह नेताम सहकारी समिति सलना के अध्यक्ष हैं। उनकी मां मुन्नी नेताम ग्राम पंचायत पलना की 2005 से 10 तक सरपंच रह चुकी हैं।

2013 में पहली बार बने विधायक
संतराम नेताम 2013 में पहली बार विधायक चुने गए। इसके बाद 2018 में दूसरी बार विधायक बने। वे 2014-15 में विधानसभा में शासकीय आश्वासनों संबंधी समिति के सदस्य रहे। 2016-17 में प्राक्कलन समिति, आचरण समिति, याचिका समिति और 2017-18 में पुस्तकालय समिति के सदस्य रहे।

2018-20 में प्राक्कलन समिति और 2018-19 में याचिका समिति के सदस्य रहे। 2019-20 में सभापति प्रश्न एवं संदर्भ समिति रहे। 2019-21 में सदस्य सामान्य प्रयोजन समिति रहे। 2020 में उपाध्यक्ष बस्तर विकास प्राधिकरण बने।