रायपुर : बीते कार्यकाल में सभापति रही मीनल चौबे से आम जनता को बड़ी उम्मीदें थी, 70 में से 60 जगहों से भारी बहुमत से जीतने के बावजूद शहर की जल व्यवस्था चरमरा गई है, वर्तमान में महापौर मीनल चौबे से आम जनता को भरोसा था कि उनकी उम्मीदें पूरी होंगी लेकिन अभी से पानी के हालात ख़राब हो गये है, जैसे-जैसे गर्मी बढ़ रही है, पानी की समस्या विकट होती जा रही है। गांव के अलावा नगर में इन दिनों पानी को लेकर लोगों की दिनचर्या प्रभावित हो रही है। सुबह उठते ही पानी की चिंता सताने लगती है। नदी, तालाबों का जलस्तर कम होने से कुंए सूख रहे है, बोर भी जवाब देने लगे हैं। नगर के लोगों को दूर से पानी लाना पड़ता है। इसी कड़ी में नगर पंचायत लवन में पानी की समस्या विगत एक सप्ताह से विकराल रूप से बनी हुई है।
वहीँ राजधानी में इस साल की गर्मी और पानी की समस्या भयावह नजर आ रही है। इससे भूवैज्ञानिक भी चिंतित हैं, क्योंकि इस साल पानी रेकॉर्ड स्तर से नीचे चला गया है। शहर के कई इलाके ऐसे हैं जहां 1100 फीट नीचे भी पानी नहीं मिल पा रहा है। यहीं स्थिति रही तो वो दिन दूर नहीं जब रायपुर की स्थिति बेंगलूरु जैसी हो जाएगी। केंद्रीय भू-जल बोर्ड के अनुसार रायपुर के तोर, सांकरा, गोदवारा, दलदल सिवनी, निमोरा ऐसे एरिया हैं, जहां पानी बहुत नीचे चला गया है। वहीँ अमृत जल योजना की व्यवस्था भी गड़बड़ हो गई है, कई क्षेत्रों में पानी ही नहीं आ रहा है। वहीँ बीते वर्ष जिन क्षेत्रों में भूजल की समस्या मई के माह में शुरू हुई थी वहीँ अभी से उन सभी क्षेत्रों में बुरा हाल है।
नगर पंचायत लवन में 15 वार्ड हैं। इन सभी वार्डों में पानी की समस्या बनी हुई है। हालांकि नगर पंचायत लवन के द्वारा तीन टैंकरों के माध्यम से वार्डों में पानी पहुंचाया जा रहा है, जो नाकाफी है। इसी तारतम्य में नगर पंचायत लवन में वार्ड क्रमांक-4 के पार्षद प्रकाश ताम्रकार खुद अपने खर्चे से टैंकर उपलब्ध करा वार्डवासियों की प्यास बुझा रहे हैं। इसी को ध्यान में रखते हुए प्रकाश ताम्रकार ने अपने स्वयं के खर्च पर नया टैक्टर और टैंकर लिया, जिसमें पानी भरकर अपने वार्डों सहित अन्य वार्डों में पानी पहुंचाने का काम कर रहे हैं।
जानें इन क्षेत्रों में कितने फीट पर पानी :
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सड्डू: वर्ष 2010 में 400 फीट की गहराई पर पानी था। अब सड्डू के कई इलाकों में 1100 फीट नीचे भी पानी नहीं मिल रहा है।
भनपुरी: यहां वर्ष 2015 में 600 फीट पर पानी मिलता था, अब 900-1000 फीट नीचे पानी चला गया है।
मोवा: पिछले साल तक यहां 270 फीट पर पानी मिलता था, लेकिन इस साल 925 फीट पर पानी मिल रहा है।
अवंति विहार: पहले यहां 500 फीट पर पानी होता थी, अब 700-800 फीट चला गया है।
निमोरा: यहां भी अभी पानी 750 फीट से ज्यादा की खुदाई पर पानी मिल रहा है।
राजेंद्र नगर: यहां पहले लगभग 400 फीट नीचे पानी था, अब 700-800 फीट से नीचे पहुंच गया है।
शांति नगर: पहले 300 फीट पर, अब 450-500 फीट नीचे है पानी।
पेयजल समस्याओं के लिए कंट्रोल रूम का गठन, इस टोल फ्री नंबर पर कर सकते है कॉल :
गर्मी के दिनों मैदानी स्तर पर पेयजल की समस्याओं के त्वरित निराकरण और जिले में पेयजल की सुचारू व्यवस्था बनाए रखने के लिए वर्ष 2025 में जिला स्तर और उपखंड स्तर पर कंट्रोल रूम का गठन किया गया है। आमजनों के लिए विभागीय टोल फ्री नं. 1800-233-0008 एवं कार्यालय के कंट्रोल रूम का फोन नं. 07771-2582223 जारी किया गया है।



