नई दिल्ली : लोकसभा ने बुधवार को विभिन्न विपक्षी दलों के सदस्यों के कड़े विरोध के बीच वक्फ (संशोधन) विधेयक, 2025 को पारित कर दिया गया है, जिसको लेकर आम लोगों ने काफी ख़ुशी जताई है तो वहीँ अग्निपरीक्षा अब भी बाकी है। इस बिल के पक्ष में 288 सांसदों ने वोट किया है, जबकि जबकि बिल के विरोध में 232 वोट पड़े। विपक्ष के सांसदों ने चर्चा के दौरान बिल के खिलाफ 100 से ज्यादा संशोधन प्रस्ताव दिए गये, लेकिन वोटिंग के दौरान विपक्ष के सभी संशोधन गिर गए। चर्चा के दौरान सरकार ने कहा कि अगर वह वक्फ संशोधन विधेयक नहीं लाती है, तो संसद भवन समेत कई इमारतें दिल्ली वक्फ बोर्ड के पास चली जातीं और कांग्रेस के शासनकाल में वक्फ संपत्तियों का सही से प्रबंधन होता तो केवल मुसलमानों की ही नहीं, बल्कि देश की तकदीर भी बदल जाती।
वहीँ राज्यसभा में समर्थन अंकों की बात करें तो कुल मौजूद सदस्यों की संख्या 236 है। वहीँ अब वक्फ संशोधन बिल पास कराने के लिए 119 सांसदों के समर्थन की महती जरूरत है। मनोनीत और निर्दलीय सदस्यों को मिलाकर एनडीए का आंकड़ा 125 पहुंच जाता है। वहीं विपक्षी दलों की बात करें तो वहां उनकी 95 है। वहीं 16 सदस्य ऐसे हैं जिनपर अभी भी रहस्य बना हुआ है, ऐसे में बिल पास होते होते भी रुक सकता है। आइये जानते हैं राज्यसभा में क्या है नंबरों का खेल।
वक़्फ़ बिल का समर्थन (NDA) :
- भाजपा 98
- जदयू 4
- राकांपा 3
- तेदेपा 2
- जेडीएस 1
- आरपीआई (अठावले) -1
- शिवसेना 1
- एजीपी 1
- आरएलडी 1
- यूपीपीएल 1
- आरएलएम 1
- पीएमके 1
- टीएमसी-एम 1
- एनपीपी 1
- निर्दलीय 2
- मनोनीत 6
कुल 125
वक़्फ़ बिल का विरोध (इंडिया गठबंधन) :
- कांग्रेस 27
- टीएमसी 13
- डीएमके 10
- एसपी 4
- आप 10
- वाईएसआरसी 7
- आरजेडी 5
- जेएमएम 3
- सीपीआईएम 4
- सीपीआई 2
- आईयूएमएल 2
- एनसीपी – पवार 2
- शिवसेना – यूबीटी 2
- एजीएम 1
- एमडीएमके 1
- केसीएम 1
- निर्दलीय 1
कुल 95
वक़्फ़ बिल पर सस्पेंस :
- बीआरएस 4
- बीजेडी 7
- एआइएडीएमके 4
- बीएसपी 1
कुल 16
धार्मिक कामकाज में हस्तक्षेप नहीं :
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केंद्रीय अल्पसंख्यक कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने लोकसभा में वक्फ (संशोधन) विधेयक, 2025 को चर्चा और पारित कराने के लिए रखते हुए यह भी कहा कि इसके माध्यम से सरकार और वक्फ बोर्ड मस्जिद समेत किसी धार्मिक संस्था के किसी धार्मिक कामकाज में हस्तक्षेप नहीं करेंगे। उन्होंने वक्फ संशोधन विधेयक के खिलाफ विपक्षी दलों के दावों को खारिज करते हुए कहा है कि 1995 में जब कई संशोधनों के साथ व्यापक कानून बनाया गया था, तब किसी ने नहीं कहा था कि यह असंवैधानिक और गैरकानूनी है। रिजिजू ने कहा, ‘‘आज हम इसे सुधार कर ला रहे हैं तो यह असंवैधानिक लग रहा है। वहीँ इस मामले पर कांग्रेस संसदीय दल की बैठक में सोनिया गांधी ने कहा कि वक्फ बिल को जबरन पास कराया गया है, यह संविधान पर खुला हमला है। उन्होंने कहा “कल, वक्फ संशोधन विधेयक, 2024 लोकसभा में पारित हो गया, और आज इसे राज्यसभा में पेश किया जाना है। विधेयक को वास्तव में जबरन पारित किया गया।
वक्फ की संपत्तियां बेचनेवालों पर लगेगी लगाम :
केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने कहा कि वक्फ की संपत्तियां बेच खाने वाले को इससे बाहर निकालने के लिए यह कानून लाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि इस संशोधन विधेयक का उद्देश्य औने-पौने दाम पर सौ साल के लिए वक्फ की जमीन किराये पर देने वाले लोगों को पकड़ना है। शाह ने कहा, ‘‘यह पैसा जो चोरी होता है, उसे पकड़ने का काम वक्फ बोर्ड करेगा।’’ उन्होंने विपक्षी दलों पर निशाना साधते हुए कहा कि उनके राज्य में (वक्फ की जमीन के लिए) जो मिलीभगत चल रह रही है वह अब नहीं चलेगी। गृह मंत्री ने कहा, ‘‘वे कहते हैं कि इसका (वक्फ की संपत्ति) हिसाब-किताब न करो, लेकिन इसका पैसा देश के गरीबों के लिए है न कि धन्ना सेठों के चोरी करने के लिए है।’’ शाह ने दावा किया कि विधेयक के कानून का रूप लेने के चार साल के अंदर मुस्लिम भाइयों को पता चल जाएगा कि यह कानून उनके फायदे में हैं। वहीँ दूसरी तरफ विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने कहा “वक्फ (संशोधन) विधेयक मुसलमानों को हाशिए पर धकेलने और उनके निजी कानूनों और संपत्ति के अधिकारों को हड़पने के उद्देश्य से बनाया गया एक हथियार है। आरएसएस, भाजपा और उनके सहयोगियों द्वारा संविधान पर यह हमला आज मुसलमानों पर लक्षित है, लेकिन भविष्य में अन्य समुदायों को निशाना बनाने के लिए एक मिसाल कायम करता है।
सपा और कांग्रेस ने कहा – समस्या बढ़ेगी :
सपा सुप्रीमो अखिलेश यादव ने लोकसभा में कहा कि अपनी नाकामी पर पर्दा डालने के लिए सरकार वक्फ (संशोधन) विधेयक लाई और यह सत्तारूढ़ भाजपा का ‘‘सियासी हठ’’ है तथा ‘‘उसकी सांप्रदायिक राजनीति का एक नया रूप’’ है। उन्होंने विधेयक पर चर्चा में हिस्सा लेते हुए कहा कि वक्फ से जुड़े जिन मुद्दों पर फैसला लिया जाना था उन्हें इस विधेयक में अहमियत नहीं दी गई है। कांग्रेस सांसद गौरव गोगोई ने लोकसभा में बुधवार को आरोप लगाया कि एक विशेष समुदाय की जमीन पर सरकार की नजर है। उन्होंने दावा किया कि मौजूदा वक्फ कानून में संशोधन होने पर देश में मुकद्दमेबाजी बढ़ेगी। उन्होंने सदन में वक्फ (संशोधन) विधेयक पर चर्चा की शुरुआत करते हुए कहा कि वह यह नहीं कर रहे हैं कि संशोधन की जरूरत नहीं है, बल्कि संशोधन होना चाहिए और ‘‘हम इसके विरोध में नहीं हैं।’’ गोगोई ने कहा, ‘‘ यह कानून को और मजबूत बनाने के लिए होना चाहिए लेकिन इस विधेयक से देश में और समस्या बढ़ेगी, मसले बढ़ेंगे और मुकदमेबाजी भी बढ़ेगी।’’
वहीँ दूसरी तरफ शिवसेना सांसद नरेश म्हस्के ने कहा, “एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी मुसलमानों के ‘मसीहा’ बनने की कोशिश कर रहे थे। उन्होंने विधेयक की कॉपी फाड़ दी। टीएमसी, एसपी, कांग्रेस, डीएमके के नेताओं ने खुद को अल्पसंख्यकों का नेता दिखाने के लिए नाटक किया। विपक्ष ने अपना काम किया और मुस्लिम समुदाय को गुमराह करने के लिए सब कुछ किया।”