रायपुर : पिछले साल अहाते अपनी आवश्यकता से अधिक महंगे दामों पर नीलाम हुये थे, जिसके बाद उनका संचालन नहीं हो पाया और व्यवस्था गड़बड़ा गई थी, वहीँ गंज का अहाता सबसे महंगे में गया था 95 लाख रूपये में, वहीँ अब जानकारी सामने आई है कि आबकारी विभाग की नई पॉलिसी के तहत शासकीय शराब दुकानों के पास खोले गए अहाता का ठेका 31 मार्च को खत्म हो गया है, जिसके बाद सभी अहाते भी बंद हो गए हैं। विभाग ने इस पॉलिसी में अब आंशिक संशोधन किया गया है। इसके तहत अब ठेका एक वर्ष के लिए नहीं, बल्कि दो वर्ष के लिए दिया जायेगा। यानी एक अप्रैल 2025 से लेकर 31 मार्च 2027 तक के लिए अहाता ठेके पर दिया जाएगा।
अहाता के लिए विभाग ने ऑनलाइन टेंडर भी जारी कर दिया गया है। इसके तहत 11 अप्रैल तक आवेदन लिए जाएंगे। इस बार भी ठेका उसी को मिलेगा, जो आवेदन में अहाता के लिए सबसे ज्यादा बोली लगायेगा। हालांकि रायपुर जिले में पहली बार अहाता पाने के लिए लोगों ने बढ़-चढ़कर बोली लगाई थी, जिसके कारण प्रत्येक अहाता विभाग द्वारा निर्धारित की गई बोली से दोगुना से चारगुना अधिक कीमत पर गया था। इस कारण 51 ठेकेदारों को अहाता सरेंडर करने के कारण ब्लैक लिस्टेड भी किया गया है। ऐसे में इस बार वो इस नीलामी में भाग नहीं ले सकते है।
रायपुर जिले में 61 में 29 अहातों को चला नहीं पाए ठेकेदार :
रायपुर जिले में 61 अहाते ठेके पर दिए गए थे, जिनमें से 29 अहातों को ठेकेदार चला नहीं पाए। इनमें से कई ठेकेदार तो विभाग को सूचित किए बगैर अहाता बंद कर फरार हो गये थे, वहीं कई ठेकेदारों ने सूचना दी, पर सरेंडर करने के बाद अनुबंध के अनुसार लाइसेंस फीस जमा नहीं की। इस तरह नियमों का पालन नहीं करने वाले 51 ठेकेदारों को विभाग ने ब्लैक लिस्टेड किया गया है। वहीँ अब नये सिरे इस बार अहातों की नीलामी की जायेगी।
3 बार टेंडर, 94 लाख रुपए तक गया था ठेका :
जिले में अहातों के लिए 3 बार टेंडर निकाले गए थे। ये अहाते एक मई 2024 से 31 मार्च 2025 तक के लिए दिए गए हैं। पहला टेंडर 56 अहाताओं के लिए निकाला गया था। इसके लिए ऑनलाइन आवेदन मंगाए गए थे, जिनमें एक अहाता को छोड़कर सभी अहातों का टेंडर खुला था। इन अहातों का ठेका बोली पद्धति से हुआ था। सबसे अधिक बोली वाले आवेदक को अहाता का ठेका दिया गया था। पहले टेंडर में लोगों ने भी बढ़-चढ़कर बोली लगाई थी, जिसके कारण अहाते भी 25 लाख रुपए से लेकर 94 लाख रुपए तक गए थे। वहीँ महंगे में अहाते जाने के कारण अपनी समय सीमा पूरी नहीं कर सके थे।
20 करोड़ रुपए राजस्व का था टारगेट, 11 करोड़ की हुई आय :
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अहाता पॉलिसी के तहत विभाग को ठेके पर दिए गए अहाता से 20 करोड़ रुपए का राजस्व प्राप्त होना था, लेकिन ठेकेदारों के सरेंडर करने और फीस जमा नहीं करने के कारण टारगेट भी अधूरा रह गया। विभाग को अब तक अहाता से फीस के रूप में लगभग 10 करोड़ रुपए मिले हैं, जबकि लगभग पौने दो करोड़ रुपए बैंक गारंटी के रूप में जमा है। इस तरह कुल लगभग 12 करोड़ रुपए का राजस्व ही मिल पाया है, जो टारगेट से लगभग 8 करोड़ रुपए कम है। हालांकि यह आंकड़ा अनुमानित है, जो कम और ज्यादा भी हो सकता है। जिन्होंने अहाता नीलामी के बाद नहीं उठाया उनकी जमा रकम राजसात हो गई।
आठ करोड़ रुपए सरेंडर ठेकेदारों से होगी वसूली :
वहीँ अब अहाता सरेंडर होने के कारण विभाग को करीब 8 करोड़ रुपए का नुकसान होगा। इस राशि की रिकवरी के लिए विभाग अब पॉलिसी के नियम के तहत ठेकेदारों से वसूली करेगा। पॉलिसी के नियम में धारा 31 का भी उल्लेख है। इस धारा के तहत अब विभाग सरेंडर करने वाले ठेकेदारों से अनुबंध के अनुसार जो राशि तय हुई थी, उसकी वसूली भू-राजस्व की भांति करेगा। यानी 8 करोड़ रुपए उन ठेकेदारों से की जायेगी, जो नियम का पालन नहीं कर अनुबंध तोड़कर अहाता बंद कर चुके हैं। ऐसे में उन लोगों के लिये मुसीबत खड़ी हो जायेगी।
दो साल का ठेका, 11 अप्रैल तक मंगाए गए आवेदन :
रायपुर आबकारी विभाग उपायुक्त रामकृष्ण मिश्रा ने बताया कि, पुराना ठेका 31 मार्च 2025 को खत्म हो गया है। अब नया ठेका दो वर्ष के लिए दिया जायेगा। इसके लिए आवेदन 11 अप्रैल तक मंगाए गए हैं। सबसे ज्यादा बोली लगाने वाले को ठेका मिलेगा।



