बतौली/सेदम : माता – पिता की शिकायत रहती है कि बच्चे जिद्दी है और बात नहीं मानते है, समस्या का हल कैसे हो, लेकिन जिद्दी बच्चों को बार टोकना माता-पिता के लिये ही आजीवन दुःख देने वाला साबित हो जाता है। ऐसा ही एक मामला है जहाँ छत्तीसगढ़ के बतौली में परिजनों को अपने ही बेटे को फटकार लगाना भारी पड़ गया। नाबालिग छात्र को मोबाईल चलाने का जुनून सवार था, वह किसी बात नहीं सुनता था और जब परिजनों ने लगातार मोबाईल चलाने से मना किया तो गुस्से में आकर फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। इस मामले में जानकारी सामने आई है कि मृतक दिनभर फ़ोन में ही लगा रहता था जिसके कारण परिजन उसे अक्सर पढ़ाई के लिए कहते थे।
वहीँ इस मामले में मिली जानकारी के अनुसार, यह पूरा मामला सीतापुर थाना क्षेत्र अंतर्गत ग्राम महेशपुर का है। जहां के कसाईडीह में एक नाबालिग को उसके पिता विक्रम सिंह ने मोबाइल चलाने को लेकर फटकार लगाई थी। नाबालिग दिनभर मोबाइल में ही लगा रहता था। वह किसी की बात नहीं मानता था और लगातार मोबाईल में ही व्यस्त रहता था, जिससे उसकी पढ़ाई पर असर पड़ रहा था। वहीँ बार-बार टोकने से नाबालिग को परिजनों की नसीहत इतनी बुरी लगी की उसने आत्महत्या कर जीवन ख़त्म करने की ठान ली। जिसके चलते वह गुस्से में आकर जंगल में जाकर पेड़ पर झूल गया। घटना की सूचना मिलते ही परिजनों ऊपर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा है। वहीं मामले की जानकारी पुलिस को भी दे दी गई है लेकिन अभी तक पुलिस की टीम नहीं पहुंच पाई है।
ऐसी स्थिति में परिजन क्या करें :
वर्तमान में टीवी और फिल्मों के असर जहाँ संस्कृति लगातार दूषित हो रही है तो वहीँ बच्चे भी लगातार जिद्दी होते है, यदि उनसे कोई गलती भी हो जाये तो माता – पिता पहले उन्हें अपने भरोसे में लें की उन्हें डांटेंगे नहीं, जिससे बच्चा पानी गलती भी बताये और उसके बाद उसे समझाने में मेहनत करें, साथ ही बच्चे को कम उम्र से ही संस्कार देने का प्रयास करें, उन्हें हर बात को शालीनता और बिना गुस्से के समझाने का प्रयास करें वो भी नपे तुले शब्दों में।