युद्ध के लिये तैयार देश, 7 मई को होगी ‘मॉक ड्रिल’, किस स्थिति में क्या करें? जान लें ये जरुरी जानकारी….।

नई दिल्ली : भारत और पाकिस्तान की सीमा पर तनाव बढ़ता ही जा रहा है, जैसा की भारत की तैयारियां चल रही है, ऐसे में इस बार पाकिस्तान से भारत का युद्ध इस बार आर या पार वाला ही होगा। युद्ध की संभावनाओं के बीच केंद्रीय गृह मंत्रालय ने कल बड़ा फैसला किया है। केद्रीय गृह मंत्रालय ने सभी राज्यों को आदेश दिया कि वह सायरन बजवा कर लोगों को युद्ध वाला सायरन पहचनना सीखाएं और कैसे उस दौरान बचाव करना है इसे लेकर जागरूक किया जाए। गुजरात समेत कई राज्यों में 7 मई को मॉक ड्रिल करके तैयारियों को पुख्ता किया जायेगा। 

सायरन बजाने का उद्देश्य :

युद्ध के समय जब युद्ध का सायरन बजता है तो उसके कई मायने होते हैं। जैसे – हवाई हमले की वार्निंग के लिए सायरन बजाया जाता है। इसके अलावा एयरफोर्स के साथ रेडियो संपर्क को चालू करने के लिए, हमले के दौरान सिविल डिफेंस की तैयारियों की जांच के लिए, हमले के दौरान ब्लैकआउट एक्सरसाइज के लिए और कंट्रोल रूम की तैयारियों की जांच के लिए ये सायरन बजाए जाते हैं। 

भारत किसी भी स्थिति से निपटने के लिए पूरी तरह से तैयारियों में जुटा है। इस  बीच, केंद्रीय गृह मंत्रालय ने सभी राज्यों को 7 मई को मॉक ड्रिल करने को कहा गया है। देश भर के 244 चिह्नित जिलों में 7 मई को बड़े पैमाने पर सिविल डिफेंस मॉक ड्रिल के आयोजन का निर्देश दिया गया है, जिसका मुख्य उद्देश्य नागरिकों को युद्ध जैसी आपात स्थिति, विशेष रूप से हवाई हमले या अन्य हमलों से निपटने के लिए तैयार करना है।

नागरिकों के लिए दिशा निर्देश :

  1. मॉक ड्रिल के दौरान हवाई हमले की चेतावनी देने वाले सायरन बज सकते हैं। यह समझना आवश्यक है कि यह एक अभ्यास है, इसलिए घबराने की कोई जरूरत नहीं है। सायरन की आवाज सुनकर शांत रहें और प्रशासन के निर्देशों का पालन करें।
  2. सायरन बजने पर तुरंत खुले इलाकों से हट जाएं और किसी सुरक्षित इमारत, घर, या बंकर में शरण लें। यदि आप बाहर हैं, तो नजदीकी इमारत में प्रवेश करें और सायरन बजने के 5-10 मिनट के भीतर सुरक्षित स्थान पर पहुंचने का अभ्यास करें। यदि आपके क्षेत्र में बंकर उपलब्ध हैं, तो वहां जाएं।
  3. मॉक ड्रिल के दौरान ‘क्रैश ब्लैकआउट’ का अभ्यास होगा, जिसमें सभी लाइटें बंद कर दी जाएंगी, ताकि दुश्मन के लिए निशाना लगाना मुश्किल हो। अपने घर की खिड़कियों, रोशनदानों और दरवाजों को काले कपड़े या अन्य सामग्री से ढकें, ताकि कोई रोशनी बाहर न जाए। सड़क पर वाहन चलाते समय लाइटें बंद करें और वाहन को रोक दें, जैसा कि प्रशासन द्वारा निर्देशित हो।
  4. मॉक ड्रिल में नागरिकों और छात्रों को सिविल डिफेंस प्रशिक्षण दिया जाएगा। इसमें हमले की स्थिति में खुद को बचाने के तरीके सिखाए जाएंगे। प्रशिक्षण में भाग लें और आपात स्थिति में क्या करना है, इसकी जानकारी प्राप्त करें। इसमें बंकरों में छिपने, प्राथमिक चिकित्सा और निकासी योजनाओं का अभ्यास शामिल होगा।
  5. मॉक ड्रिल में निकासी योजनाओं का अभ्यास होगा, जिसमें लोगों को सुरक्षित स्थानों पर ले जाया जाएगा। प्रशासन के निर्देशों का पालन करें और निकासी के दौरान शांत रहें। अपने परिवार के साथ निकासी योजना के बारे में पहले से चर्चा करें और अपने नजदीकी निकासी मार्ग और सुरक्षित स्थान की जानकारी रखें।
  6.  टीवी, रेडियो और सरकारी अलर्ट्स पर ध्यान दें। मॉक ड्रिल के दौरान प्रशासन की ओर से महत्वपूर्ण सूचनाएं प्रसारित की जाएंगी। अफवाहों से बचें और केवल आधिकारिक स्रोतों से जानकारी लें।
  7. मॉक ड्रिल के दौरान आपातकालीन किट की उपयोगिता समझाई जा सकती है। इसमें पानी, सूखा भोजन, प्राथमिक चिकित्सा किट, टॉर्च, बैटरी, महत्वपूर्ण दस्तावेजों की कॉपी, अतिरिक्त कपड़े और कंबल शामिल होने चाहिए। सुनिश्चित करें कि यह किट आसानी से उपलब्ध हो।
  8. स्थानीय प्रशासन, सिविल डिफेंस वॉलंटियर्स और पुलिस के साथ सहयोग करें। यदि आप सिविल डिफेंस या होम गार्ड के साथ जुड़े हैं, तो अपनी जिम्मेदारियों को समझें और दूसरों की मदद करें। पड़ोसियों और समुदाय के साथ मिलकर काम करें, ताकि सभी लोग सुरक्षित रहें।
  9. बच्चों को ड्रिल के बारे में पहले से समझाएं ताकि वे घबराएं नहीं। उन्हें सायरन और ब्लैकआउट की प्रक्रिया के बारे में बताएं। बुजुर्गों और विशेष जरूरतों वाले लोगों की सहायता करें ताकि वे सुरक्षित स्थान तक पहुंच सकें।
  10. सोशल मीडिया या अन्य स्रोतों से आने वाली अपुष्ट खबरों पर विश्वास न करें। केवल सरकारी चैनलों और स्थानीय प्रशासन के निर्देशों का पालन करें।

युद्ध का सायरन बजे तो क्या करें?

  • सबसे पहले सुरक्षित स्थानों की तरफ जाएं और बचें।
  • 5 से 10 मिनट में सेफ लोकेशन पर पहुंचे।
  • सायरन बजे तो बिल्कुल भी पैनिक न हों।
  • सायरन बजते ही खुले इलाकों से हट जाएं।
  • टीवी, रेडियो पर अलर्ट ध्यान से सुनें।

कैसे पहचाने युद्ध के सायरन को?

युद्ध के समय जो युद्ध का सायरन बजेगा, वह 2 से 5 किमी दूर तक सुनाई देगा, ऐसे में हर नागरिक को सावधान रहना जरुरी है। युद्ध का सायरन आम अलार्म की तरह होगा लेकिन एंबुलेंस की सायरन जैसा नहीं उससे अलग होगा। यह तेज आवाज वाला वार्निंग सिस्टम होगा जो 120-140 डेसिबल तक का आवाज करता है। इसका मकसद होगा एयर स्ट्राइक की सूचना हमले से पहले देना, जिससे आम लोग अपनी सुरक्षा के लिये सतर्क हो सकें।