नई दिल्ली : राजनीती में विरोध करना एक आवश्यक अंग है, लेकिन क्या हर मुद्दे पर विरोध जरुरी है, या कम से कम राष्ट्रहित के मुद्दे पर राजनीती नहीं होनी चाहिये? आपको बता दें कि कांग्रेस के सांसद शशि थरूर ऑपरेशन सिंदूर को लेकर विदेशों में भेजे गए सांसदों के प्रतिनिधिमंडल में शामिल हैं और विदेशों में आतंकवाद के खिलाफ भारत की बात दुनिया के मंचों पर पुरजोर तरीके से रख रहे हैं, उनके नाम को भारत सरकार ने आगे किया था, जबकि कांग्रेस उनके नाम पर आपत्ति जताई थी। वे आतंकवाद को लेकर भारत के बदले हुए रुख से दुनिया को परिचित करा रहे हैं। इसी कड़ी में वे पनामा सिटी पहुंचे जहां उन्होंने अपने भाषण में आतंकवाद को लेकर बदले हुए रुख की बात की थी। लेकिन शशि थरूर का यह संबोधन अब कांग्रेस को ही खलने लगा है। इस मामले में कांग्रेस नेता उदित राज ने आरोप लगाया है कि शशि थरूर बीजेपी के लोगों से ज्यादा नरेंद्र मोदी का गुणगान कर रहे हैं। वे बीजेपी की पब्लिसिटी स्टंट के प्रवक्ता बन गए हैं।
उन्होंने कहा है कि भारत को निशाना बनाने वाले आतंकवादियों को हाल के वर्षों में एहसास हो गया है कि उन्हें इसकी कीमत चुकानी पड़ेगी। शशि थरूर ने कहा कि हम लगभग चार दशकों से लगातार हमले झेल रहे हैं। यह स्वीकार्य नहीं है कि हम दर्द, दुख, घाव, नुकसान सहते रहें और फिर अंतरराष्ट्रीय समुदाय से जाकर कहें कि देखो हमारे साथ क्या हो रहा है। कृपया हमारी मदद करें। कृपया अपराधियों की पहचान करने और उन पर मुकदमा चलाने के लिए अपराधियों पर दबाव डालें। इस तरह उन्होंने अपनी बात कही।
2008 के आतंकी हमले का किया उल्लेख :
वहीँ 2008 के मुंबई आतंकी हमलों का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा, “हमारे पास सारे सबूत थे। हमने एक आतंकवादी को जिंदा भी पकड़ा था। अजमल कसाब को जिंदा पकड़ने के लिए एक बहुत बहादुर पुलिसकर्मी ने अपनी जान दे दी थी। उसकी पहचान की गई, उसके घर, उसके पते, पाकिस्तान में उसके गांव की पहचान की गई। उन्होंने कहा कि न केवल भारत, बल्कि पश्चिमी खुफिया एजेंसियों के पास मुंबई में हत्यारों को रोजाना मिनट-दर-मिनट निर्देश देने वाले पाकिस्तानी हैडलर्स की डरावनी आवाज की रिकॉर्डिंग थी। सारे सबूत जमा किए गए और डोजियर तैयार किए गए। क्या हुआ? दोषी ठहराए जाने की बात तो दूर क्या एक भी व्यक्ति पर मुकदमा चलाया गया ? जवाब है नहीं। दुख की बात है कि पाकिस्तान ने आतंक को बढ़ावा देने की नीति अपनाई है। पाकिस्तान ने तो उन्हें अपना मानने से भी इंकार कर दिया।
आतंकियों को भी एहसास हो गया कि उन्हें कीमत चुकानी होगी :
वहीँ आगे थरूर ने कहा कि हाल के वर्षों में जो बदलाव आया है, वह यह है कि आतंकवादियों को भी एहसास हो गया है कि उन्हें इसकी कीमत चुकानी होगी। इस पर, कोई संदेह नहीं होना चाहिए। जब पहली बार भारत ने सितंबर 2015 में उरी में सर्जिकल स्ट्राइक करके भारत और पाकिस्तान के बीच नियंत्रण रेखा का उल्लंघन किया था। यह पहले से ही कुछ ऐसा था जो हमने पहले कभी नहीं किया गया था।”
शशि थरूर ने कहा कि कारगिल युद्ध के दौरान भी हमने नियंत्रण रेखा पार नहीं की थी, उरी में हमने ऐसा किया और फिर जनवरी 2019 में पुलवामा में हमला हुआ। हमने न केवल नियंत्रण रेखा बल्कि अंतरराष्ट्रीय सीमा भी पार की और बालाकोट में आतंकवादी मुख्यालय पर हमला किया। लेकिन पहलगाम हमले का बाद हम उन दोनों से आगे निकल गए हैं। हम न केवल नियंत्रण रेखा और अंतरराष्ट्रीय सीमा से आगे निकल गए हैं। हमने नौ जगहों पर आतंकी ठिकानों, प्रशिक्षण केंद्रों, आतंकी मुख्यालयों पर पाकिस्तान के अंदर जाकर हमला किया है। शशि थरूर ने आगे कहा कि हमारे प्रधानमंत्री ने इसे बहुत स्पष्ट कर दिया है। ऑपरेशन सिंदूर इसलिए जरूरी था क्योंकि ये आतंकवादी आए और 26 महिलाओं के माथे से सिंदूर मिटा दिया। हमने उनकी चीखें सुनीं और भारत ने फैसला किया कि सिंदूर का रंग, हमारी महिलाओं के माथे पर सिंदूर का रंग, हत्यारों, अपराधियों, हमलावरों के खून के रंग से भी मेल खायेगा। ऐसे में भारत अब अपनी तरफ से चूप नहीं बैठेगा।
शशि थरूर ने कहा, “हमारा मानना है कि जब पनामा संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के बयान में शामिल हुआ, तो उसने कहा ऐसे अपराधों के अपराधियों को पकड़ना ही पर्याप्त नहीं है, बल्कि उन देशों को भी जवाबदेह ठहराया जाना चाहिए जो उन्हें सुरक्षित पनाह, समर्थन और वित्त प्रदान करते हैं। मुझे लगता है कि यह संदेश हमारे पड़ोसी को बहुत स्पष्ट रूप से जाना चाहिए था; यह एक ऐसा संदेश है जिसके पीछे दुनिया खड़ी है।”
उदित राज ने शशि थरूर पर बोला हमला :
शशि थरूर के इस बयान पर कांग्रेस हमलावर हो गई है। कांग्रेस नेता उदित राज ने उन्हें बीजेपी का सुपर प्रवक्ता बताया दिया। उन्होंने कहा कि जो बीजेपी के लोग नहीं कर पा रहे हैं उससे ज्यादा शशि थरूर कर रहे हैं। शशि थरूर नहीं जानते हैं कि पहले की सरकारों ने क्या किया. पहले भी सेना सर्जिकल स्ट्राइक करती थी। लेकिन उसका ढोल नहीं पीटा जाता था। अब तो सेना का सारा श्रेय खुद ये ले रहे हैं। उदित राज ने कहा कि शशि थरूर बीजेपी की पब्लिसिटी स्टंट के प्रवक्ता बन गए हैं।



