पत्रकारों से मारपीट करने वाले बाउंसरों के जेल से छुटते ही जमकर स्वागत सत्कार, पत्रकारों के साथ आम आदमी के लिये भी चिंताजनक।

रायपुर : राजधानी में कानून को ठेंगा दिखाते हुये आरोपियों के जेल से छूटने के बाद स्वागत किया गया और वे लोग सड़कों पर घुमते हुये निकले। मामला है प्रदेश के सबसे बड़े सरकारी अस्पताल में निजी बाउंसरों ने पत्रकारों के साथ मारपीट की घटना को अंजाम दिया था, जिसके आड़ पत्रकारों में खासा आक्रोश पनप गया और उन्होंने मुख्यमंत्री आवास घेरने का प्रयास किया। इस घटना के बाद पुलिस ने कार्यवाही भी की, वहीं अब बदमाशों की रिहाई के बाद जश्न मनाने का एक वीडियो सामने आया है। देर रात जेल से बाहर आते ही बदमाशों को फूलों की माला पहनाकर जोरदार स्वागत किया गया। इस दौरान खुशी में जमकर फटाखे भी फोड़े गये। जो कि कानून व्यवस्था पर तो सवाल उठाता ही है,और साथ में अपराधियों के बुलन्द हौंसलों कि कहानी भी कहता है।

जेल से छूटने के बाद ऐसे हुआ स्वागत :

आरोपियों के जेल से बाहर आने के बाद वे लोग फिर फूलों की माला पहनाकर घूमे भी। बता दें कि यह वहीं सड़क है जहां एक सप्ताह पहले पुलिस ने चार आरोपियों के आड़े-तिरछे बाल काटकर जुलूस निकाला था। वहीं अब जेल से बाहर आने के बाद उसी सड़क में फूलों की माला पहनाकर घूमे। इस दौरान स्वागत के लिए भारी भीड़ रही। दूसरी ओर पुलिस वाले भी खड़े होकर तमाशबीन बनकर देखते रही। इस घटना ने आसपास के क्षेत्रवासियों में अपनी सुरक्षा को लेकर चिंता में डाल दिया।

सामने आया था यह पूरा मामला :

दरअसल उरला क्षेत्र में चाकूबाजी की घटना में घायल को अंबेडकर अस्पताल लाया गया था। इसकी सूचना पर इलेक्ट्रॉनिक मीडिया के वरिष्ठ पत्रकार वहां कवरेज के लिए अस्पताल पहुंचे। वहां निजी बाउंसर जतिन ने उन्हें अंदर जाने से मना किया। इसका विरोध करने पर गाली-गलौज करते हुए धक्कामुक्की भी की। इसकी सूचना मिलते ही दूसरे पत्रकार भी पहुंच गए। इसके बाद बाउंसरों ने अपने साथियों को भी बुला लिया और पत्रकारों पर हमले कर दिए, उनसे मारपीट भी की गई, इसमें कई पत्रकारों को चोटें आईं। ऐसे आम आदमी के लिये खबरें लाने के लिये प्रयासरत पत्रकारों को जान जोखिम का खतरा भी रहता है।

पत्रकार पर तान दी पिस्टल :

वहीँ इस घटना के इस दौरान बाउंसर वसीम अकरम उर्फ वसीम बाबू ने एक पत्रकार पर पिस्टल तानते हुए जान से मारने की धमकी दी। इसकी शिकायत पर आरोपी बाउंसर वसीम बाबू, जतिन गंजीर, सूरज राजपूत, मोहन राव गौरी के खिलाफ मौदहापारा पुलिस ने धारा 296, 115(2), 351(2), 126(2), 3(5) बीएनएस और 25, 27 आर्स एक्ट का अपराध दर्ज किया है। वसीम से पिस्टल और 22 जिंदा कारतूस जब्त किए थे। पुलिस ने चारों आरोपियों को पैदल घुमाते हुए जेल भेज दिया था। उनका बकायदा जुलूस भी निकाला गया था, जिसका प्रभाव अब धरा का धरा रह गया है।

चलता है कमीशन का खेल :

अंबेडकर अस्पताल में निजी बाउंसरों रखने को लेकर प्रबंधन पर सवाल उठ रहे हैं। बताया जाता है कि अंबेडकर ही नहीं अन्य सरकारी संस्थानों में वसीम के कई ठेके चलते हैं। इसके एवज में नेताओं-अफसरों तक कमीशन जाता है। कुछ माह पहले वसीम का एक ऑडियो भी वायरल हुआ था, जिसमें वह नेताओं और अफसरों को कमीशन देने का जिक्र कर रहा है। अफसरों-नेताओं को कमीशन देने के कारण ही अस्पताल में बाउंसरों की गुंडागर्दी चलती है। कई मरीज के परिजनों को भी डराते-धमकाते हैं। सूत्रों के मुताबिक जेल के रसूखदार कैदियों को बीमारी के बहाने अस्पताल में विशेष सुविधा दिलाने, उनकी सुरक्षा के लिए भी यही काम करते हैं। ऐसे आम आदमी भी चिंतित है, जिससे आदतन अपराधी लगातार आम लोगों के साथ भी आये दिन वारदातों को अंजाम देते है, ऐसे में आम आदमी के लिये भी यह चिंता बढ़ाने वाला मामला है।