आओ मिलकर धरती का आवरण बचाएं, आओ पर्यावरण बचाएं : इन्दू गोधवानी।

इन्दू गोधवानी/मेहमान संपादक : आज विश्व़ पर्यावरण दिवस है, यह एक वार्षिक आयोजन है जिसे 5 जून को दुनिया भर में पर्यावरण संरक्षण के लिए आयोजित किया जाता है। इसकी शुरुआत पर्यावरण शिक्षा के रुप में की गई थी। चिंतित हैं आज सभी बुद्धिजन, कैसे बचाएं हम अपना पर्यावरण.! कोई कहे नए वृक्ष लगाओ, तो कोई कहे जो हैं उन्हें बचाओ। आज विश्व़ पर्यावरण दिवस है। यह प्रति वर्ष 5 जून को मनाया जाता है। विश्व़ पर्यावरण दिवस संयुक्त राष्ट्र पर्यावरण कार्यक्रम के नेतृत्व में मनाया जाता है, जो कि खराब पर्यावरण के बारे में जागरुकता बढ़ाने और लोगों को सकारात्मक कार्रवाई करने और बेहतर भविष्य बनाने में मदद करने के लिए प्रोत्साहित करता है।

पर्यावरण शब्द, दो शब्दों से मिलकर बना है, परि और आवरण जिसमें ‘परि’ का मतलब है हमारे आसपास या कह लें कि जो हमारे चारों ओर है। वहीं ‘आवरण’ का मतलब है जो हमें चारों ओर से घेरे हुए है। पर्यावरण जलवायु, स्वच्छता, प्रदूषण तथा वृक्ष का सभी को मिलाकर बनता है, और यह सभी चीजें यानि कि पर्यावरण हमारे दैनिक जीवन से सीधा संबंध रखता है और उसे प्रभावित करता है। यह बात आश्च़र्यजनक भले ही लगे, लेकिन सच्चाई यही है कि हमारी धरती माँ को जीवित रहने के लिए हमारी सहायता की आवश्यकता है। हमारी धरती माँ को प्रदूषण और वनों की कटाई जैसी चीजों से बचाने के लिए, हर साल 5 जून को विश्व़ पर्यावरण दिवस को मनाते है। इस दिन हम सभी कूड़े की सफाई और वृक्षारोपण जैसे कार्यों में संलग्न होकर एक खुशहाल, स्वस्थ दुनिया में योगदान करते हैं। इस दिवस का उत्सव पर्यावरण आंदोलन की उपलब्धियों का सम्मान करता है और आने वाली पीढ़ियों के लिए प्राकृतिक संसाधनों के संरक्षण के महत्व को बढ़ावा देता है।

मानव और पर्यावरण दोनों एक-दूसरे पर निर्भर है। पर्यावरण जैसे जलवायु प्रदूषण या वृक्षों का कम होना मानव शरीर और स्वास्थ्य पर सीधा असर डालता है। मानव की अच्छी-बूरी आदतें जैसे वृक्षों को सहेजना, जलवायु प्रदूषण रोकना, स्वच्छता रखना भी पर्यावरण को प्रभावित करती है। मानव की बुरी आदतें जैसे पानी दूषित व बर्बाद करना, वृक्षों की अत्यधिक मात्रा में कटाई करना आदि पर्यावरण को बुरी तरह से प्रभावित करती है। जिसका नतीजा बाद में मानव को प्राकृतिक आपदाओं का सामना करके भुगतना ही पड़ता है।

पर्यावरणीय समस्याएं, मनुष्य को अपनी जीवनशैली के बारे में पुनर्विचार के लिए प्रेरित कर रही हैं और अब पर्यावरण संरक्षण और पर्यावरण प्रबंधन की आवश्यकता महत्वपूर्ण है। आज हमें सबसे ज्यादा जरुरत है पर्यावरण संकट के मुद्दे पर आम जनता और सुधी पाठकों को जागरुक करने की। आओ हम सब मिलकर अपनी धरती माँ को स्वस्थ जलवायु के लिए पेड़-पौधे लगाएं और अपना जीवन-यापन सुरक्षित करने हेतु तत्पर रहें। पेड़-पौधे ही हमें जीवन देते है, हमारे शरीर की आक्सीजन की मात्रा पूर्ण करते है। कम से कम आज एक पौधा जरूर लगाएं।

अंत में यही कहूंगा कि आओ मिलकर धरती का आवरण बचाएं, आओ पर्यावरण बचाएं। हरे-भरे पौधों को लगाकर, पानी बचाकर पृथ्वी को दुल्हन सा सजाएं। : इन्दू गोधवानी