भाजपा नेताओं के व्हाट्सएप हुये हैक, आप भी हो सकते है शिकार, सामने आई ये जानकारी….।

रायपुर : तकनीकी युग में तकनीक का प्रयोग भी सावधानी करना चाहिये, नहीं तो बड़े नुकसान के शिकार भी हो सकते है। मामला है भारतीय जनता पार्टी के कई नेताओं के वाट्सअप अकाउंट्स हैक हो गए। पार्टी के सूत्र बताते है कि आईटी सेल के सहसंयोजक आदित्य कुरील के मोबाईल नंबर से गुरूवार रात करीब 8:36 बजे एक APK फाइल सेंड हुई थी। ये फाइल जिन्होंने भी अपने मोबाईल में खोली उन सभी के वाट्सअप हैक होने की खबर है। इस फाइल के भेजने के बाद आईटी सेल के पदाधिकारी सुनील पिल्लई के मोबाइल से मैसेज भेजा गया, जिसमें ये बताया गया है कि आदित्य का वाट्सअप हैक हो गया है और ग्रुप्स में आई APK फाइल को डाउनलोड न करें। लेकिन इससे पहले कई नेताओं ने अपने मोबाइल में इसे डाउनलोड कर लिया था और उसके बाद वो सब इसके शिकार हो गये थे और जिन्होंने भी इसे डाउनलोड किया उसका वाट्सअप हैक हुआ।सूत्र बताते है कि आदित्य कुरील के वाट्सअप नंबर से भारतीय जनता पार्टी के सैकड़ों वाट्सअप ग्रुप्स में ये मैसेज ऑटोमेटिक तरीके से पोस्ट हो गया था।

आदित्य कुरील ने इस बात को स्वीकारा कि उनका वाट्सअप हैक हो गया था और इसको रिकवर करने के लिए उन्हें काफी मशक्कत करनी पड़ी। ये एपीके फाइल उन्हें किसके मोबाइल से आई थीं? ये पूछे जाने पर उन्होंने बताया कि ये फाइल बसना भाजपा विधायक संपत अग्रवाल के मोबाईल नंबर से हैक होने के बाद गई थी। बसना विधायक संपत अग्रवाल से भी इस बात की पुष्टि की गई कि क्या उनका भी वाट्सअप हैक हुआ था? तो उन्होंने कहा- हां… 3-4 दिन पहले मेरा वाट्सअप भी हैक हुआ था। ऐसे इन सभी नेताओं को बड़ी समस्या झेलनी पड़ी। ऐसे में किसी बड़ी धोखाधड़ी से इंकार नहीं किया जा सकता, हालाँकि ऐसा कोई मामला सामने नहीं आया है।

कैसे किया वाट्सअप रिकवर ?

आईटी सेल के पदाधिकारियों से बातचीत में ये जानकारी सामने आई कि APK फाइल में शासकीय योजना के नाम से फाइल बनी होती है। विधायक संपत अग्रवाल का वाट्सअप हैक होने से पहले RTO के नाम से एपीके फाइल आई थी और वो सभी ग्रुप्स में सैंड हुई थी, इसके बाद आईटी सेल के आदित्य के मोबाइल से जो लिंक सैंड हुई उसमें PM Kisan 20th Instalment का जिक्र था। ऐसे ही आम लोगों को अलग – अलग तरीके से ऐसी फाइल मिल रही है।

इस फाइल को डाउनलोड करने के बाद इसका आईकॉन मोबाइल में नजर नहीं आता है, लेकिन इसके बाद मोबाइल की बैटरी तेजी से डाउन होती है। फाइल मैनेजर में खोजने के बाद जब ये फाइल को आप डिलीट करेंगे तो भी वाट्सअप आपके फोन में लॉगिन नहीं होगा। भाजपा नेताओं के मुताबिक उन्होंने 8-10 बार वाट्सअप इंस्टाल और अनइंस्टॉल किया। जिसके बाद मोबाईल में मौजूद वाट्सअप के सभी डेटा को डिलीट करना पड़ा और फिर वाट्सअप का ओटीपी मोबाइल में पहुंचा। हालांकि भाजपा आईटी सेल की तरफ अब तक पुलिस से इस मामले में शिकायत किए जाने की पुष्टि नहीं हो सकी है। ऐसे ही आम लोग रोजाना शिकार हो रहे है।