रायपुर : शहर में कई अपराध करने के बाद भी एक हिस्ट्रीशीटर की गुंडागर्दी लगातार जारी है, अब जब कार्यवाही कि गाज गिरी है तो उन्हें लगातार नुकसान उठाना पड़ रहा है। हिस्ट्रीशीटर रोहित सिंह तोमर ने तेलीबांधा इलाके के एक रेस्टोरेंट में एक प्रॉपर्टी डीलर से जमकर मारपीट करते हुए उसकी जान लेने की कोशिश की थी। रोहित अपहरण-ब्लैकमेलिंग, फायरिंग, धोखाधड़ी, गुंडागर्दी जैसे कई अपराधों में शामिल रहा है और वर्तमान में लगातार अपराध भी कर रहा है। फिर भी पुलिस ने पुराने मामलों की उसकी जमानत अब तक रद्द नहीं कराई है। जबकि आईजी ऐसे आदतन बदमाशों की जमानत रद्द कराने का निर्देश दे चुके हैं।
वहीँ कार्यवाही के बाद मारपीट, सूदखोरी और अवैध हथियार के गंभीर मामलों में आरोपी वीरेंद्र और रोहित तोमर पुलिस को चकमा देकर फरार हो गए हैं। पुलिस इन दोनों भाइयों की गिरफ्तारी के लिए लगातार दबिश दे रही है, लेकिन अब तक उनका कोई सुराग हाथ नहीं लग पाया है। इनके नेपाल भागने की खबर है। आरोपियों का पासपोर्ट भी नहीं मिल रहा है। वहीं सूदखोरी मामले में आरोपी बनाई गई दोनों की पत्नियों से भी अब तक पूछताछ नहीं हो पाई है। उनके घर में काम करने वाले, साथ में चलने वाले 35 में से 25 लोग गायब हैं। बताया जा रहा है कि इनके नाम पर करोड़ों की संपत्ति है। पैसों का अवैध लेन-देन इनके ही बैंक खाते में किया गया है। ये सभी फरार बताये जा रहे है।
कर्ज की रकम, संपत्ति भी गुर्गों के नाम :
तोमर बंधुओं ने ब्याज के नाम पर लोगों से कई करोड़ों रूपये की वसूली की है। इसके अलावा कर्जदारों को डराकर उनकी संपत्ति भी अपने नाम या अपने कर्मचारियों के नाम रजिस्ट्री कराई गई है। इन कर्मचारियों के खातों में बड़ी रकम का ट्रांजैक्शन हुआ है, लेकिन सभी कर्मचारी अब गायब हैं। पुलिस इन सभी के खातों और संपत्तियों की जानकारी खंगाल रही है। वहीं यहाँ काम करने वाले लोग दूसरे राज्यों के हैं। इससे अब पुलिस का उन तक पहुंचना मुश्किल काम होगा।
कार्यवाही और जांच के दौरान जानकारी सामने आई है कि पुलिस को चकमा देने के लिए तोमर भाइयों ने अपने घर को अभेद्य किले में तब्दील कर दिया था। चारों तरफ सीसीटीवी कैमरे लगाए गए थे और अलग से कर्मचारी रखे गए थे, जो हर हरकत पर नजर रखते थे। मंगलवार सुबह जब पुलिस ने उनके घर दबिश दी तो रोहित घर में ही मौजूद था, लेकिन दोनों भाइयों ने महिलाओं को ढाल बनाकर पुलिस को उलझा दिया और सर्च वारंट की मांग की गई, जिससे तलाशी में देरी हुई। इसी दौरान दोनों भाग निकले। अब वे दोनों लगातार लोकेशन बदल रहे हैं।
सट्टा व हवाला से जुड़े थे दोनों भाई :
दोनों की जानकारी अब एक-एक करके सामने आ रही है। सूदखोरी से जमा की गई राशि को दोनों भाइयों ने सट्टे के धंधे में निवेश किया है। वहीं हवाला का भी काम करते थे। पैसे को एक जगह से दूसरी जगह तक छोड़ने का काम उनके आदमी करते थे। आरोपी वीरेंद्र तोमर के खिलाफ शुरुआत में कई मामले दर्ज किए गए। इसके बाद उसने राजनीति से जुड़े लोगों से संपर्क किया। उनके लिए काम करने लगा। पैसे की कमी नहीं होने की वजह से उनके आयोजन सहित अन्य कार्यक्रम में पैसे खर्च करता था। राजनीतिक संरक्षण मिलने के बाद दोनों भाई सूदखोरी का धंधा तेजी से करने लगे। पुलिस ने रोहित और उसके बाउंसरों के खिलाफ अपराध दर्ज कर लिया है, लेकिन फिर भी उनकी गिरफ्तारी नहीं हुई है। तेलीबांधा इलाके में रातभर चल रहे कुछ रेस्टोरेंट-कैफे शराबखोरी का अड्डा बन गए हैं।
फायरिंग मामले में पुलिस ने निकाला था जुलूस :
पिछली बार हाइपर क्लब में देर रात फायरिंग हुई थी। इसमें भी रोहित शामिल था। इस मामले में पुलिस ने उसे पैदल घुमाया था। गुढ़ियारी थाने में उसके खिलाफ अपहरण, ब्लैकमेलिंग का मामला कायम है। इस मामले में उसकी गिरफ्तारी हुई थी, लेकिन इसमें बड़ी आसानी से जेल से छूट गया। लगातार कई अपराध में उसका नाम आ चुका है। इसके बाद भी पुलिस उसके पुराने मामलों की जमानत रद्द नहीं करवा रही है।



