पानी की कमी और प्यास से जूझ रहा पाकिस्तान, दूसरी तरफ लगी भयानक आग, नहीं बुझ पाई।

इस्लामाबाद (पाकिस्तान) : पहलगाम हमले के बाद जब भारत ने ऑपरेशन सिंदूर के तहत चुन-चुनकर आतंकी ठिकानों के तबाह किया है। आतंकवादियों का सरपरस्त पाकिस्तान न सिर्फ इससे सदमे में आ गया बल्कि वो बौखलाहट में जवाबी कार्यवाही भी करने लगा। जिसके बदले में उसे बड़ा खामियाजा भुगतना पड़ा, जो मंजर उसे देखना पड़ा, वो अब भी उसके दिल को दर्द दे रहा है। भारत का हमला तो आतंकवादियों के खिलाफ था लेकिन पाकिस्तान ने भारत पर सैन्य कार्यवाही करके अपने ही पांवों पर कुल्हाड़ी मार ली है। नकलची पाकिस्तान ने जब देखा कि भारतीय प्रतिनिधिमंडल अलग-अलग देशों में जाकर आतंकवाद के खिलाफ समर्थन जुटा रहे हैं, तो उसने भी पाकिस्तान पूर्व विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो जरदारी के नेतृत्व में अलग-अलग देशों में भेजा। ये उच्चस्तरीय प्रतिनिधिमंडल न्यूयॉर्क में अपना दुखड़ा रोने और झूठे शांति के ढकोसले दिखाने के बाद अब ब्रिटेन पहुंचा। अब पाकिस्तान कि हालत काफी खराब है।

‘हम बात करने को तैयार हैं’

एक खबर के मुताबिक पाकिस्तान का नौ सदस्यीय समूह ने रविवार को संयुक्त राष्ट्र के प्रतिनिधियों, सदस्य देशों के राजनयिकों और वरिष्ठ अमेरिकी अधिकारियों के साथ बात की है। प्रतिनिधिमंडल के सदस्य पूर्व विदेश सचिव जलील अब्बास जिलानी ने यहां कहा कि हमारा संदेश स्पष्ट था कि पाकिस्तान शांति चाहता है। जिलानी ने कहा कि इस्लामाबाद सिंधु जल संधि सहित सभी मुद्दों का समाधान बातचीत के जरिए करना चाहता है। भारत के पानी रोकने के बाद से पाकिस्तान में जलसंकट पैदा हो गया है, जिससे अब वो तड़प रहा है। दिलचस्प ये भी है कि पाकिस्तानी पीएम अपनी जीत का दावा करते हैं और उनका डेलीगेशन भारत से वार्ता की भीख मांगता फिर रहा है।

24 करोड़ लोगों की ज़िंदगी खतरे में :

मीडियाकर्मियों से बात करते हुए, सांसद खुर्रम दस्तगीर ने जल विवाद के क्षेत्रीय प्रभाव पर प्रकाश डाला और 1960 की विश्व बैंक की मध्यस्थता वाली संधि को बहाल करने का आह्वान किया। वहीं भारत का कहना है कि जब तक कि इस्लामाबाद सीमा पार आतंकवाद को अपना समर्थन देना बंद नहीं कर देता, तब तक कोई बात नहीं होगी। उन्होंने ये बात स्वीकार की है कि भारत द्वारा संधि को निलंबित करने से 24 करोड़ लोगों की आजीविका खतरे में पड़ गई है और क्षेत्र की स्थिरता कमज़ोर हो गई है। इस तरह से पाकिस्तान बड़ी मुसीबत में फंस गया है।

वहीँ दूसरी तरफ कराची में रविवार की सुबह लांधी एक्सपोर्ट प्रोसेसिंग जोन की एक फैक्ट्री से हल्का धुआं उठने लगा, तो किसी ने नहीं सोचा था कि अगले कुछ घंटों में यह धुआं पूरे क्षेत्र को निगल जायेगा। एक के बाद एक चार फैक्ट्रियां जलकर राख हो गईं. आग इतनी तेज और भयानक थी कि 24 घंटे बाद भी उसे पूरी तरह बुझाया नहीं जा सका। आग कितनी खतरनाक है, इसका अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि अपांच दमकलकर्मी घायल हो गए।

वहीँ भीषण गर्मी में फायर ऑपरेशन के दौरान एक फैक्ट्री की छत का हिस्सा अचानक गिर गया, और उसी के नीचे आकर पांच दमकलकर्मी घायल हुए। इन्हें तुरंत अस्पताल पहुंचाया गया, लेकिन उनमें से एक की हालत नाजुक बनी हुई है। रेस्क्यू अधिकारियों ने आग को ‘थर्ड डिग्री’ कैटेगरी में रखा है। यानी सबसे गंभीर स्थिति, इसका मतलब है कि यहां सिर्फ आग नहीं है, यहां खतरे की हर परत मौजूद है – विस्फोटक पदार्थ, संरचनात्मक ढहाव, और ज़हरीली गैसें। वहीँ जहाँ पीने के पानी कमी से जूझ रहा है पाकिस्तान तो वहीँ एजी बुझाने के लिये भी पानी कि बड़ी जरूरत है।