21 जून विश्व़ संगीत दिवस पर विशेष : बदलते दौर में संगीत की तकनीक बदली, लेकिन संगीत आज भी वही है, बस सुर बदल गये।

संगीत के बदलते दौर में तकनीक बदली तो संगीत आज भी वही है, लेकिन संगीत के सुरों में बड़ा बदलाव हो गया। एक जमाना था, जब लोग खुद बैठकर गुनगुनाते थे, ढोल नगाड़े और हारमोनियम जैसे यंत्रों से संगीत का रस लेते थे। फिर समय में बदलाव हुआ और ध्वनी विस्तारक शुरू हुआ, लोगों के घर रेडियो पहुंचा और रेडियो स्टेशन से गीत चलाये जाने लगे। उसी समय किसी के पास एक नई आई तकनीक जिसे रिकॉर्ड कहा जाने लगा, इसने घर – घर संगीत पहुँचाने की शुरुआत की, फिर 1980 के लगभग कैसेट कि दुनियां में संगीत आया, संगीत तो वही था, बस जरिया बदल गया, वहीँ कैसेट के बाद संगीत सीडी जैसे गोल पतले कैसेटो में आने लगा, और ध्वनी में स्पष्टता आई, इसके बाद मेमोरी कार्ड, आईपॉड जैसी तकनीक में भी गीत सुने जाने लगे, अब जमाना ऑनलाईन और इन्टरनेट की दुनियां में बदल, लेकिन संगीत आज भी वही है।

इन्दू गोधवानी/मेहमान संपादक : विश्व़ संगीत दिवस की अवधारणा फ्रांस में शुरु हुई, जब फ्रांसीसी संस्कृति मंत्रालय के जैक लैंग ने संगीतकार मौरिस फ्लेरेट और एक रेडियो निर्माता और संगीत पत्रकार के साथ मिलकर संगीत को समर्पित एक दिन का विचार प्रस्तावित किया। पहला फ़ेटे डे ला म्युज़िक 1982 में पेरिस में हुआ था। विश्व़ संगीत दिवस, (World Music Day) जिसे ‘फेटे डे ला म्युजिक’ (Fête de la Musique) भी कहा जाता है, संगीत के सम्मान और उसके जादू का प्रचार करने का दिन है। एक ऐसा दिन, जब हर कोई खुलकर संगीत में डूब सके। उन्होंने महसूस किया कि बहुत से लोग गाना-बजाना जानते हैं, लेकिन उन लोगों को मंच नहीं मिलता। इस दिन दुनिया भर के पेशेवर और शौक़िया संगीतकार सड़कों पर, पार्कों में, मंचों पर या ऑनलाइन अपने संगीत का प्रदर्शन करते हैं। इसका मकसद है, लोगों को एक साथ लाना, बिना किसी भाषा या संस्कृति की दीवार के हर साल इस दिन को खास तरीके से मनाते हैं।

आप सभी संगीत प्रेमियों को विश्व़ संगीत दिवस पर यह याद दिलाने का मौका मिलता है कि चाहे दुनिया कितनी भी बदल जाए, एक अच्छा सुर हमेशा दिलों को जोड़ सकता है।
दुनिया ने माना संगीत का लोहा।
संगीत ने दुनिया का #मन मोहा।
दुनिया में कितनी भी भाषाएँ हो जाएँ, लेकिन संगीत से अच्छी कोई भाषा नहीं हो सकती है, जिसे सब समझते और महसूस कर सकते है।

विश्व़ संगीत दिवस का उद्देश्य पेशेवर और शौकिया दोनों तरह के कलाकारों को अपने हुनर ​​के ज़रिए खुद को अभिव्यक्त करने के लिए एक मंच प्रदान करना है, जिसका प्रेरक टैगलाइन है “फेटे डे ला म्युज़िक”, जिसका अनुवाद है “संगीत बनाएँ।” यह दिन संगीत की परिवर्तनकारी शक्त़ि का स्मरण करता है, लोगों को एक साथ लाता है और समुदाय और एकता की भावना को बढ़ावा देता है।

संगीत एक एहसास है,
जो हर किसी के लिए खास है।

हर किसी की ज़िंदगी में कुछ ऐसे पल आते हैं जब शब्द कम पड़ जाते हैं और तब संगीत (म्युजिक) बोलता है। संगीत सिर्फ आवाज़ नहीं, यह एक एहसास है जो दिल से निकलकर आत्मा तक पहुंचता है। यही वजह है कि हर साल 21 जून को ‘विश्व़ संगीत दिवस’ मनाया जाता है। यह दिन सिर्फ एक उत्सव नहीं, बल्कि संगीत की शक्ति को पहचानने, उसे आदान-प्रदान करने और उसके ज़रिए दुनिया को जोड़ने का मौका है।

संगीत हमें आनंद देता है और हमारे दुखों को दूर करता है। यह हमें शांत कर सकता है और हमें उत्साहित कर सकता है। यह हमें दर्द को नियंत्रित करने, तेज़ दौड़ने, बेहतर नींद लेने और अधिक सकारात्मक बनने में मदद करता है।
कमजोरियां हमारे अंदर #डर पैदा करती है,
संगीत उन्हें दूर करता है।

भारतीय संस्कृति में संगीत हमारे मानव जीवन में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। आपने अक्सर महसूस किया होगा कि कई बार गीत-संगीत जीवन में दुःख के समय ना केवल हमें बेहतर जीवन जीने हेतु प्रेरित करते है, वरन् हमें संवेदनशील भी बनाते है, और हमें जीवन के विभिन्न पहलुओं को देखने का एक नया नजरिया प्रदान करते हैं। यदि कोई गीत हमारे जीवन जीने की प्रेरणा बन जाए, तो यह हमारे जीवन को सकारात्मक दिशा में बदल सकता है एवं हमारे सपनों को साकार करने में सहायक भी साबित हो सकता है।
संगीत
शरीर की लय
मन की मधुरता और
आत्मा के सद्भ़ाव मिलकर
जीवन को एक सुर में
पिरोते है.।

यदि कोई भी व्यक़्ति जीवन से व्यथित हो..निराश हो..दुःखी हो..तो मुझे आशा ही नही वरन् पूर्ण विश्व़ास है कि गीत-संगीत निश्च़ित रुप से उस व्यक़्ति के जीवन में संघर्षों के दौरान सफलता के रथ का सारथी बनेंगे..और उसकी ज़िंदगी एक बार फ़िर से पटरी पर दौड़ने लगेगी।
रोज़ एक गाना रखे मन को सुहाना
शास्त्रों में मानें तो संगीत को ईश्व़र का दर्जा प्राप्त है। यह तन और मन दोनों को शांत करता है, मन में चल रहे द्वंद्व से हमें निजात दिलाता हैं, तनाव को फुर्र से उड़ा देता है। यह भी ‘योग’ की तरह ही हमारे शरीर, मन और मस्तिष्क को साध कर हमारी आत्मा को शुद्ध करता है। मनुष्य जब-जब ज्यादा तनाव महसूस कर रहा हो उस समय यदि कुछ देर के लिए वह संगीत सुन लें तो निश्च़ित ही वह अपना तनाव भूलकर सकारात्मक सोचने लगेगा। इसी दिन अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस भी मनाया जाता है। अत: हर मनुष्य को योग और संगीत को जीवन का आधार बनाकर संतुलित एवं सकारात्मक दिशा में जीवन जीने का प्रयास करना चाहिए।

संगीत ब्रह्माण्ड को आत्मा देता है,
मन को पंख देता है,
कल्पना और जीवन को,
हर चीज़ के लिए उड़ान देता है..!!!
योग, जहां तनाव छोड़कर उत्साह से परिपूर्ण जीवन का आंनद लेने की, तो वहीं संगीत ब्रम्हांड के सूनेपन में नाद के द्वारा हमारी आत्मा को तरंगित करने की प्रक्रिया है।

संगीत से #दोस्ती कर लो,
अपने हर दुःख और #दर्द को खुद ही #दूर कर लो..!!
आज अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस और विश्व़ संगीत दिवस की सभी साथियों को बहुत-बहुत बधाई।

रायपुर के मनोहर डेंगवानी के पास है 700 से ज्यादा पुराने रेडियो और संगीत यंत्र (म्यूजिक सिस्टम) :

रायपुर शहर के मनोहर डेंगवानी के पास रेडियो के सभी प्रकारों के कलेक्शन हैं। जिसमें इन्होने रेडियो कलेक्शन में विश्व में दूसरा स्थान प्राप्त किया है। मनोहर ने बताया कि उन्हे बचपन से ही रेडियो सुनने का रेडियो के कलेक्शन का शौक था। मनोहर डेंगवानी के पास लगभग 700 से ज्यादा चालू हालत में रेडियो का कलेक्शन है, और बंद दशा में 2000 से ज्यादा, जो इन्होने बचपन से अब तक कलेक्शन किया है। जिसमें 4 इंच से लेकर 4 फीट तक के रेडियो मौजूद हैं। वहीँ इनके पास बदलते दौर के भी सभी म्यूजिक सिस्टम है। जिसमें रिकॉर्ड प्लेयर, सीडी, पेन ड्राइव प्लेयर वॉकमेन, आईपोड, टेबल रेडियो, ग्रामोफोन, MP3 प्लेयर, टेप रिकॉर्डर, डेक, एम्पलीफायर,  होम थिएटर सिस्टम, वायरलेस वायरलेस स्पीकर, डिजिटल ऑडियो प्लेयर, ऑनलाईन, रेडियो, एफएम रेडियो, कैसेट प्लेयर जैसे कई संगीत यंत्रों का उनके पास संग्रह है। यूट्यूब पर उनके विडियो देख सकते है।

Manohar Dengwani of Raipur has more than 700 old radios and musical instruments (music systems) :

Manohar Dengwani of Raipur city in chhattsagarh has a collection of all types of radios. In which he has secured second place in the world in radio collection. Manohar told that he was fond of listening to radio and collecting radios since his childhood. Manohar Dengwani has a collection of more than 700 radios in working condition and more than 2000 in non-working condition, which he has collected since his childhood till now. In which radios ranging from 4 inches to 4 feet are present. He also has all the music systems of the changing times. In which he has a collection of many musical instruments like record player, CD, pen drive player, walkman, iPod, table radio, gramophone, MP3 player, tape recorder, deck, amplifier, home theater system, wireless wireless speaker, digital audio player, online radio, FM radio, cassette player. You can watch his videos on YouTube.