पति के सामने ही पत्नी ने भतीजे से रचाई शादी, 2 साल तक चलता रहा मिलने का खेल, पहले से ही है एक बच्ची की माँ, देखें विडियो।

जमुई (बिहार) : सामाजिक बदलाव इतना हो गया है कि लोगों ने रिश्तों को तार – तार कर दिया है, ऐसे ही जमुई जिले से एक हैरान कर देने वाला प्रेम प्रसंग सामने आया है। यह मामला इंसानी रिश्तों की जटिलताओं और सामाजिक मूल्यों के टकराव को उजागर करता है। टाउन थाना क्षेत्र के एक गांव की यह घटना, जहां शादी के आठ साल बाद एक महिला ने अपने पति और बेटी को छोड़ प्रेमी संग विवाह कर लिया है, यह शादी समाज के सामने कई सवाल खड़े कर रही है।

मामला है आठ साल पहले विशाल दुबे की शादी आयुषी से हुई थी। दोनों की एक प्यारी सी बेटी भी है। शादी के कुछ साल तक सबकुछ सामान्य रहा, लेकिन दो साल पहले आयुषी की जिंदगी में गांव के ही युवक सचिन की एंट्री हुई। रिश्ते में वह विशाल का दूर का भतीजा था। धीरे-धीरे दोनों के बीच नजदीकियां बढ़ने लगीं और अब हालात यहां तक आ पहुंचे कि आयुषी ने अपने वैवाहिक जीवन को ठुकरा दिया है और विशाल से प्रेम सम्बन्ध बना लिया है। ऐसे में जहाँ पहले ही आयुषी विवाहित है और एक बच्ची की माँ है तो ऐसे में समाज में इसका क्या सन्देश जायेगा? ऐसे मामले लगातार सामने आ रहे है।

पुलिस में शिकायत और फिर कोर्ट में आत्मसमर्पण :

इस मामले में जब आयुषी बार-बार सचिन के साथ रहने की जिद करने लगी, तब विशाल ने महिला थाना में शिकायत दर्ज कराई। दोनों को बुलाकर समझौता कराया गया। ऐसा लगा कि सब कुछ ठीक हो गया है, लेकिन कुछ ही समय में स्थिति फिर से बिगड़ गई। वहीँ इस मामले के सामने आने के बाद सचिन और विशाल के बीच विवाद बढ़ता गया। आखिरकार छह दिन पहले आयुषी घर छोड़कर सचिन के साथ फरार हो गई। विशाल ने टाउन थाना में हथियार के बल पर पत्नी के अपहरण की रिपोर्ट दर्ज कराई, जिसमें सचिन को मुख्य आरोपी बताया गया था, जिस पर पुलिस ने कार्यवाही शुरू की।

दोनों ने मंदिर में की शादी :

पुलिस द्वारा दबाव के बाद आयुषी और सचिन ने न्यायालय में आत्मसमर्पण कर दिया। कोर्ट में दिए गए बयान में आयुषी ने सचिन के साथ रहने की इच्छा जाहिर की। बेटी को वह अपने साथ नहीं ले गई, जो अब पिता के पास है। कोर्ट में बयान के बाद दोनों ने गांव के शिव मंदिर में शादी कर ली है।

पुलिस अधिकारी का बयान :

थानाध्यक्ष अमरेंद्र कुमार ने बताया कि इस मामले में आवेदन मिला था, लेकिन बाद में दोनों ने कोर्ट में आत्मसमर्पण कर दिया और अपनी मर्जी से रहने का निर्णय लिया है।