धनबाद (झारखण्ड) : धनबाद के वासेपुर से कुख्यात गैंगस्टर प्रिंस खान के गैंग के 9 सदस्य पकड़े गए हैं। इस गैंग के सदस्यों से हुई पुलिस की पूछताछ में कई चौंकाने वाले खुलासे हुए हैं, जो कि हैरानजनक है। इसमें सबसे बड़ा खुलासा चर्चित जमीन कारोबारी शहाबुद्दीन हत्याकांड को लेकर सामने आया है, जो चौंकाने वाला है। इस मामले को लेकर पुलिस की पूछताछ में हाशिम नामक शूटर ने बताया कि साल 2022 में एक हत्या के मामले में वह चाईबासा जेल में बंद था। साल 2024 में जेल से छूटने के बाद प्रिंस खान के भाई गोपी खान ने उससे संपर्क कर अपने गैंग में शामिल होने का प्रस्ताव दिया था, जिसे उसने स्वीकार कर लिया।
शहाबुद्दीन की हत्या के लिए गोपी ने दी थी 10 लाख की सुपारी :
मामले में खुलासा हुआ है कि शूटर हाशिम ने बताया है कि गोपी ने शहाबुद्दीन की हत्या के लिए उसे 10 लाख रुपये की सुपारी दी थी। हत्या के बाद अतिरिक्त 2 लाख रुपये भी दिए थे। प्रिंस और गोपी की मांग पर हाशिम 1 अक्टूबर 2024 को खरसावां के चौधरी, बबलू कंडियांग और चाईबासा के मोटा के साथ धनबाद पहुंचा था। वासेपुर के तनवीर ने उन्हें रिसीव किया और हथियार, गोली, बाइक मुहैया कराई थी। इसके बाद अगले ही दिन, 2 अक्टूबर को शहाबुद्दीन की गोली मारकर हत्या कर दी गई और सभी आरोपी चाईबासा भाग निकले थे। आपको बता दें कि शहाबुद्दीन की हत्याकाण्ड भारतीय राजनेता मोहम्मद शहाबुद्दीन से जुड़े विभिन्न आपराधिक मामलों और विवादों से है, जिनमें अपहरण, हत्या और दंगा जैसे आरोप शामिल हैं। वह राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के एक प्रमुख नेता थे और बिहार के सिवान लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र से सांसद रहे। वे आपराधिक प्रवृति के थे।
धनबाद में दूसरी वारदात की साजिश भी रची गई :
इस मामले में हाशिम ने बताया कि गोपी खान ने उसे कई बार 10 से 20 हजार रुपये खर्च के लिए उसके खाते में भेजे गये थे। अप्रैल 2024 में वह एक और हत्या के इरादे से धनबाद पहुंचा था, लेकिन टारगेट शहर से बाहर निकल गया, जिससे वे वापस लौट गए। इस मिशन में सरवर ने उसे कुर्मीडीह में अपने रिश्तेदार के यहां ठहराया था, जबकि तनवीर ने हथियार और सैफी ने गाड़ी उपलब्ध कराई थी। बाद में 20 जून को गोपी खान ने तीन शूटरों के साथ फिर से धनबाद आने का आदेश दिया था। इसके बाद हाशिम, अजय गाडेयान, बबलू और पीर मोहम्मद 21 जून को कुर्मीडीह पहुंचे, जहां बिरसा चौक के पास तनवीर और सरवर ने उन्हें रिसीव किया था। इस बार भी तनवीर ने हथियार और सैफ अली ने दो बाइक दीं थी। इसके बाद मामले को अंजाम देने की तैयारी की गई थी।
गोविंदपुर में वारदात से पहले ही दबोचे गये :
22 जून को सभी आरोपी गोविंदपुर में हत्या की जगह देखने गए, लेकिन उन्हें लगा कि वहां भीड़ अधिक होती है और कैमरे भी लगे हैं। वहां पकड़े जाने का खतरा बढ़ गया था। इसके बावजूद 23 जून की रात 11:30 बजे हाशिम और पीर मोहम्मद बाइक से गोविंदपुर के लिए निकले, लेकिन रास्ते में बरवाअड्डा पुलिस ने उन्हें पकड़ लिया। इसके बाद गैंग गे अन्य सदस्यों को भी पुलिस ने पकड़ लिया था।



