फकीर से करोड़पति कैसे बने छांगुर बाबा? पूछताछ में हुये चौंकाने वाले खुलासे।

बलरामपुर (उ.प्र.) : छांगुर बाबा को लेकर हर रोज नए-नए खुलासे हो रहे हैं। सुरक्षा एजेंसियां छांगुर बाबा पर केस में धर्मांतरण, विदेशी फंडिंग और एक संगठित रैकेट से जोड़कर देख रही हैं। वह फिलहाल एंटी टेररिस्ट स्क्वाड (ATS) के हिरासत में है और जलालुद्दीन उर्फ छांगुर बाबा से कड़ी पूछताछ की जा रही है। छांगुर बाबा ने नेपाल सीमा से सटे गांवों में धर्मांतरण के अड्डे खोलने की तैयारी कर रहा था। इसके लिए उसने पूरी एक टीम बनाई थी।

धर्मांतरण के बड़े मामले में गिरफ्तार किए गए आरोपी जलालुद्दीन उर्फ छांगुर से यूपी ATS पिछले 7 दिनों से लगातार पूछताछ कर रही है, इस दौरान अधिकारियों ने कई गंभीर सवाल पूछे, लेकिन जलालुद्दीन हर बार या तो जवाब टालता रहा या खुद को बेगुनाह बताता रहा। एटीएस ने जलालुद्दीन उर्फ छांगुर बाबा से उसकी अकूत संपत्ति और हवेल को लेकर सवाल पूछा है, जिसमें चौंकाने वाले खुलासे हुये है।

खुद को बताया बेकसूर :

छांगुर बाबा से ATS ने पूछा कि वह फकीर से करोड़पति कैसे बन गया और इतने बड़े पैमाने पर धर्मांतरण कैसे करवाया, इसमें तुम्हारे साथ और कौन-कौन शामिल है? इसके जवाब में जलालुद्दीन ने कहा कि “मुझे कुछ नहीं मालूम है। मैं बेकसूर हुं, मैं तो सिर्फ इस्लाम को मानता हुं। अल्लाह ही मेरे लिए सब कुछ है। इस तरह उसने ATS को गुमराह करने का प्रयास किया।

एटीएस ने कथित पीर छांगुर बाबा से पूछा कि तुम्हारे एजेंट कहां-कहां पर फैले हुए हैं।साथ ही अधिकारियों ने यह भी पूछा कि तुम कैसे हिंदू लड़कियों को गल्फ कंट्रीज लेकर जाते हो? इस पर छांगुर बाबा ने कहा कि मुझे इन सबके बारे में कुछ भी नहीं मालूम है। मैंने कोई धर्मांतरण नहीं करवाया और इस खेल में मैं बिल्कुल भी नहीं हूं। जबकि जांच में बातें इसकी उलट सामने आ रही है।

छांगुर बाबा ने अकूत संपत्ति का खोला राज :

पूछताछ के दौरान अधिकरियों ने छांगुर बाबा से उसकी अकूत संपत्ति का राज भी जानने की कोशिश की। एटीएस ने पूछा कि तुम तो पहले नग बेचते थे, फिर अंगूठी बेचने लगे और अचानक हवेली कैसे खड़ी कर ली? इसके जवाब में उसने कहा कि “जो लोग मुझे मानते हैं, उनके पैसे से मैंने अपना घर बनाया है। यह सब अल्लाह की मेहरबानी है।” अधिकारियों ने छांगुर बाबा से पूछा कि वह विदेश से फंडिंग कैसे हासिल करता है? वह कौन लोग हैं और कौन सी संस्थाएं हैं, जिनके संपर्क में हो और पैसे अकाउंट में आ जाते हैं? जलालुद्दीन उर्फ छांगुर बाबा ने बताया कि “जो लोग गल्फ देशों में नौकरी करते हैं, वह अपने घर वालों को पैसे देने के लिए मेरे अकाउंट में पैसे भेजते हैं। इसके बाद मैं अपना कमीशन काटकर बाकी पैसे उनके घर वालों को लौटा देता था।”

धर्मांतरण के सवाल पर क्या कहा?

इतना ही नहीं जांच अधिकारियों ने जलालुद्दीन से पूछा कि “भारत नेपाल बॉर्डर पर जितने मदरसे हैं, उसमें से किन-किन मदरसों में तुमने फंडिंग किया है?” इस पर जलालुद्दीन उर्फ छांगुर ने कहा, “मैं किसी मदरसे में नहीं जाता हूं और न ही मेरी कोई जान पहचान है ऐसी फंडिंग देने या लेने में।” 

अधिकारियों ने पूछा कि “तुमने एक अपना टास्क फोर्स खड़ा किया था, जो लड़के थे उन्हें बाहर से मंगाया था। वह तुम्हारे लिए कुछ भी कर गुजरने के लिए तैयार रहते थे?” इस सवाल के जवाब में छांगुर बाबा ने गोल मटोल जवाब दिया। उसने कहा कि “मुझे इसके बारे में कुछ नहीं पता है। मैंने सिर्फ अल्लाह और इस्लाम का प्रचार प्रसार किया है।” इस तरह छांगुर बाबा ने सिर्फ गुमराह करने का काम किया।

नसरीन के धर्म परिवर्तन पर चौंकाने वाला खुलासा :

जलालुद्दीन उर्फ छांगुर की कथित प्रेमिका को लेकर भी जांच अधिकारियों ने कड़े सवाल पूछे। अधिकारियों ने पूछा कि “नसरीन उर्फ नीतू को तुम कैसे जानते हो और इसका धर्म परिवर्तन कैसे कराया?” इस पर छांगुर बाबा ने चौंकाने वाला खुलासा किया।उसने बताया कि “नसरीन की बेटी की तबीयत खराब रहती थी। मैंने झाड़-फूंक किया। इससे वह मुझसे और इस्लाम से प्रभावित हुई। इसके बाद नसरीन ने खुद ही अपना धर्म परिवर्तन कर लिया।”

जांच अधिकारियों ने पूछा किया क्या तुम विदेश से आने वाले फंडिंग के कारोबार को अपने बेटे महबूब को सौंपना चाहते थे? अधिकारियों को जवाब देते हुए कथित पीर जलालुद्दीन उर्फ छांगुर बाबा ने कहा, “मेरे पास विदेश से कोई फंडिंग नहीं आती थी।” जलालुद्दीन ने 3000 युवकों की कथित “लव जिहाद की फौज” बनाने के आरोप को पूरी तरह गलत बताया। साथ ही उसने विदेश भागने की साजिश से भी इंकार किया और कहा कि वह यहीं रहेगा और यह मेरा मुल्क है। इस तरह छांगुर बाबा ने कड़े सवालों के जवाब दिये।