रायपुर : पूर्ववर्ती सरकार के कई घोटाले सामने आ चुके है, जिसमे कार्यवाही चल रही है। ऐसे ही छत्तीसगढ़ के शराब घोटाला मामले में ईडी की टीम ने आज पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के भिलाई स्थित निवास में छापा मारा था। ईडी ने चैतन्य बघेल को गिरफ्तार कर विशेष कोर्ट में पेश किया है, जहां से उन्हें 5 दिन की रिमांड पर भेज दिया गया है। इस कार्यवाही के विरोध में कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने ED का पुतला दहन किया। इस दौरान कार्यकर्ताओं और पुलिस के बीच झूमाझटकी भी हुई। बता दें कि चैतन्य बघेल की गिरफ्तारी के विरोध में आज रायपुर के सुभाष स्टेडियम के पास कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने ईडी का पुतला दहन किया ही। प्रदर्शनकारियों को रोकने के लिए पुलिस ने फायर स्टिंगयूसर का इस्तेमाल किया। पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश के पुत्र कि गिरफ़्तारी पर राजनैतिक बवाल मच गया है।
ईडी ने भूपेश बघेल के बेटे चैतन्य बघेल को गिरफ्तार कर विशेष न्यायाधीश डमरूधर चौहान की विशेष कोर्ट में पेश किया, जहां से कोर्ट ने उन्हें 5 दिन की ईडी रिमांड पर भेज दिया है। अब रिमांड के दौरान ईडी शराब घोटाला मामले को लेकर चैतन्य बघेल से पूछताछ करेगी। वहीँ 22 जुलाई को शाम को 4 बजे फिर से उन्हें विशेष कोर्ट में पेश किया जाएगा। चैतन्य बघेल के वकील फैजल रिजवी ने बताया है कि ईडी की ओर से 5 दिन की रिमांड मांगी गई है। वकील ने बताया कि आज तक चैतन्य बघेल को एक भी समन जारी नहीं किया गया है। लक्ष्मी उर्फ पप्पू बंसल के बयान को आधार मानते हुए आज चैतन्य बघेल को गिरफ्तार किया गया है।
साथ ही उन्होंने बताया कि आज चैतन्य बघेल का आज जन्मदिन था और सुबह जब वह पूजा कर रहे थे इस दौरान पूजा स्थल में जूते पहने हुए जाकर ED की टीम ने उन्हें गिरफ्तार किया है, जो न्यायसंगत नहीं है, यह कार्यवाही द्वेषपूर्ण है। न्यायालय के सामने हमने यह बात रखी है कि इससे धार्मिक भावना को ठेस पहुंची है। वकील ने बताया कि राजनीतिक दुर्भावना से प्रेरित ये गिरफ़्तारी है। ये हमने न्यायालय को बताया है। वहीं भूपेश बघेल के बेटे चैतन्य बघेल को ईडी द्वारा हिरासत में लेने के बाद कांग्रेस विधायकों ने विधानसभा में जमकर प्रदर्शन किया और पूरे दिन की कार्यवाही से बहिष्कार कर दिया। भूपेश बघेल सहित कांग्रेस के सभी विधायक विधानसभा से जिला कोर्ट पहुंचे।
मामला है वर्ष 2019 से 2023 के बीच, राज्य के 15 बड़े जिलों में पदस्थ आबकारी अधिकारी और अन्य प्रशासनिक पदाधिकारियों द्वारा बिना ड्यूटी चुकाई गई देसी शराब (B-Part शराब) की शासकीय दुकानों में समानांतर अवैध बिक्री की गई।बस्तर और सरगुजा संभाग को छोड़कर चयनित जिलों में अधिक खपत वाली देसी शराब दुकानों को डिस्टलरी से सीधे अतिरिक्त अवैध शराब भेजी जाती थी, जिसे वैध शराब के साथ समानांतर बेचा जाता था।



