आगरा (उ.प्र.) : धर्मांतरण केस में बड़ा खुलासा हुआ है। सगी बहनें धर्मांतरण से जुड़े वीडियो देख रहीं थीं। पूरे दिन सिर्फ साहित्य पढ़ती रहती थीं। दोनों बहनों के दिमाग पर गहरा असर पड़ा है। कोलकाता से पुलिस ने खोज निकाला। यहाँ सदर क्षेत्र की सगी बहनों के धर्मांतरण के मामले में पुलिस ने बड़े गिरोह का भंडाफोड़ किया है। धर्मांतरण गिरोह के 10 से अधिक सदस्य पकड़े जा चुके हैं। दिल्ली से पकड़ा गया अब्दुल रहमान इस गिरोह का मास्टरमाइंड बताया जा रहा है।धर्मांतरण गिरोह की जांच जैसे-जैसे आगे बढ़ रही है, चाैंकाने वाले खुलासे हो रहे हैं। आगरा की सगी बहनों का धर्मांतरण कराने वाले मास्टरमाइंड अब्दुल रहमान के घर से पुलिस को रोहतक की युवती भी मिली थी। उसे बंधक बनाकर रखा गया था। पुलिस पूछताछ में युवती ने धर्मांतरण गिरोह को लेकर कई चाैंकाने वाले खुलासे किए हैं। इन खुलासों से पुलिस भी हैरान है।
युवती को जुनैद नाम के युवक ने फंसाया था। युवती से पूछताछ में पुलिस को पता चला कि जुनैद युवतियों को सोशल मीडिया पर फंसाता है। उन्हें पास बुलाने के बाद निकाह कराता है। इस दाैरान निकाह करने वाले युवक युवतियों से संबंध नहीं बनाते हैं। ऐसा इसलिए करते हैं, जिससे युवती खुद को असुरक्षित महसूस न करे। वह आसानी से धर्म के लिए पूरी तरह से तैयार हो जाए। फिर उन्हें कोलकाता भेजा सके। इसके साथ ही उन्हें मुजाहिद भी बनाया जा सके। वह जो कहे वो करती रहें। इस तरह ये लोग अपनी साजिशों को अंजाम देते आ रहे है।

इसी मामले में दिल्ली के ओल्ड मुस्तफाबाद से पुलिस ने अब्दुल रहमान को गिरफ्तार किया गया था। उसके घर से रोहतक की युवती भी मिली थी। पुलिस उसे आगरा लेकर आई है। उससे पूछताछ की। उसने बताया कि वह राजनैतिक शास्त्र में एमए पास है। वर्ष 2018 में उसकी दोस्ती फेसबुक पर जुनैद से हुई थी। वह दिल्ली का रहने वाला है। दोनों बात करते थे। मैसेंजर पर दुख-दर्द शेयर करते थे। युवती के पिता फैक्टरी में काम करते हैं। घर की आर्थिक स्थिति ठीक नहीं है। यह जानने के बाद जुनैद ने उसे अपने जाल में फंसाना शुरू किया था। वह उसे अपने धर्म के बारे में बताने लगा। उसके धर्म के खिलाफ भड़काता था।
वह मिलने के लिए भी आने लगा। छह महीने बाद मिलने आया तो कलमा पढ़वा दिया। दोनों ने निकाह करने का फैसला कर लिया। वर्ष 2020 में जुनैद ने दूसरी युवती से निकाह कर लिया। मगर उसने युवती से रिश्ता नहीं तोड़ा। उधर, युवती का रिश्ता परिजन ने तय कर दिया। 24 नवंबर 2024 को शादी होने वाली थी। इसका पता चलने पर चलने पर जुनैद ने उसे भड़काया।
इस पर वो शादी से 12 दिन पहले घर से निकल गई। वह दिल्ली पहुंची। उसे शाहीन बाग स्थित एक हाॅस्टल में रखा गया। यहां पर कई सारी और भी युवतियां थीं। सब अलग-अलग रहती थीं। एक-दूसरे से किसी को बात करने की इजाजत नहीं थी। बाहर भी नहीं जाने दिया जाता था। विशेष धर्म की युवतियां अन्य को अपने धर्म के बारे में बताती थीं। कहती थी जब कयामत आएगी, तब जन्नत नसीब होगी। धर्मांतरण गिरोह में फंसी सदर क्षेत्र की सगी बहनों को आयशा की तरह बनाने की तैयारी थी। उन्हें गिरोह के सदस्य अपने धर्म से जुड़े वीडियो भेजते थे। कोलकाता में दोनों बहनें इन्हीं वीडियो को पूरे दिन देखा करती थीं। उनके दिमाग पर इसका गहरा असर पड़ रहा था। तभी पुलिस के सामने वो पकड़े गए अन्य लोगों को छोड़ने की शर्त रख रही थीं। पुलिस की पूछताछ के बाद यह सच सामने आया।

जुनैद युवती को अब्दुल रहमान के घर ले गया। उसने युवती के बारे में जानकारी लेकर धर्मांतरण करा दिया। बाद में निकाह भी करा दिया, जबकि जुनैद पहले से शादीशुदा था। एक बच्चे का पिता भी है। युवती से कहा था कि उसके धर्म में सब जायज है। वह उसे खर्च के लिए रुपये देता था लेकिन अपने साथ घर नहीं ले गया। अब्दुल रहमान के साथ ही रखा। अब्दुल रहमान यह देखता था कि उसके दिमाग पर कितना असर पड़ा है। एक महीने पहले जुनैद ने युवती को तलाक भी दे दिया। इस पर उसे अब्दुल रहमान ने अपने घर बंधक बनाकर रख लिया, जिससे वह कहीं चली न जाए। पुलिस सूत्रों के मुताबिक, दोनों घर से निकलने के बाद दिल्ली पहुंची थीं। जहां वो धर्म परिवर्तन कराने के लिए एक कार्यालय में गईं। मगर कार्यालय में मना कर दिया गया। बाद में वो धर्मस्थल पहुंची, जहां से दोनों को मदरसे में भेजा गया। यहां पर जोया नाम की युवती मिली। वह उनकी मदद कर रही थी। अपने धर्म के बारे में बता रही थी। उसने उन्हें 3 दिन तक रखवाया। इस दाैरान 10 हजार रुपये की मदद भी की।
इसके बाद वो बिहार होते हुए पश्चिम बंगाल गईं। उनकी मुलाकात रीत बनिक से हुई। उसने उन्हें कमरा दिया। दोनों को खाने-पीने का इंतजाम कराया। कमरा मुस्लिम बस्ती में ही था। दोनों बहनें अपने साथ कुछ रुपये और गहने लेकर गई थीं। इससे वह अपना खर्च भी कर रही थीं। पहले आयशा भी पढ़ने के दाैरान दिल्ली में कश्मीरी युवती के संपर्क में आई थी। इसके बाद धर्मांतरण गिरोह से जुड़ गई। अब वो धर्म परिवर्तन के लिए युवतियों को तैयार करवाती थी। वह अब्दुल रहमान के संपर्क में थी।
आयशा की तरह काम करना चाहती थीं बहनें :

दोनों सगी बहनें भी जिस तरह से वीडियो और साहित्य पढ़ रही थीं, उससे पुलिस को यही लग रहा है कि वह भी आयशा की तरह काम करना चाहती थीं। वह विदेश में मुस्लिम युवतियों के मस्जिद में जाकर नमाज पढ़ने तक की बातें करने लगी थीं।
वहीँ अब अवैध धर्मांतरण गिरोह के तार कई राज्यों के साथ ही विदेश से भी जुड़ रहे हैं। गिरोह के आतंकी कनेक्शन की भी आशंका है। इसको देखते राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने भी प्रकरण की जांच शुरू कर दी है। सोमवार रात को टीम आगरा पहुंची और कई घंटे तक आरोपियों से पूछताछ की। वहीं दिल्ली से पकड़े गए मास्टरमाइंड अब्दुल रहमान उर्फ महेंद्र पाल को मंगलवार को कड़ी सुरक्षा में सीजेएम कोर्ट में पेश किया गया। कोर्ट ने पुलिस को आरोपी की 10 दिन की रिमांड दे दी। अब उससे पूरे नेटवर्क के बारे में पुलिस गहनता से पूछताछ करेगी। इसी तरह कई और भी हैरानजनक खुलासे हुये है, जो कि काफी चौंकाने वाले है।



