डोंगरगढ़ : एक्सिस बैंक शाखा के द्वारा जिस तरह से शहर वासियों को 3 वर्षों के भीतर चूना लगाया गया है। ऐसे सैकड़ों ग्राहक का अब सब्र का बांध टूटते हुये नजर आ रहा है। यहाँ अपने साथ हुई ठगी के कारण अब यह ग्राहक मानसिक रूप से काफी ज्यादा परेशान देखे जा सकते हैं। हालिया घटना इसी के इर्द-गिर्द देखा जा रहा है। बताया जाता है कि सोमवार रात 10 बजे टिकरापारा निवासी शेख अयूब खान पेशे से मटेरियल सप्लायर का दिल का दौरा पड़ने से निधन हो गया है। वह भी इस शाखा से ठगी का शिकार हुआ था।
बताया जाता है कि शेख अयूब खान भी एक्सिस बैंक के उन 43 ग्राहकों में से एक थे। जिनके द्वारा अपनी मेहनत की कमाई को बैंक में इस विश्वास के साथ रखा गया था कि आने वाला समय उनके लिए अच्छा गुजरेगा। उनके करीबी दोस्तों से मिली जानकारी के अनुसार वे भी अपने साथ हुए ठगी के कारण काफी परेशान थे। उनके भी करीब 9 से 10 लाख रुपए एक्सिस बैंक में डूब गए। इस धोखाधड़ी की शिकायत उनके द्वारा खुद ही बैंक के मैनेजर के पास की गई थी। परंतु बैंक के द्वारा लगातार जांच का हवाला देकर बैंक अपने जिम्मेदारियां से पीछे हटते हुए देखा जा रहा था। जिसके कारण वे भी काफी ज्यादा परेशान थे। इस मामले में सिर्फ आश्वासन ही मिल रहा था।आमतौर पर ठगी की रकम का मिलना लगभग मुश्किल ही होता है।
वहीं सूत्रों की माने तो बैंक का एक अकेला कर्मचारी इतनी बड़ी घटना को अंजाम नहीं दे सकता। इसके पीछे लोन डिपार्टमेंट के कई अन्य अधिकारियों की भी मिली भगत हो सकती है। क्योंकि बैंक के पास लगातार इस मामले में शिकायतें बढ़ रही हैं। जिससे यह फ्राड कई करोड़ रुपए में देखा जा सकता है। अब तक बैंक एक ओर जहां 43 लोगों के ढाई करोड रुपए गबन होने की पुष्टि करके पुलिस थाने में इसको लेकर शिकायत दर्ज करा चुके है। वहीं सूत्रों की माने तो यह रकम 10 करोड़ रुपए से भी अधिक हो चुकी है। लेकिन बैंक प्रबंधन अब इस मामले को शांत करने में लगा हुआ है। जहाँ सभी की आजीवन पूंजी डूब गई है।
बताया जाता है कि इस घोटाले में ज्यादातर सीनियर सिटीजन लोग पीड़ित हैं, जो अपने इन पैसो कि बदौलत जिन्दगी जी रहे थे। बड़े व्यापारी जो इस घटना के शिकार हुए है वह इन्कम टैक्स के डर से चुप बैठ गए हैं, जिसके कारण वो कार्यवाही की मांग नहीं कर रहे है। वहीँ पेंशन संगठन के द्वारा जो सदस्य पीड़ित है अपनी पीड़ा किसी को बता नहीं पा रहे है। पंचायत के सचिव एक समय में जिन्होंने आंख बंद करके एक्सिस बैंक पर भरोसा किया था। आज वे खुद अपने सैलरी खातों में हुई धोखाधड़ी के कारण बैंक के चक्कर काटने मजबूर हैं। ऐसे में पीड़ितों को न्याय मिलना मुश्किल लग रहा है।
बताया जा रहा है कि यह पूरा फर्जीवाड़ा साल 2022 से लेकर 2025 के बीच 3 साल तक चलता रहा। आरोपी उमेश गोरले ने ग्राहकों से लोन के प्रोसेस के नाम पर दस्तावेज और ओटीपी हासिल किए और फिर उनकी जानकारी के बिना फर्जी लोन और ओवरड्राफ्ट खाते खुलवाकर मोटी रकम निकाल ली। ग्राहक जब जरूरत पड़ने पर बैंक पहुंचे, तब उन्हें अपने ही खातों से रकम निकाले जाने की जानकारी मिली। इस मामले में सबसे पहले चंदमल अग्रवाल नाम के खाताधारक ने 9 जुलाई को बैंक प्रबंधन को शिकायत की थी। उन्होंने बताया कि 2023 में केसीसी लोन लिमिट बढ़ाने के नाम पर आरोपी ने उनसे दस्तावेज लिए और उन्हीं दस्तावेजों के आधार पर 99 लाख रुपये का एक ओवरड्राफ्ट खाता खोलकर उसमें से 31 लाख रुपये की राशि निकाल ली। ऐसे ही कई मामले यहाँ सामने आये है।



