रायपुर। स्वामी विवेकानंद एयरपोर्ट, माना में अब एकसाथ 11 विमान खड़े हो सकेंगे। एयरपोर्ट अथारिटी आफ इंडिया से चार अलग से पार्किंग-बेस के निर्माण की अनुमति मिल गई है। इसकी लागत करीब 15 करोड़ होगी। वर्तमान में माना एयरपोर्ट के पार्किंग एरिया में सात विमानों के एकसाथ खड़े होने की सुविधा है। इस कवायद को माना एयरपोर्ट के अंतरराष्ट्रीय उड़ानों की तैयारियों से जोड़कर देखा जा रहा है। माना एयरपोर्ट प्रबंधन ने कस्टम विभाग से अंतरराष्ट्रीय उड़ान के लिए जरूरी सुविधाओं को लेकर सुझाव भी मांगा है। इस संबंध में माना एयरपोर्ट प्रबंधन ने चिठ्ठी भी लिखी है।
इसके साथ ही माना एयरपोर्ट के 3250 मीटर रन-वे विस्तारीकरण के बाद सेक्योरिटी वेटिंग के लिए नईदिल्ली मुख्यालय को रिपोर्ट दी जा चुकी है। हालांकि नईदिल्ली मुख्यालय से सेक्योरिटी वेटिंग अभी लंबित है। एयरपोर्ट प्रबंधन का कहना है कि जून-2023 तक अंतरराष्ट्रीय उड़ानों की दिशा में सकारात्मक निर्णय आने की उम्मीद है। इसके लिए सबसे पहले रन-वे पर अंतराष्ट्रीय उड़ानों की लैडिंग-टेकआफ की अनुमति जरूरी है। माना एयरपोर्ट में नया रन-वे तैयार है। रन-वे के आसपास बाउंड्रीवाल की जा चुकी है। अधिकारियों का कहना है कि बाउंड्रीवाल को लेकर विवाद खत्म हो चुका है।
एयरपोर्ट में अभी एयरकार्गो घरेलू
माना एयरपोर्ट में वर्तमान में घरेलू एयर कार्गों हैं। अंतरराष्ट्रीय एयर कार्गों को लेकर एयरपोर्ट परिक्षेत्र में अलग से जमीन आरक्षित की गई है, लेकिन इस पर अभी काम शुरू नहीं हुआ है। एयरपोर्ट अधिकारियों के मुताबिक वर्तमान में माना एयरपोर्ट से हर हफ्ते 45 हजार से अधिक यात्री सफर कर रहे हैं। कारोबारी सूत्रों के मुताबिक छत्तीसगढ़ से बड़ी संख्या में वनौषधि और जैविक उत्पादों का निर्यात विदेशों में किया जाता है, जो कि मेट्रो सिटी के जरिए भेजा जाता है। जैविक उत्पादों पर काम करने वाले उन्न्त किसान राजाराम त्रिपाठी का कहना है कि छत्तीसगढ़ के जैविक उत्पादों की मांग विदेशों में बढ़ने लगी है। माना एयरपोर्ट में अंतरराष्ट्रीय उड़ान और एयर कार्गों के शुरू होने से फायदा मिलेगा। अंतरराष्ट्रीय एयर कार्गों से उन्नात किसानों के साथ ही व्यापार जगत को फायदा मिलेगा।
माना एयरपोर्ट में अलग से चार पार्किंग-बेस का निर्माण किया जा रहा है। इस तरह माना एयरपोर्ट में कुल 11 पार्किंग-बेस होंगे। अंतरराष्ट्रीय उड़ानों को लेकर अभी कवायद जारी है। माना एयरपोर्ट में अंतरराष्ट्रीय स्तर के एटीसी टावर का निर्माण हो चुका है। कस्टम विभाग से सुविधाओं को लेकर जानकारी मांगी गई है।