माँ दुर्गा की विदाई की घड़ी आई सामने, नम आँखों से विदाई देंगे भक्त, महादेव घाट में 2 अक्टूबर से 5 तक होगा विसर्जन।

रायपुर : बीते सप्ताह भर से देशभर में नवरात्र का त्यौहार बड़े ही धूमधाम से मनाया गया। इसके साथ ही छत्‍तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में भी नौ दिनों तक पंडालों में देवी प्रतिमाओं की पूजा का दौर समाप्त होने के पश्चात पंडालों से प्रतिमाओं को विसर्जित करने का सिलसिला शुरू होगा। भक्तगण ढोल, धमाल, डीजे, गाजे बाजे के साथ युवकों के अलावा युवतियां भी भक्तिभाव से नाचते-जयकारे लगाते शामिल होंगे। प्रतिवर्ष कुंड के किनारे विसर्जन के दौरान ऐसा भी नजारा दिखाई देता है कि नौ दिन तक प्रतिमा की पूजा, सेवा में लगे श्रद्धालु प्रतिमा विसर्जन के दौरान भावुक हो जाते है। उनकी आंखें नम हो जाती है। वे पूरे श्रद्धा भाव से प्रतिमा को तब तक निहारते रहते, जब तक प्रतिमा उनकी आँखों से ओझल होकर विसर्जित नहीं हो जाती।

प्रतिमा विसर्जन के लिये निगम कर ली पूरी तैयारी :

नगर निगम रायपुर ने इस वर्ष भी दुर्गा प्रतिमाओं के विसर्जन की पूरी तैयारी कर ली है। खारून नदी के महादेव घाट पाटन पुलिया के पास बने विसर्जन कुंड में 2 अक्टूबर सुबह 6 बजे से 5 अक्टूबर सुबह 6 बजे तक विसर्जन की व्यवस्था रहेगी। आयुक्त विश्वदीप ने जोन कमिश्नरों और अमले को प्रशासनिक ड्यूटी सौंपी है। महादेव घाट में लाइट, केन, स्टेज, लाउडस्पीकर और साफ-सफाई की व्यवस्था सर्वोच्च प्राथमिकता से सुनिश्चित करने के निर्देश दिए गए हैं। जिससे विसर्जन सुव्यवस्थित रूप से हो सके रहे। नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (NGT) के दिशा-निर्देशों का पालन करते हुए, प्रतिमाओं के विसर्जन से पहले पूजन सामग्री को अलग रखने, विसर्जन के बाद 24 घंटे के भीतर मलमा व अन्य सामग्री को कुंड से बाहर निकालने और नदी को प्रदूषित होने से बचाने पर विशेष ध्यान दिया जाएगा। इसके साथ ही ध्वनि और वायु प्रदूषण पर नियंत्रण के लिए जिला एवं पुलिस प्रशासन के सहयोग से कार्यवाही की जायेगी।