भारत पर हाई टैरिफ का चलाया तीर अमेरिका पर उल्टा चला, सामने आई हैरानजनक जानकारी।

वाशिंगटन (अमेरिका) :भारत पर हाई टैरिफ लगाने वाले डोनाल्ड ट्रंप के देश में भारी आर्थिक संकट पैदा हो गया है। कंगाली के चलते अमेरिका की प्रमुख अंतरिक्ष एजेंसी नासा ने अपने दैनिक अपडेट समेत कई महत्वपूर्ण ऑपरेशन को बंद कर दिया है। नासा ने अपनी वेबसाईट पर इस बात की जानकारी दी है। नासा ने घोषणा की है कि सरकार से फंडिंग बंद होने के कारण इसके सभी ऑपरेशन फिलहाल रुके हुए हैं, और इसकी वेबसाईट पर यह सूचना दी गई है कि एजेंसी “अगले आदेश तक बंद रहेगी।” जो जितना बड़ा धनाढ्य होता है, उसके खर्च उतने ज्यादा होते है। ऐसे में उसे अपने कई महत्वपूर्ण कार्यों को रोकना भी पड़ता है, ऐसी ही मुसीबत में अब अमेरिका पड़ गया है। जो तीर उसने भारत पर छोड़ा था वह उस पर उल्टा पड़ा है। पूरी दुनियां की एक तिहाई से ज्यादा आबादी भारत और चीन में है, जो सबसे बड़े उपभोक्ता बाजार है। ऐसे में अमेरिका के लिये मुसीबत खड़ी हो गई है।

अमेरिकी सरकार भी शटडाउन :

अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी के शटडाउन होने से पहले ट्रंप सरकार भी शटडाउन हो चुकी है। नासा का यह घटनाक्रम तब सामने आया, जब 1 अक्टूबर 2025 को संयुक्त राज्य अमेरिका में सरकार की बंदी (शटडाउन) शुरू हो गई, क्योंकि कांग्रेस बजट या अस्थायी फंडिंग उपाय पारित करने में विफल रही। यह लगभग छह वर्षों में पहली बार हुआ है, जिसने नासा सहित कई सरकारी एजेंसियों में हजारों कर्मचारियों को बिना वेतन के छुट्टी पर भेज दिया है। आधिकारिक दिशा-निर्देशों के अनुसार कर्मचारी  केवल जीवन और संपत्ति की सुरक्षा के लिए आवश्यक काम ही जारी रख रहे हैं, जिसका मतलब है कि नासा के अधिकांश प्रोजेक्ट- जैसे अंतरिक्ष विज्ञान अनुसंधान से लेकर जनता से जुड़ाव तक बंद हो गए हैं। ऐसे में अमेरिका के लिये और भी मुसीबतें बढ़ने वाली है, जिसको लेकर ट्रम्प गंभीर नहीं है, उन्होंने भी शायद यही सोच रखा है कि अब अगली बार चुनाव नहीं लड़ना है।

नासा का दैनिक संचार भी बंद :

वहीँ आपको बता दें कि फंडिंग रुकने से नासा के दैनिक संचार बंद हो गए हैं, सोशल मीडिया निष्क्रिय है और मिशन अपडेट में देरी हो रही है। हालांकि, कुछ महत्वपूर्ण ऑपरेशन चल रहे हैं, जिनमें अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (ISS) पर मौजूद अंतरिक्ष यात्रियों की निगरानी, सौरमंडल में सक्रिय अंतरिक्ष यान और ग्रह रक्षा गतिविधियां जैसे क्षुद्रग्रह ट्रैकिंग शामिल हैं। ये प्रयास सुरक्षा के लिहाज से आवश्यक माने जाते हैं और सीमित कर्मचारियों के साथ जारी हैं। शटडाउन का नासा के कार्यक्रमों और भविष्य के मिशनों पर व्यापक प्रभाव पड़ सकता है। इसका कितना प्रभाव पड़ेगा वह आने वाला समय ही बतायेगा, लेकिन इसका काफी असर अमेरिका पर पड़ेगा।

चंद्रमा पर मानव भेजने का मिशन भी हो सकता है प्रभावित :

इस कंगाली के चलते मानवों को फिर से चंद्रमा पर भेजने की दिशा में चल रहा आर्टेमिस प्रोग्राम के की लॉन्चिंग प्रभावित हो सकती है। नासा की फंडिंग पर निर्भर अनुसंधान परियोजनाएं भी बंद हो गई हैं, जिससे वैज्ञानिक अध्ययन और विश्वविद्यालय सहयोग बाधित हुए हैं। नासा के साथ काम करने वाले ठेकेदारों को भी अगर फंडिंग रुकती रही तो परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है। यह पहली बार नहीं है जब नासा को ऐसी समस्याओं का सामना करना पड़ा हो। 2018-2019 के दौरान हुए एक बड़े शटडाउन ने भी कई परियोजनाओं को रोक दिया था और एजेंसी के वैज्ञानिकों और इंजीनियरों के लिए अनिश्चितता पैदा की थी। उस समय भी अमेरिका के लिये बड़ी मुश्किल थी जो बाद में हल हो गई थी, लेकिन वर्तमान में यह व्यापक स्तर तक बढ़ सकती है।

अंतरिक्ष यात्रियों और यानों की सुरक्षा बनी चुनौती :

वॉशिंगटन में इस गतिरोध के लंबे समय तक बने रहने से नासा के महत्वाकांक्षी लक्ष्यों, जैसे चंद्र अन्वेषण और मंगल मिशन, पर काम बनाए रखना कठिन हो जाएगा। जब तक कोई स्पष्ट समाधान नहीं निकलता, नासा का बंद रहना यह सख्त याद दिलाता है कि कैसे राजनीतिक गतिरोध सीधे विज्ञान और अंतरिक्ष अन्वेषण को प्रभावित करता है। फिलहाल, एजेंसी का विशाल स्टाफ इंतजार कर रहा है, जबकि अंतरिक्ष में कड़ी निगरानी बनी हुई है। स्टाफ चुपचाप काम कर रहा है। ताकि अंतरिक्ष यात्रियों और अंतरिक्ष यानों की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके। वर्तमान में वैश्विक स्तर पर किसी भी देश से विरोध का बड़ा खामियाजा भुगतना पड़ सकता है, जिसे डोनाल्ड ट्रम्प नजरअंदाज कर रहे है।