नवरात्रि में देवी प्रतिमा के साथ युवक ने की घिनौनी हरकत, लोगों में आक्रोश, महिला पुलिस ने आरोपी युवक का निकाला जुलूस, देखें विडियो।

नागपुर (उ.प्र.) : भारतीय संस्कृति में हर प्राकृतिक चीज पशु-पक्षी, सबको एक सम्मान जनक रूप में माना जाता है, वहां एक युवक की घिनौनी हरकत ने पूरे हिन्दू समाज को चुल्लूभर पानी में डूबने को मजबूर कर दिया है। जहाँ किसी अन्य धर्म के खिलाफ थोड़ा सा भी गलत परिदृश्य सामने आता है, वहां खौफनाक काण्ड हो जाते हो। वहीँ नवरात्री के पर्व की समाप्ति के बाद भारत के विभिन्न राज्यों में गुरुवार को विजयादशमी का त्यौहार पारंपरिक रस्मों के साथ धूमधाम से मनाया गया है। हालांकि, इस बीच महाराष्ट्र के नागपुर जिले में हैरान कर देने वाली घटना घटी है, जिससे हिन्दू धर्म के अनुयायी शर्मसार हुये है। मामला है नागपुर के दुर्गा पंडाल में स्थापित माँ दुर्गा की मूर्ति के साथ एक व्यक्ति ने घिनौनी हरकत की है, जो काफी शर्मसार कर देने वाली है। इसके बाद महिला पुलिस ने आरोपी का सड़क पर जुलूस निकाल कर उसे सबक सिखाया है। लेकिन इससे हिंदूवादी लोग संतुष्ट नहीं है, उनका क्रोध सातवें आसमान पर है।

क्या है पूरा मामला?

नागपुर में नवरात्र उत्सव के अवसर पर स्थापित की गई दुर्गा माता की मूर्ति का अपमान करने वाले आरोपी को महिला पुलिसकर्मियों द्वारा आरोपी को सड़कों पर घुमाया गया है। आरोप है कि आरोपी ने दुर्गा मंडल में स्थापित मूर्ति के साथ गलत व्यवहार किया। परिसर के नागरिकों ने इस घटना के खिलाफ गिट्टीखदान थाने में शिकायत दर्ज कराते हुए मुख्यमंत्री से भी आरोपी पर कार्यवाही करने की मांग की थी। वहीँ स्थानीय लोगों ने आरोपी को उनके हाथ सौंपने की मांग की है।

आरोपी की हुई पहचान :

गिट्टीखदान पुलिस ने मामले में कार्यवाही करते हुए आरोपी को गिरफ्तार कर दुर्गा मार्शल (महिला पुलिस टीम) के माध्यम से उसे मानवता नगर क्षेत्र में सड़क पर घुमाया गया। हालाँकि विभिन्न स्रोतों से आरोपी का नाम सूरज खोब्रागड़े बताया गया है और उस पर पहले भी कई थानों मे अपराध दर्ज है। उसने मंडल के कार्यकर्ता पर भी जानलेवा हमला किया था। आपको बता दें कि महाराष्ट्र के नागपुर में पुलिस आयुक्त रविंद्र कुमार सिंगल के आदेश के अनुसार, ‘दुर्गा मार्शल’ नामक उपक्रम चलाया जा रहा है। उसी के तहत दुर्गा शक्ति के माध्यम से आरोपी ने जिस स्थान पर अपराध किया था, वहां उसका सड़क पर जुलूस निकाला गया।

विशेषज्ञों का कहना है कि धार्मिक स्थलों और मूर्तियों की सुरक्षा केवल प्रशासनिक जिम्मेदारी नहीं, बल्कि समाज के प्रत्येक नागरिक की जिम्मेदारी है। समुदायिक जागरूकता, सतर्कता और पुलिस प्रशासन का संयुक्त प्रयास ही ऐसे मामलों को नियंत्रित कर सकता है।

वहीँ इस मामले में सबसे बड़ा सवाल आयोजक समिति पर उठ रहा है, उसने वहां सुरक्षा के इंतजाम क्यूँ नहीं किये थे, जबकि माता के पंडाल में चौबीस घंटे एक पुजारी की नियुक्ति की जाती है, जो उसकी देखरेख करता है, साथ ही एक चौकीदार की ड्यूटी भी लगाई जाती है, ऐसे में इस घटना में लापरवाह समिति आयोजकों पर भी कार्यवाही होनी चाहिये।

इस मामले में माचिस मीडिया द्वारा अन्य जानकारियां भी जुटाई जाने का प्रयास किया जा रहा है।