राजधानी में हिन्दू देवी-देवताओं का अपमान, इलाज के बहाने धर्म परिवर्तन का मामला आया सामने, 2 महिलाओं सहित 6 गिरफ्त में।

रायपुर : राज्य में हिन्दुओं का धर्मान्तरण लगातार हो रहा है। ऐसे ही राजधानी रायपुर में एक बार फिर धर्मांतरण को लेकर विवाद भड़क गया है। इस मामले में बताया जा रहा है कि परशुराम नगर क्षेत्र में एक महिला को बीमारी का इलाज करने के बहाने धर्म बदलने के लिए प्रेरित किया गया। जहाँ इस मामले के उजागर होते ही क्षेत्र में तनाव फैल गया। बजरंग दल के विरोध के बाद पुलिस ने महिला सहित 7 लोगों को हिरासत में लिया है।

इस मामले में राजेंद्र नगर थाना क्षेत्र के संतोषी पारा की वाली बालका राजपूत ने बताया है कि उनके भांजे की पत्नी लंबे समय से बीमार थी। इस दौरान उसकी पहचान परशुराम नगर निवासी मायाराम नामक व्यक्ति से हुई, जिसने बिना किसी शुल्क के उसका इलाज करने का वादा किया। इलाज के नाम पर मायाराम और उसके साथियों ने महिला को मानसिक रूप से प्रभावित करने की कोशिश की और धीरे-धीरे उसे ईसाई धर्म अपनाने के लिए मनाने लगे। वो लगातार महिला के पीछे लगे रहे।

देवी-देवताओं पर आपत्तिजनक टिप्पणी का आरोप :

इस मामले में पीड़िता के परिजनों का कहना है कि इलाज के दौरान आरोपियों ने हिंदू देवी-देवताओं के खिलाफ आपत्तिजनक बातें कहीं। इस व्यवहार से महिला की धार्मिक भावनाएं आहत हुईं और उसने घर आकर पूरी घटना अपने परिवार को बताई।इसके बाद मामला तेजी से फैल गया और स्थानीय हिन्दू संगठन सक्रिय हो गए। जिसके बाद बड़ा बवाल मचा।

पुरैना निवासी बालका राजपूत ने मायाराम, किशोर सेनापति, चौधरी बेसरा, आशीषी नाग, सिकंदर सिंह, गायत्री यादव, प्रफुल्ला पन्का के खिलाफ उसकी बहू पर जबरन धर्म परिवर्तन करने दबाव बनाने का आरोप लगाया है। बालका ने पुलिस को बताया है कि उसकी भांजा बहू रितू की तीन माह पूर्व तबियत खराब हो गई थी। इसके बाद वह मायाराम के पास उपचार कराने के लिए गई। मायाराम ने रितू को इसाई धर्म ग्रहण करने के एवज में फ्री में इलाज करने का झांसा देकर उसका ब्रेनवाश कर इसाई धर्म अपनाने का दबाव बनाया है।

रितू के पति ने अपनी मामी बालका को इसाई धर्म के मानने वाले लोगों द्वारा शुक्रवार को जबरन ले जाकर धर्म परिवर्तन करने की प्रक्रिया करने की जानकारी दी। इसके बाद बालका ने इसकी जानकारी अपने क्षेत्र में रहने वाले बजरंगदल के कार्यकर्ताओं को दी। मामले की जानकारी मिलने पर बजरंदगल के कार्यकर्ता भारी संख्या में मायाराम के घर पहुंचे, जहां रितू का धर्म परिवर्तन कराया जा रहा था।

इस मामले की जानकारी मिलते ही बजरंग दल के कार्यकर्ता मौके पर पहुंचे और विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया। उन्होंने आरोप लगाया कि बीमार लोगों की मजबूरी का फायदा उठाकर उन्हें धर्म परिवर्तन के लिए उकसाया जा रहा है। प्रदर्शनकारियों ने राजेंद्र नगर थाने का घेराव कर दोषियों पर कड़ी कार्यवाही की मांग की। हिन्दू संगठनों ने आरोप लगाया कि गरीब और भोले भाले लोगों को पैसे का लालच देकर या बीमारी ठीक करने के नाम पर धर्मान्तरण करवाया जाता है। राजधानी में प्रशासन की नाक के नीचे यह कृत्य होना हैरानजनक है।

पुलिस की त्वरित कार्यवाही, 6 लोग हिरासत में :

विवाद बढ़ता देख पुलिस ने तुरंत हस्तक्षेप किया। राजेंद्र नगर थाना प्रभारी ने मायाराम सहित 6 लोगों को हिरासत में लिया गया। पुलिस ने धार्मिक भावनाएं भड़काने और जबरन धर्म परिवर्तन के प्रयास जैसी धाराओं में मामला दर्ज किया है। अधिकारियों ने कहा कि मामले की जांच की जा रही है और साक्ष्यों के आधार पर आगे की कार्यवाही होगी। दूसरी ओर, एक अन्य धार्मिक संगठन ने इन आरोपों को निराधार बताया है। उनका कहना है कि यह सब झूठी अफवाहों के आधार पर किया गया विरोध है और इससे समाज में नफरत फैलाने की कोशिश की जा रही है। फिलहाल पुलिस दोनों पक्षों से पूछताछ कर रही है।

इस विवाद के बाद पुलिस ने परशुराम नगर और आसपास के क्षेत्रों में अतिरिक्त बल तैनात कर दिया है। प्रशासन ने लोगों से शांति बनाए रखने की अपील की है। तो वहीं, कुछ हिंदू संगठनों ने इस घटना को धर्मांतरण विरोधी कानून का उल्लंघन बताते हुए सख्त कार्यवाही की मांग की है।