मेहंदी अली बने अनुज और सायमा बनी सौम्या, परिवार सहित अपनाया हिन्दू धर्म।

कौशांबी (उ.प्र.) : वर्तमान में कई मुस्लिम और ईसाई लगातार हिन्दू धर्म में घर वापसी कर रहे है। ऐसे ही कौशाम्बी जिले से घर वापसी का मामला सामने आया है। यहां मेहंदी अली राजपूत और उनका परिवार मुस्लिम छोड़कर हिंदू धर्म में शामिल हो गए है। यह घर वापसी समारोह मंझनपुर कस्बा के प्रसिद्ध दुर्गा मंदिर में हवन-पूजन और वैदिक मंत्रोच्चार के साथ संपन्न हुआ है। कौशांबी के रहने वाले 43 वर्षीय मेहँदी अली राजपूत अपने पूरे परिवार के साथ अब हिंदू बन गए हैं। मेहन्दी अली ने अपनी पत्नी और बच्ची के साथ सनातन धर्म अपनाया है। पूरे रीति रिवाजों और पूजा-पाठ के बाद मेहँदी अली का परिवार हिंदू बना है। घर वापसी कर उन्होंने ख़ुशी जताई है।

सनातन धर्म अपनाने के बाद मेहन्दी अली ने अपना नाम अनुज प्रताप सिंह रखा है तो उनकी पत्नी सायमा अली से अब सौम्या सिंह हो गईं हैं। उनकी 3 साल की बेटी का भी नाम अब बदल गया है। उन्होंने दुर्गा मंदिर में हवन-पूजन के बाद परिवार ने सनातन धर्म अपनाया है। इसके साथ ही आपको बता दें कि मेहंदी अली पहले हिंदू ही थे। मगर उन्होंने परिवार के साथ मुस्लिम धर्म स्वीकार कर लिया था। अब उन्होंने फिर सनातन धर्म में वापसी कर ली है।

इस मामले में परिवार ने बताया है कि वे हिंदू धर्म के ‘वसुधैव कुटुम्बकम्’ के सार्वभौमिक दर्शन से अत्यंत प्रभावित थे, जिसने उन्हें सनातन धर्म अपनाने के लिए प्रेरित किया। इस बदलाव के बाद मेहंदी अली अब अनुज प्रताप सिंह हो गए, वहीं उनकी पत्नी सायमा का नाम सौम्या है। सराय अकिल थाना क्षेत्र के पुरखास गांव निवासी मेहंदी अली ने बताया कि यह निर्णय परिवार की सहमति से लिया गया है और अब वे पूर्ण रूप से हिंदू रीति-रिवाजों का पालन करेंगे। उन्होंने बताया कि वे पहले हिंदू धर्म के अनुयायी थे, फिर कुछ समय के लिए मुस्लिम को अपनाया था, लेकिन अब उन्होंने अपनी इस गलती को समझते हुए पुनः हिंदू धर्म ग्रहण किया है। अनुज प्रताप सिंह ‘वन अंब्रेला चैरिटेबल ट्रस्ट’ के संस्थापक भी हैं। इस खास मौके पर कई हिंदू संगठनों के कार्यकर्ता भी उपस्थित थे और उन्होंने परिवार को शुभकामनाएं दीं है।

अनुज सिंह ने कहा कि हिंदू धर्म का वसुधैव कुटुम्बकम् का दर्शन, जिसका अर्थ है ‘सारी दुनिया एक परिवार है’, ने उन्हें गहराई से प्रभावित किया है। उन्होंने बताया कि यह विचारधारा एकता और भाईचारे का संदेश देती है। हिंदू रक्षा समिति के जिला संयोजक वेद प्रकाश सत्यार्थी ने इस घटना की पुष्टि की और कहा कि यह कदम सामूहिक सौहार्द्र और सहिष्णुता का प्रतीक है। ऐसे बेहतर सिद्धांत और सोच अन्य किसी धर्म में नहीं है।