नई दिल्ली : देश में जहाँ हिन्दुओं को हिन्दू – मुस्लिम भाईचारा सिखाया जाता है, वहां मुस्लिम समाज के कई कृत्य ऐसे सामने आ जाते है जो इस भाईचारे में पलीता लगाते है। ऐसे ही दिल्ली की मशहूर हजरत निजामुद्दीन औलिया की दरगाह में जश्न -ए -चिरागा ( दिवाली के दिये जलाने ) को लेकर विवाद हो गया है। इस मामले जानकारी सामने आई है कि निजामुद्दीन दरगाह कमेटी के पदाधिकारियों ने जबरन दीये बुझा दिये। जिसके बाद बवाल मच गया। उस समय वहां आरएसएस के इंद्रेश कुमार भी मौजूद थे जब दिये बुझाये गये। आपको बता दें कि इन्द्रेश कुमार आरएसएस की तरफ से कई वर्षों से लगातार हिन्दू – मुस्लिम एकता के लिये लगातार कार्य कर रहे है।
दिल्ली की यह प्रसिद्ध दरगाह हजरत निजामुद्दीन औलिया की है, जहाँ विदेशों के मुस्लिम भी जियारत करने पहुँचते है। यहाँ इस बार दिवाली से ठीक पहले माहौल गर्म हो गया है। मामला है 18 अक्टूबर को यहां धनतेरस पर आयोजित होने वाले ‘जश्न-ए-चिरागा’ यानी दिवाली के दिए जलाने को लेकर विवाद खड़ा हो गया है। दरगाह में सालों से रौशनी का यह कार्यक्रम परंपरा की तरह मनाया जाता रहा है। लेकिन इस बार इसकी वजह से सियासत की चिंगारी भड़क उठी है। दरअसल RSS से जुड़े मुस्लिम संगठन ‘मुस्लिम राष्ट्रीय मंच’ ने इस बार दरगाह में दिवाली के दिए जलाने का ऐलान किया है। इस पर दरगाह कमेटी ने कड़ा ऐतराज जताया है। जिससे मुस्लिम राष्ट्र मंच और दरगाह कमेंटी में विवाद खड़ा हो गया है।
दरगाह कमेटी का कहना है कि इस कार्यक्रम के लिए उनसे कोई अनुमति नहीं ली गई है और बिना जानकारी के इसे आयोजित किया जा रहा है। वहीँ कमेटी ने इसके विरोध में निजामुद्दीन थाने में शिकायत भी दी है। शिकायत में मुस्लिम राष्ट्रीय मंच के खिलाफ कार्यवाही की मांग की गई है। तो वहीं मंच का कहना है कि वह हर साल की तरह इस बार भी ‘जश्न-ए-चिरागा’ मनाएंगे और “अमन और एकता के दिए जरूर जलाएंगे।” उन्होंने कहा वे ऐसा कई वर्षों से करते आ रहे है, इस बार विवाद समझ से परे है।



