सार्वजनिक रास्ते पर अवैध कब्जाकर लिखा धमकी भरा नोट, हाईकोर्ट ने लिया संज्ञान, कहा यह राज्य जो सीधी चुनौती।

बिलासपुर : छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने बिलासपुर में 40 साल पुराने रास्ते को अवरुद्ध करने और दीवार पर धमकी भरे संदेश पर कड़ी नाराजगी जताई है। यहाँ 15 परिवारों को हो रही परेशानी को देखते हुए कोर्ट ने इस मामले का स्वत संज्ञान लिया है। यहाँ न्यायधानी के दयालबंद में सार्वजनिक आवागमन के रास्ते को कुछ लोगों ने बंद कर दिया है। कोर्ट ने कहा है कि अतिक्रमणकारी राज्य को सीधी चुनौती दे रहे हैं। कोर्ट ने बिलासपुर कलेक्टर को व्यक्तिगत शपथपत्र प्रस्तुत कर बताने के निर्देश दिए कि उन व्यक्तियों के खिलाफ जिला प्रशासन ने क्या कार्यवाही की है, जिन्होंने दीवार खड़ी करके फुटपाथ को अवरुद्ध किया है। इस मामले की अगली सुनवाई 28 अक्टूबर 2025 को होगी। बीते महीनेभर से ज्यादा समय इस मामले को बिट चुका है।

यहाँ आपको बता दें कि दयालबंद पुल के नीचे रहने वाले 15 परिवारों के लिए इस्तेमाल होने वाले चिह्नित फुटपाथ को कुछ लोगों ने अवरुद्ध कर दिया गया है। इन लोगों ने पहले उक्त स्थल से लगी जमीन को खरीदने की कोशिश की थी, जिसमें विफल होने पर उन्होंने अब वहां एक लोहे का गेट और दीवार खड़ी कर दी है, जिस पर एक धमकी भरा नोट भी चिपका है कि उस रास्ते से गुजरने वालों को ”उचित उपचार” दिया जायेगा।

इस मामले में चीफ जस्टिस रमेश सिन्हा, जस्टिस बिभू दत्ता गुरु की खंडपीठ ने आरोपियों के रवैए और धमकी देने पर कड़ी नाराजगी व्यक्त की है। कोर्ट ने टिप्पणी की कि दीवार पर लिखा संदेश वस्तुतः राज्य के अधिकार के लिए एक सीधी चुनौती है, क्योंकि किसी भी व्यक्ति को कानून अपने हाथ में लेने की अनुमति नहीं है।

वहीँ कोर्ट ने अपने आदेश में कहा है कि स्थिति इतनी विकट है कि बच्चों को कंधों पर उठाकर पुल के नीचे से नदी पार करके स्कूल ले जाना और वापस लाना पड़ता है। इसके अलावा, बाइक और अन्य वाहनों को मुख्य सड़क या दुकानों पर पार्क करना पड़ता है, क्योंकि नदी के कारण गाड़ी चलाना मुश्किल हो जाता है। ऐसे में बीमारी या आपात के दौरान स्थिति और भी खराब हो जाती है। कलेक्टर से मामले की शिकायत करने के बाद, जगह का सीमांकन किया गया है, जिसमें फुटपाथ दिखाया गया।

अब यहाँ सीमांकन के बाद एक लोहे का गेट लगा दिया गया है और एक चारदीवारी खड़ी कर दी गई, जिस पर दीवार पर एक नोट लगा है कि उस रास्ते से गुजरने वालों के साथ उचित व्यवहार किया जायेगा, यानी उक्त फुटपाथ को अवरुद्ध करने वाले व्यक्ति द्वारा धमकी दी गई है, जो कि कानून को सीधी चुनौती है। ऐसे 15 परिवारों के 40 से अधिक सदस्य लिंगियाडीह जाने वाले रास्ते पर दयालबंद पुल के नीचे वर्षों से अपनी जमीन पर रह रहे हैं। उनके आने-जाने के लिए एक फुटपाथ भी है, जिसे पूरी तरह से अवरुद्ध कर दिया गया है। यह पूरी जमीन खसरा संख्या 175/1 से 175/9 के अंतर्गत आती है और कई लोगों के पास जमीन के दस्तावेज भी हैं।