राकेश डेंगवानी/रायपुर : राजधानी रायपुर में रहने वालों के लिये कई घुमने वाली जगहें है, जो वो घूम चुके है, ऐसे में उन्हें नई जगहों की जानकारी देने का हम प्रयास करते है, ऐसे में राजधानी के भाटागांव चौक से 22 किलोमीटर दूर खारुन नदी के तट पर ठकुराइन टोला घाट पर लक्ष्मण झूला का निर्माण किया जा रहा है, यह स्थान प्राकृतिक रूप से काफी खुबसूरत है। यह पैदल पुल महादेव घाट पर बने लक्ष्मण झूले के तर्ज पर बनाया जा रहा है। यह पैदल पुल महादेव घाट पर बने लक्ष्मण झूले के तर्ज पर बनाया जा रहा है। हांलाकि राजिम त्रिवेणी संगम में ऐसा ही एक और झूला रुपी पैदल पुल बनाया जा चुका है, जो काफी लोकप्रिय है। ऐसे में आपको यहाँ नजदीक में ही राजिम जैसी धर्मनगरी और गंगरेल बाँध जैसा आनंद मिल सकता है।
यहाँ नदी के बीच में ही भगवान शिव का मंदिर बना हुआ है। यहाँ सामान्य दिनों में पानी नदी में नही होने से आसानी से पहुंचा जा सकता है। यहाँ पहुँचने के लिये आप महादेव घाट अमलेश्वर से झीट गाँव होते हुये पहुँच सकते है। वहीँ भाटागांव से खुड़मुड़ा घाट होते हुये झीट गाँव से जा सकते है, इसके अलावा सेजबहार और मुजगहन से भी आपको रास्ता मिल सकता है। सबसे नजदीक आपको भाटागांव से खुड़मुड़ा, खुड़मुड़ा से झीट होते हुये सरल रास्ता पड़ेगा।
बारिश के दिनों में यहाँ जलस्तर बढ़ने पर भक्त मंदिर नही पहुंच पाते है, ऐसे में अब यहाँ एक पुल का भी निर्माण किया गया है, साथ ही अब लक्ष्मण झूले का निर्माण भी जारी है। यहाँ मानसून के समय यहाँ पुल के बनने से भक्त और भगवान की दूरी खत्म हो गई है। इसके साथ ही भक्तों को भगवान के दर्शन करने में सुविधाभी होने लगी है। वही यह जगह भी अब लोग सैर सपाटा के लिए पहुंचने लगे है। शनिवार और रविवार को यहां लोग दूर दूर से घूमने पहुंचने लगे है। इसमें तीन टॉवर के सहारे यह पुल खड़ा किया गया है। इसमें लंबी तारों से बांधा गया है। लगभग 31 करोड़ के लागत से यह लक्ष्मण झूला का निर्माण किया जा रहा है।
दर्शनार्थियों के आवागमन के लिए यहां झूला बनाने की मांग लंबे समय से रही। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने 4 मार्च 2019 को महाशिवरात्रि के दिन ठकुराईन टोला पहुंचकर ग्रामीणों की मांग पर लक्ष्मण झूला निर्माण की घोषणा की, जो अब पूरी हुई है। प्रस्तावित झूला का निर्माण नदी में शिव मंदिर और उसके सामने स्थित नंदी के बीच किया जायेगा। इससे दर्शनार्थी सीधे मंदिर में प्रवेश कर सकेंगे। इसके साथ ही झूला से मंदिर के चबूतरे पर आने जाने के लिए स्टील का ब्रिज बनाया जायेगा। झूला के अलावा नदी के दोनों तटों का सुदृढीकरण, उद्यान का निर्माण लाईटिंग की व्यवस्था, आस-पास का सौंदर्यीकरण भी होगा। क्षेत्र को पर्यटन स्थल के रूप से विकसित किया जाएगा। विभागीय जानकारी के अनुसार झूला की कुल लंबाई 230 मीटर होगी। नदी तल से इसकी ऊंचाई 8 मीटर होगी। सेन्ट्रल डीप ऑफ वायर- 25 मीटर है।
मंदिर निर्माण के पीछे की रोचक कहानी इस मंदिर का निर्माण लगभग 1941 में एक निषाद दल के मुखिया ने शुरू करवाया था। यह मुखिया राजिम प्रवास के दौरान महानदी, सोंढूर और पैरी के संगम पर कुलेश्वर महादेव के मंदिर को देखकर प्रेरित हुआ और ठकुराइन टोला में भी खारून नदी के मध्य धारा में एक ऐसा ही भव्य मंदिर बनाने का संकल्प लिया। इस मंदिर का निर्माण निषाद समाज के प्रमुख लोगों ने आपसी सहयोग से बनवाया।
ठकुराईन टोला का मुख्य आकर्षण :
ठकुराईन टोला का मुख्य आकर्षण है यहाँ राजिम और महादेव घाट जैसा प्राकृतिक और धार्मिक माहौल, इसके साथ ही यहाँ पहुँचने का रास्ता बहुत ही प्राकृतिक है, जो आपको एक अद्भुत अहसास भी देता है, इसके साथ ही आप यहाँ आकर एनीकेट पर नहाने का आनंद भी ले सकते है, यहाँ का वातावरण बहुत ही प्राकृतिक है, यहाँ बने एनीकेट पर आपको गंगरेल जैसा अनुभव मिलेगा, इसके साथ ही यहाँ पर बनी हुई गुफा का भी आप आनंद ले सकते है। खारुन नदी के किनारे यह स्थान होने के कारण यहाँ आपको एक अलग ही आनंद मिलेगा, जो आपको राजिम और गंगरेल में मिलता है। यहाँ आपको पिकनिक मनाने के लिये कोई कमी नहीं मिलेगी। परिवार सहित आप यहाँ मात्र आधे-पौन घंटे में पहुँच सकते है और लगभग 3 – चार घंटे तक यहाँ अपनी छूट्टी मना सकते है। शार्ट में यहाँ नदी के ऊपर ब्रिज बना हुआ है, लाक्स्मन झुला निर्माणाधीन है, नदी का बहता हुआ पानी है जहाँ एनीकेट बना हुआ है, यहाँ चट्टानें भी है। साथ ही मुख्य आकर्षण यहाँ महादेव का प्राचीन मंदिर है।



