दुर्ग/भिलाई : राजनैतिक परिदृश्य कब बदल जाये, कह पाना मुश्किल है, अपनी राजनैतिक महत्वाकांक्षाओं को पूरा करने के लिये नेता अपनी पार्टी बनाकर नेता बनने में देरी नहीं करते है, भारतीय राजनीति में ऐसे कई मामले सामने आ चुके है, ऐसे में जहाँ भाजपा से दूरी और कांग्रेस से कटाव ने तत्कालीन पूर्व मुख्यमंत्री अजीत जोगी ने JCCJ का गठन किया था , लेकिन वह सफल नहीं हो पाया। वहीँ अब जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ (जे) के अध्यक्ष और पूर्व विधायक अमित जोगी भिलाई में एक निजी कार्यक्रम में शामिल होने पहुंचे थे। इस दौरान मीडिया से चर्चा करते हुए उन्होंने बड़ा राजनीतिक बयान दिया है। अमित जोगी ने कहा कि आने वाले समय में जनता कांग्रेस का विलय कांग्रेस पार्टी में किया जायेगा। इसके लिए आवेदन दे दिया गया है और अब इस पर निर्णय प्रदेश व केंद्रीय नेतृत्व को लेना है। ऐसे में कांग्रेस का केन्द्रीय नेतृत्व क्या निर्णय लेता है, उसका इंतजार करना होगा।
इस मामले में अमित जोगी ने कहा है कि कहा कि अभी जो हमारा हमारा उद्देश्य दिख रहा है। छत्तीसगढ़ को अगर हमें अडानीगढ़ बनने से बचाना है, तो फासीवादी ताकतों को रोकना पड़ेगा। जिसे आपस में लड़कर उन्हें नहीं रोका जा सकता है। आज देश में कांग्रेस पार्टी की स्थिति क्या है, किसी से छिपी नहीं है। पार्टी का इनकमिंग पूरा बंद हो गया है और केवल आउटगोइंग चल रहा है। ऐसे में 42 रिकॉग्नाइज्ड राजनीतिक पार्टी हैं पूरे देश में, हमने विलय का प्रस्ताव देश और प्रदेश हित में दिया है। यह प्रस्ताव किसी व्यक्तिगत स्वार्थ को लेकर नहीं दिया गया है। उन्होंने कहा कि मुझे लगता है कि हम लोगों को मिलकर भाजपा की चुनौती का सामना करना पड़ेगा। इस तरह उन्होंने अपनी घटती लोकप्रियता को राजनैतिक आवश्यकता बताते हुये, JCCJ के विलय का प्रस्ताव कांग्रेस के समक्ष रखा है।
वहीं इस मामले पर पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने बयान देते हुए दो टूक कहा है कि कांग्रेस को उसकी (अमित जोगी) जरूरत नहीं है। ऐसे में अब सवाल उठता है कि क्या केन्द्रीय नेतृत्व अमित जोगी गुट को पार्टी में जगह देगा? अगर देगा तो भूपेश गुट को क्या नुकसान उठाना पड़ेगा? ऐसे में किसकी राजनैतिक रोटियां सिंकेंगी और किसका नुकसान होगा? अब इन सभी सवालों का जवाब तो समय ही देगा, लेकिन अगर अमित जोगी कांग्रेस में वापसी करते है तो बवाल उठाना तय है।



