भोपाल (म.प्र.) : हर प्रकार के निजी विवाद को हिन्दू-मुस्लिम विवाद बनाकर बता दिया जाता है, ऐसे में मामले संवेदनशील हो जाते है। वहीँ एक अजब मामला सामने आया है, जहाँ मध्य प्रदेश से विशाखापट्टनम के लिए जा रही एक ट्रेन में तब हलचल मच गई, जब एक यात्री ने अपने साथ बैठे तीन मुस्लिम युवकों पर आतंकवादी बता दिया और कंट्रोल रूम में फोन कर दिया। इस फोन के बाद रेलवे पुलिस अलर्ट हो गई और ट्रेन की जांच की गई, लेकिन ट्रेन से कुछ भी संदिग्ध वस्तु या विस्फोटक नहीं मिला। हाल ही में हुई आतंकी घटनाओं को लेकर प्रशासन द्वारा लगातार सावधानी बरती जा रही है। वहीँ ऐसे में यह मामला काफी संवेदनशील है। जहाँ लोग निजी विवाद को लेकर प्रशासन को परेशान कर रहे है।
दरअसल, हीराकुंड एक्सप्रेस के जनरल डब्बे में बैठने को लेकर रमेश पासवान नाम के एक यात्री का तीन मुस्लिम यात्रियों के साथ झगड़ा हो गया, तीनों ने रमेश के साथ काफी बदतमीजी की, इसके बाद रमेश पासवान ने कंट्रोल रूम में फोन लगाकर ट्रेन में तीन आतंकवादी होने का झूठी खबर दे दी। जिसके बाद रमेश पासवान की शिकायत पर ट्रेन को एक स्टेशन पर रोक दिया गया और रेलवे प्रोटेक्शन फोर्स (RPF) के जवानों ने ट्रेन में तलाशी अभियान शुरू कर दिया गया।
इसके साथ ही स्निफर डॉग्स की मदद से विस्फोटक वस्तु खोजने की कोशिश की गई, लेकिन कुछ भी नहीं मिला। वहीँ रमेश पासवान द्वारा तीनों मुस्लिम यात्री बिलाल जिलानी, इशान खान और फैजान को आतंकवादी बताने का दावा गलत निकला। जिसको लेकर रेलवे सुपरिटेंडेंट ऑफ पुलिस विपल कुमार श्रीवास्तव ने इस मामले पर बताया कि रमेश पासवान की शिकायत पर ट्रेन को दो बार चेक किया गया, लेकिन कुछ भी संदिग्ध नहीं मिला है, जिसके बाद ट्रेन को विशाखापट्टनम के लिए रवाना कर दिया गया।
वहीं, पुलिस ने रमेश पासवान सहित अन्य तीनों मुस्लिम यात्रियों से कड़ाई से पूछताछ करने के बाद छोड़ दिया गया। वहीँ पुलिस प्रशासन की तरफ से अभी यह साफ नहीं किया गया है कि झूठी सूचना देने और मुस्लिम पहचान की वजह से आतंकवादी बोलकर बदनाम करने के आरोप में रमेश पासवान पर कोई कार्यवाही की गई है या नहीं की गई है? कार्यवाही ना होने की दशा में लोग ऐसा दुष्कृत्य बार – बार कर सकते है।
गौरतलब है कि भारत में हिन्दू – मुस्लिम वैमनस्य लगातार बढ़ता ही जा रहा है। मुस्लिमों द्वारा लव जिहाद, लैंड जिहाद और अपराधिक क्षेत्रों में होने के कारण ऐसी दिक्कतें झेलनी पड़ रही है। इस प्रकार की घटनायें भी लगातार बढ़ रही है जहां मुस्लिम समुदाय को उनकी धार्मिक पहचान की वजह से भेदभाव का सामना करना पड़ रहा है। साथ ही उन्हें गद्दार, आतंकवादी, कठमुल्ला जैसे शब्दों से अपमानित करने की कोशिश की जाती है। हाल ही में दिल्ली में आतंकी घटना देश को झकझोर दिया है, जिसमें मुस्लिम समाज के युवा ही सम्मिलित थे तो वहीँ पहलगाम आतंकी हमले में भी धर्म पूछकर इस्लाम के नाम पर आम लोगों की जान ली गई है। ऐसे में यह बवाल अब बढ़ता ही जा रहा है।



