ठंड में रोज पियें गाजर, चुकंदर और मूली की कांजी, मिलेंगे बड़े फायदे।

स्वास्थ्य : वर्तमान में हर व्यक्ति विभिन्न विटामिन की कमियों से जूझ रहा है, जिससे कई तकलीफें उत्पन्न हो रही है। इसके साथ ही बदलते मौसम में जागरूक रहना बहुत जरुरी है। जहाँ आजकल कांजी पीने का चलन काफी बढ़ गया है। हालांकि कांजी का इस्तेमाल दादी नानी के जमाने से हो रहा है। पहले लोग पेट को फिट रखने के लिए कांजी पीते थे। आयुर्वेद में कांजी को गैस, एसिडिटी और बदहजमी दूर करने में असरदार माना जाता है। कांजी पीने से हाजमा जबरदस्त रहता है। कांजी एक प्रोबायोटिक ड्रिंक का काम करता है जो आंतों को हेल्दी रखने में मदद करती है। कांजी पीने से कब्ज दूर होती है और शरीर अंदरूनी तौर पर साफ होता है। कांजी में जो पोषक तत्व पाए जाते हैं वो त्वचा को चमकदार बनाने में भी मदद करती है। रोजाना खाने के बाद कांजी पीने से गैस, एसिडिटी और बदहजमी की समस्या से छुटकारा मिलता है। जानिये कांजी की रेसिपी और सर्दियों में कांजी बनाने के लिए किन चीजों का इस्तेमाल करना चाहिए?

कांजी की रेसिपी :

पहला स्टेप – सर्दियों में पेट के लिए कांजी सबसे अच्छी चीज है। आप मौसमी सब्जियों का इस्तेमाल कर कांजी बना सकते हैं। कांजी बनाने के लिए एक कांच का बड़ा सा जार लें और उसमें 2 गाजर को धोकर पतला और लंबा-लंबा काट कर डाल दें। इसमें 1 बड़ा चुकंदर छीलकर लंबा कट करके डाल दें। इसी में 1 मूली को छीलकर लंबे टुकड़ों में काट कर डाल दें। इसमें 2 हरी मिर्च को भी लंबा काट कर डाल दें। 

दूसरा स्टेप – सारी सब्जियों को डालने के बाद आपको इसमें 1 चम्मच राई का पाउडर, 1 चम्मच पीली सरसों, आधा चम्मच अजवाइन और 2 चम्मच सेंधा नमक डालना है। स्वाद और इसे पाचक बनाने के लिए थोड़ी हींग डाल दें। अब कांच के जार में उबला हुआ गर्म पानी डालकर पूरा भर दें। जार का ढक्कन बंद करके इसे धूप में रख दें।

अगले दिन कांजी बनकर तैयार है। आप इसे सुबह पी सकते हैं। खाने के बाद कांजी का पानी पीने से पाचन अच्छा होता है। कांजी में पड़ी गाजर, मूली, चुकंदर और हरी मिर्च को आप सलाद के रूप में खा सकते हैं। इनका स्वाद काफी टेस्टी लगता है। हफ्ते में 4-5 दिन कांजी पीने से पाचन से जुड़ी समस्याएं दूर हो जायेगी। वहीँ ठंड के मौसम में इन सभी का सामान्य रस बनाकर भी पी सकते है, इनके साथ आंवला मिलाना भी महत्वपूर्ण है, जो काले बालों और पाचन शक्ति के लिये बेहतर है।