राजनांदगांव : गौ तस्करी में अगर समुदाय विशेष के लोग पकड़ाते है तो मामला सांप्रदायिक हो जाता है, वहीँ इन मामलों में स्थानीय लोगों की मिलीभगत कई बार सामने आ चुकी है। वहीँ इस बार फिर से गौ-तस्करी के खिलाफ चिखली पुलिस ने एक प्रभावी कार्यवाही करते हुए तस्करों के मंसूबों पर पानी फेर दिया है। पुलिस ने कत्लखाने ले जाए जा रहे छह भैंस-भैंसी को सुरक्षित मुक्त कराया है और मामले में तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया है। वहीं, तस्करी में शामिल एक अपचारी बालक को सुरक्षात्मक अभिरक्षा में लिया गया है। साथ ही, इस अवैध गतिविधि में प्रयुक्त दो वाहनों को भी जब्त किया गया है।
पुलिस सूत्रों के अनुसार, सूचना मिली थी कि खैरागढ़ मार्ग की ओर से मवेशियों को अवैध रूप से ले जाया जा रहा है। सूचना मिलते ही चौकी चिखली पुलिस ने ग्राम तिलई के पास नाकाबंदी कर वाहनों की जांच शुरू कर दी। मामले की जांच के दौरान वाहन क्रमांक CG 22 AG 1100 और CG 04 QG 5390 को रोका गया। तलाशी में पाया गया कि दोनों वाहनों में तीन-तीन भैंस/भैंसी को अत्यंत क्रूरता से ठूंस-ठूंस कर रखा गया था। वाहनों में सवार सत्यप्रकाश घृतलहरे, मनोज कुमार साहू और मोहनदास मानिकपुरी सहित एक अपचारी बालक कोई वैध परिवहन दस्तावेज प्रस्तुत नहीं कर सके। जिसके बाद उनके खिलाफ कार्यवाही की गई।
वहीँ पुलिस ने मवेशियों को तत्काल पशुचिकित्सकीय परीक्षण के बाद सुरक्षित गौशाला में रखा है। इसके साथ ही आरोपियों के खिलाफ छत्तीसगढ़ पशु परिरक्षण अधिनियम और पशुओं के प्रति क्रूरता निवारण अधिनियम के तहत मामला दर्ज कर उन्हें न्यायालय में प्रस्तुत किया गया, जहां से उन्हें जेल भेज दिया गया। पुलिस ने बताया कि कुल जब्त संपत्ति की अनुमानित कीमत 11.20 लाख रुपये है। इस कार्यवाही के बाद क्षेत्र में गौ-तस्करों में हड़कंप मच गया है और पुलिस की सक्रियता को लेकर लोगों ने सराहना की है। वहीँ आपको बता दें कि मांस की काफी खपत के बीच गौवंश की तस्करी राज्यभर में चरम पर है।
वहीँ मामले में चिखली पुलिस का कहना है कि वह इस प्रकार की अवैध गतिविधियों के खिलाफ लगातार निगरानी रखेगी और किसी भी तस्करी को बर्दाश्त नहीं किया जायेगा। वहीँ एक अन्य मामले में बालोद जिले के गुरुर थाना क्षेत्र में बीते दिनों पशु तस्करी के शक में भीड़ ने तीन युवकों के साथ जमकर मारपीट कर दी गई थी।



