राजधानी/रायपुर : चुनावी वर्ष को ध्यान में रखते हुये रमन सिंह अपना अस्तित्व बचाये रखने का प्रयास कर रहे है , जबकि राजनैतिक गलियारों में चर्चा है की उनका राजनैतिक केरियर समाप्त हो चूका है, इस इधर कुछ ऐसा बयान दिया है की चूहे-बिल्ली के नाम पर सियासी बवाल मचा हुआ है। अब डॉ रमन सिंह के दिए बयान पर खुद छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने पलटवार किया है। माजरा शुक्रवार को CM बघेल महाराष्ट्र में आयोजित भारत जोड़ो यात्रा में शामिल होने रवाना हुए। इस दौरान उन्होंने डॉ रमन सिंह के चूहे वाले बयान पर प्रतिक्रिया दी।
भूपेश बघेल ने कहा : मैं छत्तीसगढ़िया किसान हूं। डॉ रमन सिंह को छत्तीसगढ़िया किसान बर्दाश्त नहीं हो रहा है। मुझे कभी चूहा, कभी बिल्ली तो कभी कुत्ता बोल रहे हैं। इस तरह के विशेषणों से विभूषित करना उनकी सामंती सोच को दिखाता है। डॉ रमन सिंह सामंती प्रवृत्ति के हैं। ये सारा विवाद भानूप्रतापपुर में हुई भाजपा की एक आम सभा से जुड़ा है।
क्या कहा था पूर्व CM डॉ रमन ने :
डॉ रमन ने छत्तीसगढ़ी में किस्सा सुनाया- इसका हिंदी अनुवाद कुछ इस तरह है…एक साधु की कुटिया के पास एक चूहा रहता था। एक दिन वह बाहर घूम रहा था कि एक बिल्ली उसे खाने के लिए आई। वह भागकर साधु के पास गया और बोला कि ये बिल्ली मुझे रोज खाने की कोशिश करती है, मुझे बिल्ली बना दो। साधु ने गंगाजल छिड़का, चूहा, बिल्ली बन गया। अब वो कुटिया से निकला तो कुछ कुत्ते पीछे पड़ गए। वो भागकर फिर साधु के पास पहुंचा और बोला मुझे कुत्ते डराते हैं, अब मुझे कुत्ता बना दो। साधु ने फिर गंगाजल छिड़का और चूहा अब कुत्ता बन गया। कुत्ता बनने के बाद वो जंगल घूमने गया, वहां शेर ने उसको दौड़ाया। चूहा फिर साधु के पास पहुंचा और बोला मुझे शेर बना दो तो कोई मुझे नहीं डराएगा। साधु ने उसको शेर बना दिया, अब शेर बनते ही चूहा बोला, मुझे भूख लगी है…मैं तुमको खा जाउंगा। डॉक्टर रमन ने जनता से कहा कि ऐसे ही आप लोगों ने वोट देकर चूहे को शेर बना दिया है, अब फिर मौका है कि आप वोट का गंगाजल छिड़को और चूहे को फिर चूहा बना दो। उन्होंने यहां के प्रत्याशी ब्रह्मानंद नेताम के लिए वोट देने की अपील भी की। इसी बयान को लेकर राजनैतिक बहस छिड़ गई है।
सावरकर पर भी बोले CM बघेल :
भारत जोड़ो यात्रा में राहुल गांधी ने सावरकर पर बयान दिया। इसके पक्ष में बोलते हुए मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा- बाल गंगाधर तिलक, महात्मा गांधी या भगत सिंह ने कभी अंग्रेजों से माफी नहीं मांगी। सावरकर ने अंग्रेजों से माफी मांगी। ”आजादी की लड़ाई के दौरान कई लोग जेल गए। किसी ने माफी नहीं मांगी। सावरकर का जीवन दो भागों में देखा जाना चाहिए। जेल जाने से पहले वो क्रन्तिकारी गतिविधियों में रहे मगर जेल जाने के बाद वो बदल गए अंग्रेजों के साथ खड़े नजर आए। इसलिए उनके इतिहास को दो तरह से देखना होगा। इस तरह उन्होंने राहुल गाँधी के बयान का समर्थन किया।