प्रदेश में आरक्षण पर फिर बोले मुख्यमंत्री – कहा हस्ताक्षर करें या वापस करें, क्वांटीफायबल डेटा देना जरूरी नहीं…

रायपुर। आरक्षण को लेकर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने आज एक बार फिर प्रतिक्रिया दी है। दरअसल, राजभवन से कल एक बयान जारी हुआ था, जिसमें ये कहा गया था कि क्वांटीफायबल डेटा समेत अन्य जानकारियां सरकार ने उपलब्ध नहीं कराया है। इन बातों पर मुख्यमंत्री ने कहा है कि, क्वांटीफायबल डेटा देना जरूरी नहीं है, फिर चाहे राज्यपाल हस्ताक्षर करें या फिर उसे वापस लौटा दें।

क्वांटिफायबल डाटा देना कोई जरूरी नहीं है, जो बिल विधानसभा का है। उसमें आर्टिकल 200 हिसाब से उसमें फैसले होंगे या तो हस्ताक्षर करें या तो वापस करें। 2 दिसंबर का यह विधानसभा का फैसला है। आज 25 जनवरी हो गया, कितने दिनों तक लटका कर रखेंगे, अधिकारों का दुरुपयोग नहीं होना चाहिए।

CM ने कहा- यहां क्या दिक्कत है…
मुख्यमंत्री ने कहा कि, जब कर्नाटक में बढ़े आरक्षण बिल पर हस्ताक्षर हो सकता है, तो फिर यहां क्या दिक्कत है। यह आरक्षण का बिल है। देश में कई जगह पर लागू है, तो फिर इसमें हस्ताक्षर करने में क्या तकलीफ आ रही है। जो कर्नाटक में आप कर सकते हैं, तो यहां क्यों नहीं कर सकते हैं।

कर्नाटक के राज्यपाल का अलग दायित्व है और यहां के राज्यपाल का अलग दायित्व है, क्योंकि वहां पर भारतीय जनता पार्टी की सरकार है। वहां पर आरक्षण बिल पर हस्ताक्षर कर सकते हैं और यहां पर नहीं कर सकते। ये दोहरा चरित्र ना चले।