प्रदेश के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने रुरल इंडस्ट्रियल पार्क का किया लोकार्पण किया

बस्तर। जिले के तुरेनार में देश का पहला रुरल इंडस्ट्रियल पार्क बनाया गया है। यहां ग्रामीणों के स्वरोजगार के लिए पांच एकड़ में 20 वर्किंग शेड्स बनाए गए हैं। जिनमें से 18 शेड्स में विभिन्न योजनाओं के अंतर्गत अभी 337 लोग काम कर रहे हैं। वर्किंग शेड्स के साथ ही यहां प्रशिक्षण केंद्र और आवासीय प्रशिक्षण के लिए प्रशिक्षुओं के लिए आवासीय परिसर भी बनाया गया है। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने 26 जनवरी को इस पार्क का लोकार्पण किया है।

मुख्यमंत्री ने महात्मा गांधी रुरल इंडस्ट्रियल पार्क के लोकार्पण के बाद हर एक शेड में जाकर वहां संचालित गतिविधियों को देखा और स्वरोजगार में लगीं महिलाओं से बात कर उनके काम की जानकारी ली। उन्होंने ‘रीपा‘ परिसर में आयोजित लोकार्पण कार्यक्रम और किसान मेला में बताया कि प्रदेश भर में इस तरह के 300 रुरल इंडस्ट्रियल पार्क बनाए जा रहे हैं। रोजगार के मौके बढ़ाने के लिए हर विकासखंड में दो-दो रीपा तैयार किए जा रहे हैं।

उन्होंने कहा कि, आज तुरेनार में छत्तीसगढ़ का ही नहीं, बल्कि देश के पहले रुरल इंडस्ट्रियल पार्क का शुभारंभ हो रहा है। बस्तर में बहुत से कीमती वनोपज हैं। जो चीज दुनिया में कहीं नहीं मिलती, वह बस्तर में मिलती है। लघु वनोपजों के संग्रहण के साथ ही इनके प्रसंस्करण और मूल्य संवर्धन से स्थानीय लोगों की ज्यादा कमाई हो रही है। बस्तर के लोग पहले सीधे कोसा बेचते थे, अब इससे धागा बना रहे हैं। इमली से कैंडी बना रहे हैं। सुगंधित चावल की अच्छी पैकेजिंग कर बेच रहे हैं। काजू के प्रसंस्करण के बाद इसे अच्छे दामों में बेचा जा रहा है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि रीपा के माध्यम से उद्यमी युवाओं को रोजगगारमुलक कार्यों के लिए सड़क, बिजली पानी जैसी मूलभूत सुविधाओं के साथ गांव में ही भूमि उपलब्ध होगी और यहां उद्योग स्थापना के लिए किसी प्रकार की अनुमति की अवश्यकता नहीं होगी। उद्योग की स्थापना के लिए युवाओं को आसानी से भूमि उपलब्ध होने पर लोगों में उद्योग के प्रति रुचि बढ़ने पर पलायन रुकेगा और इससे गांव के युवाओं को गांव में ही काम मिलेगा। इसके माध्यम से हम राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के ग्राम स्वराज के सपने को साकार कर रहे हैं।