लेखराज मोटवानी : सिंधी भाषा संस्कृति और साहित्य के प्रचार प्रसार व संवर्धन हेतु क्रियाशील राष्ट्रीय सिंधी भाषा विकास परिषद एनसीपीएसएल की एस एल एल सी की सिंधी भाषा की परीक्षाएं संपूर्ण छत्तीसगढ़ में पूज्य शदाणी दरबार तीर्थ के शदाणी सेवा मंडल के द्वारा आयोजित की जाती हैं। ज्ञातव्य रहे की शदाणी दरबार के पीठाधीश्वर संत डॉक्टर युधिष्ठिर लाल शदाणी के द्वारा सिंधी भाषा के प्रचार प्रसार व संवर्धन हेतु अपना विशेष योगदान दिया जाता रहा है। उन्ही की प्रेरणा से शदाणी सेवा मंडल के द्वारा समाज सेवा, धर्म अध्यात्म के साथ भाषा के विकास में भी योगदान दिया जाता है । इस वर्ष यह परीक्षा 22 जनवरी दिन रविवार अपराह्न समय 12:00 से 3:00 के मध्य आयोजित की गई, इस परीक्षा हेतु 3405 छात्रों ने रजिस्ट्रेशन कराया था जिसमें से लगभग 1900 छात्रों ने इसमें भाग लिया, इस परीक्षा हेतु रायपुर के 6 केंद्रों के अतिरिक्त बिलासपुर, दुर्ग, भिलाई, राजनांदगांव, तिल्दा, भाटापारा, कोरबा, चांपा, रायगढ़, राजिम, कुरूद, धमतरी, दल्ली राजहरा, अंबिकापुर तथा जांजगीर सेंटर बनाए गए थे। प्रोफेसर ताराचंद मोहनानी व श्री मुरली मोहन बत्रा के मार्गदर्शन में लगभग 135 शिक्षकों व 55 सुपरवाइजर के माध्यम से सर्टिफिकेट डिप्लोमा व एडवांस डिप्लोमा की सिंधी भाषा का कोर्स कराने के पश्चात् परीक्षा संपन्न कराई गई। इसमें सहयोग करने वाले सभी पंचायतों के प्रमुखों व अन्य सहयोगियों (परीक्षा मित्रों) को हम हार्दिक धन्यवाद प्रेषित करते हैं।