रायपुर: देश को हिंदू राष्ट्र बनाना और सनातन संस्कृति की अलख जगाना ही हमारा एकमात्र उद्देश्य होना चाहिए। अध्यात्म की राह जबसे हमने चुनी है तभी से हिंदू राष्ट्र बनाने का लक्ष्य लेकर चल रहे हैं। हजारों साल से पृथ्वी पर सनातन धर्म चला आ रहा है। पैगंबर साहब और यीशु मसीह भी पहले सनातनी थे। हिंदू राष्ट्र की गूंज केवल भारत में ही नहीं, बल्कि अमेरिका के संसद भवन में भी गूंज रही है। यह आने वाले कल के लिए अच्छा संकेत है। यह कहना है पुरी पीठाधीश्वर शंकराचार्य स्वामी निश्चलानंद सरस्वती का।
धर्मांतरण के लिए राजनेता और अफसर जिम्मेदार :
मतांतरण को लेकर शंकराचार्य ने कहा कि राजनेताओं के कारण धर्मांतरण हो रहा है। राजनेता और जिम्मेदार हिंदुओं के धर्मांतरण को प्रश्रय देते हैं, जो हिंदुओं के धर्मांतरण पर कुछ नहीं कहते, उन्हें फांसी होनी चाहिए। तालिबान का उदाहरण देकर जगद्गुरु ने दावा करते हुए कहा कि पुरी में मां दुर्गा की प्रतिमा का मुंह खुला था। मुंह से मां दुर्गा ने तीन बार कहा था- हिंदू राष्ट्र, हिंदू राष्ट्र, हिंदू राष्ट्र, तब से दुनिया में हिंदू राष्ट्र की गूंज है। अब तो अमेरिका के संसद में कहा जाता है हिंदू राष्ट्र। अरब देशों में भी अब हिंदुत्व की गूंज है।
ईसा मसीह को बताया वैष्णव :
शंकराचार्य ने कहा कि मोहम्मद साहब ईसा मसीह सबके पूर्वज हिंदू थे। ईसा जी की प्रतिमा रोम में है, प्रतिमा को ढककर रखा गया है। पर्दा हटा दें तो वैष्णव तिलकयुक्त ईसा की प्रतिमा सामने आ जाएगी। ईसा मसीह को सूली पर चढ़ा दिया गया था, भगवत कृपा से वे जीवित निकले। ईसा मसीह कट्टर वैष्णव थे, जम्मू में उनकी कब्र है। साधु संत के चमत्कारों पर निश्चलानंद सरस्वती ने कहा कि अगर वह लोगों को भटकाने से बचाते हैं, भगवान से जोड़ लेते हैं तो अच्छी बात है।
वैध और अवैध बूचड़खाना क्याें, पूरी तरह से बंद हो :
राजधानी के सुदर्शन संस्थानम में पत्रकारों से चर्चा करते हुए शंकराचार्य महाराज ने कहा कि जो राजनेता गो हत्या बंद कराए और हिंदू राष्ट्र की बात कहे वही देश का सच्चा नेता है। शंकराचार्य ने कहा कि उत्तरप्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्य नारायण वैध बूचड़खाना चलते रहने और अवैध बूचड़खाना बंद करने की बात कहते हैं, जबकि पूरी तरह से गो हत्या बंद होना चाहिए। प्रधानमंत्री ने भी गो सेवकों को गुंडा कहकर संबोधित किया। अब इस पर आम जनता ही निर्णय ले। गो हत्या कानून देशभर में लागू किया जाए।
जाति-वर्ण व्यवस्था, इंसान ने नहीं भगवान ने बनाई :
शंकराचार्य ने कहा कि जाति वर्ण व्यवस्था किसी इंसान ने नहीं भगवान ने बनाई है। ब्राह्मण, क्षत्रिय, वैश्य, शूद्र सभी का अपना कर्तव्य है, अपनी जिम्मेदारी है। चारों वर्ण अपना कार्य अच्छी तरह से करे।
आरक्षण से योग्य व्यक्ति की अवहेलना न हो :
जबसे आरक्षण लागू हुआ है, योग्य व्यक्तियों की अवहेलना हो रही है। उच्च पद पर वही व्यक्ति पहुंचे जो योग्य हो। आरक्षण के बल पर अयोग्य व्यक्ति यदि योग्य पद पर बैठ जाए तो इससे देश का भला नहीं हो सकता।