रायपुर। छत्तीसगढ़ सहित देश के कई राज्यों का मौसम बदलने वाला है। इसके प्रभाव से प्रदेश के बस्तर और दुर्ग, रायपुर संभाग में बदली के साथ साथ बारिश होने की संभावना है। एक ट्रफ पूर्वोत्तर उत्तर प्रदेश से मध्य प्रदेश, विदर्भ और मराठवाड़ा होते हुए दक्षिण मध्य महाराष्ट्र तक जा रही है। एक ताजा पश्चिमी विक्षोभ 13 मार्च को पश्चिमी हिमालय तक पहुंचेगा।
कुछ राज्यों में बारिश और आंधी तूफान से लोगों को कुछ राहत भी मिली है। केंद्रीय मौसम विभाग ने बताया कि एक नए वेस्टर्न डिस्टर्बेस की वजह से पश्चिमी हिमालयी क्षेत्र में 12 से 14 मार्च के दौरान बारिश व आंधी-तूफान आएगा। इसके अलावा, दक्षिण भारत, मध्य भारत और पूर्वी भारत में 15-17 मार्च तक बारिश की गतिविधियां जारी रहेंगी। इस हिसाब से अगले छह दिनों तक विभिन्न हिस्सों में बारिश होने की संभावना है।
मौसम विभाग के मुताबिक, मध्य महाराष्ट्र और मराठवाड़ा में 13-16 मार्च और पूर्वी मध्य प्रदेश, विदर्भ, छत्तीसगढ़ में 14-16 मार्च के बीच बारिश का अलर्ट जारी किया गया है। इसके अलावा, तमिलनाडु, आंध्र प्रदेश, कर्नाटक, पूर्वी गुजरात, महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, ओडिशा, पश्चिम बंगाल और झारखंड में 15-17 मार्च, पश्चिमी हिमालयी क्षेत्र में 12-14 मार्च, पंजाब में 12 और 13 मार्च,
पश्चिमी राजस्थान में 12 से 13 मार्च और पूर्वी राजस्थान में 13 मार्च को बारिश व आंधी तूफान की चेतावनी जारी की गई है। इसके अलावा, गुजरात में 12-14 मार्च के दौरान बारिश की संभावना जारी की गई है। मौसम एजेंसी के मुताबिक, पिछले 24 घंटों के दौरान, गंगीय पश्चिम बंगाल में हल्की से मध्यम बारिश हुई। बिहार, झारखंड के कुछ हिस्सों और दक्षिण छत्तीसगढ़ और दक्षिण तमिलनाडु में एक या दो स्थानों पर हल्की बारिश हुई।
पश्चिमी हिमालय और कोंकण और गोवा के कुछ स्थानों पर अधिकतम तापमान सामान्य से 5 डिग्री अधिक रहा है। कल अधिकतम तापमान सौराष्ट्र और कच्छ और तटीय कर्नाटक के कुछ स्थानों पर और कोंकण और गोवा के एक या दो स्थानों पर 37 और 38 डिग्री के बीच रहा। अगले 24 घंटों के दौरान, झारखंड, ओडिशा, पश्चिम बंगाल, दक्षिण तमिलनाडु और केरल में हल्की बारिश हो सकती है।
पश्चिमी हिमालय में 12 मार्च से हल्की बारिश शुरू होगी और 13 मार्च से बढ़ेगी। 13 से 15 मार्च के बीच पश्चिमी हिमालय के कुछ हिस्सों में हिमपात संभव है। अगले 2 दिनों तक देश के उत्तर पश्चिमी और मध्य भागों में अधिकतम तापमान में धीरे-धीरे वृद्धि हो सकती है और उसके बाद गिरावट आ सकती है।