राकेश डेंगवानी/रायपुर : इस वर्ष सिन्धी समाज के त्यौहार चेट्रीचंड्र में समाज की काफी एकता दिखी, जहाँ भव्य कार्यक्रम आयोजित किये गये, इस अवसर सिन्धु शक्ति के रक्तदान की शिविर की लोगों ने काफी प्रशंसा की। चेट्रीचंड्र के अवसर पर सिंधी समाज ने गुरुवार को शहर में शोभायात्रा निकाली। लाखेनगर में संत युधिष्ठिर लाल ने इसे हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। समाज द्वारा शहर में निकाली जाने वाली यह 56वीं शोभायात्रा थी। इसमें 2 दर्जन से अधिक झांकियों ने हिस्सा लिया। शोभायात्रा के पीछे सेवादार चल रहे थे, जो शोभायात्रा के पीछे छूटने वाले कचरे की सफाई कर रहे थे। इस तरह समाज ने सेवा का संदेश दिया।
सीएम ने चेट्रीचंड्र उत्सव पर सरकारी छुट्टी का ऐलान किया था। महोत्सव में बॉलीवुड एक्ट्रेस संगीता बिजलानी समेत हजारों की संख्या में लोग शामिल हुए। इस बार सिंधी समुदाय ने खुलकर इस महोत्सव में एक दूसरे को खुशियां बांटी।सुबह से ही सिन्धी समाज के लोग शहर के विभिन्न क्षेत्रों में कार्यक्रम आयोजित कर रहे थे , जगह-जगह भंडारा सेसा-प्रसाद बांटा गया, शाम को 4 बजे संत युधिष्ठीर लाल ने शोभायात्रा को हरी दिखाई, जहाँ से शोभायात्रा का आरम्भ हुआ, शोभायात्रा लाखेनगर, पुरानी बस्ती , कंकाली पारा, रामसागर पारा , नहरपारा से होते हुये, शारदा चौक ,जयस्तंभ चौक पहुंची, जहाँ शारदा चौक से जय स्तंभ चौक पर हजारों लोगों की तादाद देखने को मिली। चौराहे पर दो अलग-अलग मंच बनाए गए थे, एक शारदा चौक तरफ तो दूसरा जयस्तंभ चौक तरफ। जहां से कलाकार सांस्कृतिक कार्यक्रमों की प्रस्तुति दे रहे थे। नहरपारा में भव्य आतिशबाजी की गई थी। यहाँ एक तरफ सिन्धु शक्ति द्वारा कार्यक्रम आयोजित किया गया था, यहाँ सबसे अधिक भीड़ देखने को मिली। यहाँ पर संस्था द्वारा सुबह से ही रक्तदान शिविर का आयोजन किया गया था जहाँ रक्तदाता को हेलमेट , प्रशस्ति पत्र और उपहार देकर सम्मानित किया गया, रक्तदान SSD ब्लड बैंक के सहयोग से संपन्न हुआ। रक्तदान करने वालों में खासा उत्साह था मानवता की सेवा करने के लिये, सैकड़ों लोगों ने रक्तदान किया।
सिन्धु शक्ति संस्था ने आयोजित किया रक्तदान शिविर :
सिन्धु शक्ति के संस्थापक किशोर आहूजा और अध्यक्ष मनोज डेंगवानी ने बताया की इस बार उम्मीद से ज्यादा रक्तदान हुआ है, सैकड़ों लोगों ने इस बार रक्तदान में बढ़चढ़कर हिस्सा लिया, जिसमें से 108 लोगों का ही रक्तदान लिया गया। संस्था ने भी रक्तदाताओं को उनकी सुरक्षा को ध्यान में रखकर हेलमेट के साथ , उपहार और सम्मान दिये, जहाँ रक्तदाताओं ने अपनी ख़ुशी जाहिर की। रक्तदान में SSD ब्लड बैंक ने अपना पूर्ण सहयोग दिया, जहाँ उनकी टीम ने रक्तदानकर्ताओं की सुविधाओं का पूरा ध्यान रखा और उन्हें अपनी तरफ से उपहार भी दिया। सुबह से ही संस्था द्वारा भंडारा भी आयोजित किया गया था जहाँ हजारों लोगों ने प्रसाद लिया, शाम को संस्था द्वारा शोभायात्रा का स्वागत आतिशबाजी और फूलों से किया गया, साथ ही शाम से ही यहाँ पर अमित उदासी एंड पार्टी का सांस्कृतिक आयोजन भी किया गया था। मंच पर कांग्रेस और भाजपा ने कई वरिष्ठ नेता शामिल हुये जिनमे सच्चिदानन्द उपासने, बृजमोहन अग्रवाल , विकास उपाध्याय , महापौर एजाज़ ढेबर व अन्य कई नेता शामिल हुये। संस्था द्वारा नेत्रहीन बच्चों के आश्रम “प्रेरणा” में बच्चों को जरुरत की सामग्री पहुंचाई, मेकाहारा में मरीजों को फल भी बांटे।
सुबह से ही संस्था द्वारा भंडारा भी आयोजित किया गया था जहाँ हजारों लोगों ने प्रसाद लिया, शाम को संस्था द्वारा शोभायात्रा का स्वागत आतिशबाजी और फूलों से किया गया, साथ ही शाम से ही यहाँ पर अमित उदासी एंड पार्टी का सांस्कृतिक आयोजन भी किया गया था। मंच पर कांग्रेस और भाजपा ने कई वरिष्ठ नेता शामिल हुये जिनमे बृजमोहन अग्रवाल, महापौर एजाज ढेबर, कुलदीप जुनेजा, विकास उपाध्याय, श्रीचंद सुंदरानी , संजय श्रीवास्तव, सच्चिदानंद उपासने , अमित चिमनानी, आनंद कुकरेजा , अमर पारवानी , गिरीश दुबे , केदार गुप्ता , कंहैया अग्रवाल, अजीत कुकरेजा, बंटी होरा व अन्य कई नेता शामिल हुये। संस्था द्वारा नेत्रहीन बच्चों के आश्रम “प्रेरणा” में बच्चों को जरुरत की सामग्री पहुंचाई, मेकाहारा में मरीजों को फल भी बांटे। इन सभी कार्यक्रमों में संस्था के सदस्यगण रवि तेजवानी, विकास मोटवानी, भरत मोटवानी मुखी गुरुनामल रोहरा, अमर दौलतानी, रवि तेजवानी,गुरुनामल रोहरा , शंकर पिंजानी , नरसा लालवानी, दिलीप बजाज, राकेश डेंगवानी, शंकर पिंजानी, संतोष बच्चानी , संजय रामानी , भरत पमनानी, विक्की मोटवानी , राजू बिरनानी, रतन लीलानी, शंकर मोटवानी, संदीप प्रेमचंदानी शामिल हुये।
बढ़ते कदम के सेवकों ने शोभायात्रा के साथ पूरे रास्ते भर सफाई की :
झांकियों में सबसे पहले घोड़े पर सवार बहराणा साहब, मछली पर सवार भगवान झूलेलाल की विशालकाय मूर्ति थी। सजीव झांकियों में शिव पार्वती परिवार, राम जानकी परिवार, जीवंत साईं बाबा की झांकी, बिहार के 50 आदिवासियों की टोली आदिवासी नृत्य करते शामिल हुई। संस्था बढ़ते कदम के 50 स्वयंसेवकों द्वारा एक यूनिफॉर्म में रहकर शोभायात्रा के संपूर्ण मार्ग पर 30 ट्रैक्टर ट्रॉलियों से सफाई करते चले। इसका संयोजन इंदर डोडवानी, प्रेमप्रकाश मंध्यानी ने किया।
सिंधु एकता संघ ने 5 दिन रखवाई भगवान झूलेलाल की मूर्ति, चेट्रीचंड्र पर सिंधी समाज के घरों में महाआरती :
सिंधु एकता संघ द्वारा लगातार 11वें वर्ष आयोजित पांच दिवसीय झूलेलाल उत्सव के अंतर्गत चेट्रीचंड्र पर घर-घर में भगवान झूलेलाल की महाआरती की गई। समाजजनों ने अपने अपने घरों में भगवान झूलेलाल की पूजा अर्चना कर और केक काटकर महाआरती की। संघ के संस्थापक सुभाष बजाज, झूलेलाल उत्सव के संयोजक महेश रोहरा, अध्यक्ष चंद्र कुमार माखीजा ने बताया कि भगवान की आरती के बाद सभी समाजजनों ने घर के बाहर 11 दीये जलाकर देश व प्रदेश में सुख समृद्धि की प्रार्थना की।
भगवान झुलेलाल पर बोले मुख्यमंत्री :
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि, झूलेलाल देव को वरूण देव का अवतार कहा जाता है। वरूण देव जल के देवता हैं, जल के बिना जीवन की कल्पना भी नहीं की जा सकती। इस तरह भगवान झूलेलाल सम्पूर्ण जीवन के आधार हैं। उन्होंने बताया कि सिंधी समाज व्यापारियों और व्यवसायियों का समाज है। निश्चित रूप से शासन की जनकल्याणकारी योजनाओं का लाभ समाज को भी मिला है। प्रदेश के व्यापार-व्यवसाय में प्रगति हुई है और समाज के जीवन में भी रौनक आई है। चेट्रीचंड्र महोत्सव में एक अलग ही उत्साह नजर आ रहा है। जो प्रशंसनीय है।
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि हमने प्रदेश के नगर निगम और नगर पालिका क्षेत्रों में चेट्रीचण्ड्र महोत्सव के दिन सामान्य अवकाश की घोषणा की है। इसकी मांग सिंधी समाज द्वारा लंबे अरसे से की जा रही थी। जिसमें उनकी भावनाओं का सम्मान करते हुए यह घोषणा की गई। इस अवसर पर समाज की ओर से भी मुख्यमंत्री बघेल को प्रतीक चिन्ह भेंटकर उनका सम्मान किया गया।
इस पर्व से जुड़ी खास बातें :
सभी त्योहारों की तरह इस पर्व के पीछे भी पौराणिक कथाएं हैं। चेट्रीचंड्र को अवतारी युगपुरुष भगवान झूलेलाल के जन्म दिवस के रूप में जाना जाता है। उनका जन्म सद्भावना और भाईचारा बढ़ाने के लिए हुआ था। पाकिस्तान के सिंध प्रांत से भारत के अन्य प्रांतों में आकर बस गए हिंदुओं में झूलेलाल को पूजने का प्रचलन ज्यादा है।
उपासक भगवान झूलेलाल को उदेरोलाल, घोड़ेवारो, जिन्दपीर, लालसांई, पल्लेवारो, ज्योतिनवारो, अमरलाल समेत कई नामों से भी पूजते हैं। भगवान झूलेलालजी को जल और ज्योति का अवतार माना गया है। इसलिए लकड़ी का मंदिर बनाकर उसमें एक लोटे से जल और ज्योति प्रज्वलित की जाती है और इस मंदिर को श्रद्धालु चेट्रीचंड्र के दिन अपने सिर पर उठाते हैं, जिसे बहिराणा साहब भी कहा जाता है।