नयी दिल्ली : छत्तीसगढ़ के स्वामी विवेकानंद विमानतल में आपातकाल में उतारे गए बांग्लादेशी विमान को यहां रखे सात अगस्त को दस वर्ष पूरे हो जाएंगे। बीते दस वर्षों से रायपुर विमानतल में खड़ा बांग्लादेशी विमान अब यहां के लिए सफेद हाथी की तरह हो गया है। यह मामला ठंडे बसते चला गया है, हर साल मीडिया में इस विमान की चर्चा होती है। 173 यात्रियों के साथ ढाका से मस्कट जाने के दौरान सात अगस्त 2015 को एमडी 83 विमान में खराबी आ गई थी। आपात स्थिति में इस विमान की लैंडिंग रायपुर विमानतल में करवाई गई थी और दूसरे दिन यात्रियों को दूसरे विमान से भेजा गया था। उसके बाद से यह बांग्लादेशी विमान रायपुर विमानतल में ही खड़ा है। इस विमान को बनाने के लिये बांग्लादेशी इंजीनियर भी आये थे लेकिन विमान शुरू नहीं हो पाया था। अब यह पिछले 10 साल से राजधानी के स्वामी विवेकानंद एयरपोर्ट पर खड़ा बांग्लादेशी विमान पूरी तरह जर्जर हो गया है। जो राज्य सरकार और विमानतल ऑथोरिटी के लिये सरदर्द बन गया है।
अब छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर के हवाई अड्डे पर पिछले दस वर्ष से बांग्लादेश के एक विमान के खड़े होने का मुद्दा बृहस्पतिवार को लोकसभा में उठा और एक कांग्रेस सांसद ने इसे हवाई सुरक्षा के लिए खतरा बताते हुए वहां से हटाए जाने की मांग सरकार से की है, जिसका अब तक कोई समाधान नहीं निकल पाया है, विमान जर्जर हो गया है। अब इस मामले की राज्य की कोरबा संसदीय सीट से सांसद ज्योत्सना महंत ने लोकसभा में शून्यकाल में यह मुद्दा उठाया है।
उन्होंने कहा, ‘‘यह विषय रायपुर के स्वामी विवेकानंद हवाई अड्डे पर 2015 से खड़े बांग्लादेश की बंद हो चुकी एयरलाइन यूनाइटेड एयरवेज के लावारिस विमान का है। यह केवल हवाई अड्डे पर जगह घेरने या चार करोड़ रुपये बकाया का नहीं, बल्कि हवाई सुरक्षा का गंभीर विषय है।’’ महंत ने कहा कि खस्ता हालत में यह विमान रनवे के बेहद करीब खड़ा है, जो यात्रियों और विमानों की सुरक्षा के लिए बेहद खतरनाक है। उस विमान की कंपनी से राज्य सरकार द्वारा कई बार संपर्क साधा गया है, लेकिन अब उसका कोई भी हल होना मुश्किल है।
उन्होंने विमानन क्षेत्र में वर्तमान संकट का भी जिक्र करते हुए कहा कि नागर विमानन मंत्रालय इस समय ‘इंडिगो संकट’ से गुजर रहा है, जिससे स्पष्ट है कि मंत्रालय दबाव में है और कुशलता से काम नहीं कर पा रहा है। कांग्रेस सांसद ने कहा, ‘‘रायपुर का मामला भी दर्शाता है कि सरकार पहले से सक्रिय कार्यवाही करने के बजाय हादसे होने और चीजों के बिगड़ने का इंतजार करती है। दस साल हो गए है, लेकिन अब तक कार्यवाही नहीं हो रही है’’ उन्होंने सरकार से मांग की कि सुरक्षा को प्राथमिकता देते हुए बिना देरी के इस विमान को नीलाम किया जाए या स्क्रैप किया जाए और तत्काल हवाई अड्डे से हटाया जाए। सात अगस्त, 2015 को 173 यात्रियों को लेकर ढाका से मस्कट जाते समय विमान का इंजन खराब हो गया था। विमान को रायपुर हवाई अड्डे पर आपात स्थिति में उतारा गया था और तब से यह विमान वहां खड़ा है। जो वहां की सरकार और विमान ऑथोरिटी के लिये सरदर्द बना हुआ है।



