भारतीय रेल्वे : भारतीय रेल भारतवासियों के लिये यात्रा करने का सबसे सरल, सस्ता और सुविधाजनक साधन है, यात्रा करते समय कई बार यात्रियों के बीच विवाद की स्थिति बन जाती है, ऐसे समय में परिवार के साथ यात्रा करने वाले व्यक्ति को काफी परेशानी का सामना करना पड़ता है, ऐसा ही एक किस्सा मेरे साथ भी हुआ था, दिल्ली से आते समय मेरी सीट साइड अपर थी और सामने वाले यात्री की साइड लोअर, मेरी यात्रा दिल्ली से सुबह 7 बजे समता एक्सप्रेस में शुरू हुई, आगरा मथुरा आते तक मेरे सहयात्री जिनको दो लोगों को एक ही सीट साइड लोअर दी गई थी, उन्होंने मुझे मेरी सीट पर बैठने नहीं दिया , उनका कहना था की लोअर सीट उनकी है , बेशक यह सीट उनकी ही थी, लेकिन रात को सोते समय। सुबह 6 बजे से रात के 10 बजे तक उस सीट पर सोया नहीं जा सकता, और यह बैठने का ही समय होता है, लेकिन बिना जानकारी के अथवा जबरदस्ती अधिकतर यात्री उनके ही समर्थन में बोलने लगे, मै भी TC का इंतजार किया और TC महोदय लगभग 6 घंटे बाद आये तब उन्होंने उन्हें समझाया की यह सीट पर बैठने का अधिकार सम्बंधित यात्री का है और यह सीट खोलने के बाद आप एक सीट पर दोंनो बैठ सकते है, तब जाकर मुझे मेरी जगह मिली।
साईड लोअर और अपर का नियम :
जब भी आप यात्रा करते है तो रेल्वे का टिकट आरक्षित करवाने पर आपको एक सीट नंबर दिया जाता है, यह सीट नंबर दो बार – दो अलग -अलग सीट पर लिखा होता है, एक जगह इसका मतलब होता है की यह आपके लिये बैठने वाली सीट है, और दूसरी जगह पर लिखा होने का मतलब यह होता है की यह आपके लिये सोने की सीट है, वैसे ही दिये गये चित्र में नंबर 1 की इमेज का मतलब है आप रात को दस बजे के बाद सो सकते है, बाकी समय चित्र क्रमांक 2 के अनुसार आप बैठ सकते है, मान लीजिये जैसे चित्र 3 में दर्शाई गयी महिला की सीट कन्फर्म है तो वह बैठने के समय इस तरह से पूरी सीट पर बैठने की हक़दार है, और रात 10 बजे के बाद वह ऊपर वाली पूरी सीट पर जाकर सो सकती है, लेकिन उसके सामने वाली सीट में RAC वाले यात्री एक ही सीट पर दो लोग बैठ सकते है, लेकिन वो महिला को किसी भी तरह से वहां से हटा नहीं सकते, रात को दोनों यात्री 10 बजे के बाद चित्र क्रमांक 1 के अनुसार नीचे वाली सीट पर दोनों को इकठ्ठा सोने की अनुमति होगी। अगर चित्र क्रमांक 1 के अनुसार दिन के समय सीट नहीं खोली गई है तो भी आधी सीट पर महिला का ही अधिकार होगा, और RAC वाले यात्री उसके विपक्ष वाली सीट इकठ्ठा बैठेंगे जबकि महिला यात्री आधी सीट की पूरी अधिकारी रहेगी, मतलब दोनों RAC यात्री दिन के समय 25% – 25% सीट के अधिकारी होंगे, जबकि महिला 50% सीट की, यह नियम सभी के लिये ऐसा ही है, चाहे वो पुरुष हो या महिला। किसी भी विवाद की स्थिति में TC को स्पष्ट आदेश है की वो आपको अनिवार्य रूप से सीट पर आपका अधिकार दिलाये।