अनवर ढेबर 2000 करोड़ के शराब घोटाले में गिरफ्तार, प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने किया प्रेस रिलीज।

रायपुर : ED शिकंजा लगातार कास रहा है, छत्तीसगढ़ में आये दिन छापे पड़ रहे है आये दिन कोई ना कोई पकड़ में आ ही रहा है, अब प्रवर्तन निदेशालय ED ने होटल कारोबारी अनवर ढेबर को गिरफ्तार करने के बाद प्रेस रिलीज जारी किया है। इसमें खुलासा करते हुए बताया गया है कि किस तरह शराब की अवैध बिक्री के जरिए 2000 करोड़ रुपए का घोटाला किया गया है। बताया गया कि इस पूरे रैकेट का मास्टर माइंड अनवर ढेबर था, जिसके नेतृत्व में एक संगठित आपराधिक सिंडिकेट छत्तीसगढ़ में काम कर रहा था। वह शराब के जरिए अवैध वसूली कर 1 फीसदी कमीशन अपने पास रखने के बाद बकाया राशि अपने आकाओं तक पहुंचाता रहता था। ईडी की ओर से जारी बयान के अनुसार इस सिंडिकेट में शराब कारोबारी, राजनेता और उच्च प्रशासनिक अधिकारी शामिल थे। इसके जरिए प्रदेश में बिकने वाली शराब की हर बोतल से अवैध राशि प्राप्त होती थी। इस काम को अंजाम देने वाले जल्द ही पकड़ में आ जायेंगे।

प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने रविवार को आरोप लगाया कि छत्तीसगढ़ में बेची गई शराब की हर बोतल पर अवैध रूप से धन एकत्रित किया गया और रायपुर महापौर एजाज ढेबर के बड़े भाई होटल कारोबारी अनवर ढेबर की अगुवाई वाले शराब सिंडिकेट द्वारा 2000 करोड़ रुपए के अभूतपूर्व भ्रष्टाचार और धनशोधन के सबूत एकत्रित किये गए हैं। एजेंसी ने एक बयान में कहा कि अनवर ढेबर को संघीय एजेंसी ने धनशोधन रोकथाम अधिनियम (पीएमएलए) की आपराधिक धाराओं के तहत शनिवार तड़के रायपुर के एक होटल से तब गिरफ्तार किया, जब वह पिछले दरवाजे से भागने की कोशिश कर रहे थे।

ऐसे चल रहा था अवैध कारोबार

ईडी की ओर से जारी विज्ञप्ति में बताया गया है कि अनवर ढेबर ने राजनीतिक और प्रशासनिक दखल के चलते आबकारी विभाग में अपने करीबी अधिकारी विकास अग्रवाल और अरविन्द सिंह की नियुक्ति करवाई। वहीं निजी डिस्टिलर्स, एफएल-10 ए लाइसेंस धारकों, आबकारी विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों, जिला स्तर के आबकारी अधिकारियों, मैन-पावर सप्लायर्स, ग्लास बाटल मेकर, होलोग्राम मेकर, कैश-कलेक्शन वेंडर से लेकर कारोबार की पूरी शृंखला को नियंत्रित किया। इस पूरे रैकेट के जरिए कमीशन की वसूली की गई। यह आंकड़ा हजारों करोड़ रूपये का है।

4 साल में 1200-1500 करोड़ की वसूली :

जांच के दौरान पता चला कि 2019 से 2022 के बीच राज्य में शराब की करीब 30-40 फीसदी अवैध बिक्री हुई है। इसके जरिए 1200-1500 करोड़ रुपए की अवैध वसूली हुई। इस बारे में ईडी को पुख्ता जानकारी लगातार छापेमारी कर इनपुट एकत्रित किए गए। इसके बाद अनवर ढेबर को गिरफ्तार कर उसे पूछताछ के लिए 4 दिन की रिमांड पर लिया गया। ईडी ने रिमांड आवेदन में बताया कि किस तरह से इस पूरे खेल को चलाया जा रहा था। इसमें अधिकारी वर्ग और बड़े रसूखदारों के नाम सामने आ रहे है।

700 शासकीय दुकानों का संचालन :

राज्य में शराब की खरीदी और बिक्री पर सरकार का नियंत्रण है। वहीं लगभग 700 शराब दुकानों का संचालन भी सरकार द्वारा किया जाता है। छत्तीसगढ़ राज्य विपणन निगम लिमिटेड (सीएसएमसीएल) राज्य में बेचे जाने वाले सभी शराब की खरीदी केंद्रीय रूप से करता है।