रायपुर : आबकारी शराब घोटाले में महापौर के भाई अनवर ढेबर के फंसने के बाद अब नगर निगम में हुए 27 करोड़ के होर्डिंग घोटाले का मामला तूल पकड़ता जा रहा है। भाजपा अब इस मामले में 10 मई को निगम में हंगामा कर सकती है। पार्षद दल की बैठक में तय किया गया है कि बुधवार को नगर निगम मुख्यालय का घेराव किया जाएगा। भाजपा के अन्य मोर्चा और प्रकोष्ठ के नेता इस घेराव, विरोध प्रदर्शन कार्यक्रम में शामिल होंगे। नगर निगम घेराव के लिए भाजपा के पार्षद अलग-अलग मोहल्लों से होते हुए मुख्यालय पहुचेंगे। भाजपा जिला पदाधिकारी और पार्षद दल की बैठक में जिला अध्यक्ष जयंती पटेल,महामंत्री रमेश ठाकुर,उपाध्यक्ष गोपी साहू,ललित जैसिंघ,पार्षद सूर्यकांत राठौर, मृत्युंजय दुबे,सरिता वर्मा ने आंदोलन की रणनीति पर चर्चा की। बताया गया कि होर्डिंग घोटाला, निगम की दुकानों का मनमाना आबंटन इन मुद्दों को लेकर विरोध जताया जाएगा। इस मामले को भाजपा बड़े स्तर प् भुनाने में लगी है।
इधर महापौर ने बनाई जांच टीम :
मिनी पोल और स्मार्ट टॉयलेट की निविदा में हुई गड़बड़ी को लेकर महापौर ने जांच समिति बनाई है। जांच के 17 बिंदुओं को रखा गया है। महापौर एजाज ढेबर ने खुद बताया था कि यूनीपोल और स्मार्ट टॉयलेट की निविदा में हुई गड़बड़ी से नगर निगम रायपुर को लगभग 27 करोड़ की राजस्व के नुकसान का अनुमान है। इस घोटाले को महापौर ने खुद माना है।
महापौर ढेबर ने कहा – यूनीपोल घोटाले मामले में जो भी दोषी होगा उसे छोड़ेंगे नहीं, जनहित के पैसों पर घपला हमें मंजूर नहीं। नगर निगम परिसर में यूनीपोल को लेकर हुई अनियमितता के मामले में जांच समिति की बैठक की। इस दौरान दो अपर आयुक्त, राजस्व अध्यक्ष कुमार मेनन, सहित 6 सदस्यीय टीम का गठन किया गया है। टीम की पहली बैठक में 17 बिंदुओं पर अधिकारियों से जवाब मांगे गए, एक हफ्ते के भीतर रिपोर्ट आने के बाद बड़ी कार्यवाही की जाएगी।
इन तथ्यों की होगी जांच
1. यूनिपोलों का साइज क्यों बढ़ाया गया ? जबकि निविदा कंडिका 11 में स्पष्ट लिखा है की साइज नहीं बदल सकते और एजेन्सी के सुझाव के आधार पर कब से निविदा बदलाव होने लगी, यदि साइज और यूनिपोलों में वृद्धि करनी ही थी तो नई निविदा क्यों नहीं ली गयी ?
2. यूनिपोल की निविदा चर्चा के लिए क्यों नहीं आयी ? जैसा की निविदा प्रक्रिया की नोट शीट के कुछ खण्डों में उल्लेखित अनुसार राजस्व प्राप्ति की गणना की गयी है।
3. स्टाम्प पेपर क्रमांक ड 985298 में निविदा अवधि उल्लेखित होने के उपरांत भी क्यों निविदा वृद्धि दी गयी ?
4. क्या केवल एजेसियों के सुझाव मात्र से चलती हुई निविदा में अवधि वृद्धि बिना डंप में चर्चा किए बगैर दी जाएगी?
5. एजेंसी ग्रैफेल मीडिया के अनेकों चेक बाउंस हुए हैं। जिसको अधिकारियों द्वारा नोट शीट में उल्लेखित भी किया गया है और निविदा राशि का 30 प्रतिशत जो 15 दिनों के अंदर देना था। उसमें क्यों समय की छूट देकर ली गयी ?
6. चेक बाउंस जैसे गंभीर विषय में अधिकारीयों ने एजेंसी को काली सूची में क्यों नहीं डाला ? जो चेक बाउंस हुआ है, निविदा रद्द क्यों नहीं हुई ? निविदा फिर भी जारी रही।
7. ग्रेसफुल मीडिया को पहला कार्यादेश 18.11.2019 से 26.06.2021 डेढ़ साल कार्यादेश दिया गया फिर, निविदा वृद्धि उपरांत 27.11.2021 को नया कार्यादेश दिया गया। क्या 26.06.2021 से 27.11.2021 राजस्व की गणना की गयी है ?
8. निविदा शर्त में 5 प्रतिशत वार्षिक वृद्धि प्रावधान है, परंतु डेढ़ साल बाद क्यों वही निविदा दर में कैसे अवधि बढ़ा कर दी गयी?
9. ग्रुप डी तेलीबांधा चैक से भारत माता चैक से पंडरी का मार्ग बिना किसी आधार के परिवर्तित पंडरी से अम्बुजा मॉल रोड से परिवर्तित किया गया। बिना किसी तथ्य लिखित आधार के और कंडिका 9 का उल्लंघन कैसे हुआ है ?
10. सामान्य मार्गों की दर कैसे मुख्य मार्गों में यूनिपोल लगाकर, क्या राजस्व का हानि नहीं हुई है ? उदाहरण निविदा की ग्रुप डी का मार्ग परिवर्तन होना।
11. इस निविदा में अभी तक कितना राजस्व प्राप्त हुआ है जानकारी दें? वित्तीय वर्ष 20-21, 21-22, 22-23।
12. सभी अधिकृत एजेंसियों का कितना बकाया शुल्क है कृपया अति शीघ्र इसकी जानकारी दें।
13. क्या राजस्व की गणना सही से की गयी है क्योंकि जब निविदा जारी की गयी थी तब ना तो निविदा संशोधन के अखबार के विज्ञापन में जिक्र है और ना ही अनुबंध में और संशोधित निविदा में विज्ञापन लगाए जा सकेंगे। ऐसा उल्लेखित है, क्या यह भ्रामक नहीं है? क्यूंकि यदि आप किसी भी निविदा में देखे तो ज्ञापनों में स्पष्ट फलकों का जिक्र स्पष्ट रहता है, दर अनुसार ली जाती है।
14. ऐसी अस्पष्टता और भ्रामक शब्दों के उपयोग व त्रुटियों के कारण निगम को नीचे दिये गए विवरण अनुसार क्या भारी नुकसान नहीं हुआ है ?
15.18 टॉयलेट के साथ प्रत्येक टॉयलेट के आजु बाजू दो-दो यूनिपोल की शर्त थी। यानी 36 यूनिपोल, फिर कैसे 51 यूनिपोल के सुझाव और शर्त मंजूर कर ली गयी।
16. इस निविदा में अभी तक कितना राजस्व प्राप्त हुआ है जानकारी देवें? अधिकारीयों ने राजस्व की गणना कैसे की है ? कहां यूनिपोल लगेंगे ये अधिकारियों ने चिन्हित किया है क्या ?
17. स्मार्ट टॉयलेट की गुणवत्ता का ऑडिट हुआ है क्या ? एक औसत दर से यदि गणना की जाये तो क्या यूनिपोल लगाने की अनुमति देकर क्या राजस्व की गणना की क्या ? इसका उदाहरण सिटी बस स्टॉप 903 रुपये वर्ग फीट में दी गयी, ऐसे कई मुख्य मार्ग हैं। जिसमें दरों का आंकलन सही नहीं किया।
उपरोक्त बिन्दुओं को लेकर महापौर काफी गंभीर है, और इस मामले में आगे भाजपाई क्या विरोध करते है , यह देखने का विषय होगा।