दुर्ग : गर्मी के समय आग लगने की घटनायें शुरू हो जाती है, ऐसी ही एक घटना है छत्तीसगढ़ के दुर्ग में एक कबाड़ की फैक्ट्री में सोमवार तड़के आग लग गई। सूचना मिलते ही दमकल की तीन फायर ब्रिगेड मौके पर पहुंची और 4 घंटे की कड़ी मशक्कत के बाद आग पर काबू पाया गया। इधर फैक्ट्री संचालक ने आग से 85 लाख रुपए का नुकसान होने का दावा किया है, जो कि पुलिस के गले नहीं उतर रहा है। पुलिस द्वारा उससे माल के बिल और दस्तावेज मांगे गए हैं। जिसके अनुसार कार्यवाही की जायेगी।
जेवरा सिरसा थाना प्रभारी सेवा भारती ने भास्कर को खास बातचीत में उन्हें सोमवार तड़के 4 बजे के करीब एनके इंडस्ट्रीज में आग लगने की सूचना मिली थी। फैक्ट्री में प्लास्टिक के कबाड़ रिसाइकिल करने का काम किया जाता है। इसलिए वहां आग तेजी से फैल गई और बड़ा रूप ले लिया। पुलिस ने तुरंत अग्निशमन एवं आपातकालीन सेवाएं विभाग दुर्ग को सूचना दी। सूचना मिलते ही वहां दमकल की तीन गाड़ियां पहुंची। दमकल कर्मियों ने लगभग चार से साढ़े चार घंटे की कड़ी मशक्कत के बाद सुबह 9 बजे के करीब आग पर काबू पाया। आग बुझाने में लगभग 10-15 गाड़ी पानी और फोम का इस्तेमाल किया गया। समय पर आग बुझ जाने से आग दूसरी फैक्ट्री तक नहीं पहुंच सकी। आग काफी भयानक लगी थी लेकिन दमकल कर्मियों के प्रयास से आगे नहीं बढ़ पाई।
फैक्ट्री मालिक का दावा अपेक्षा से अधिक :
सेवरा सिरसा पुलिस का कहना है कि फैक्ट्री संचालक मो. इशरत खान ने बताया कि उसकी फैक्ट्री के अंदर लगभग 85 लाख का कबाड़ पड़ा था। इसमें 35 लाख रुपए कीमत का कच्चा माल था। आग से पूरा सामान जलकर राख हो गया। पुलिस का कहना है कि 80-85 लाख का कबाड़ इतना होता है कि वो फैक्ट्री में न आए। ऐसे में इतना बड़ी मात्रा में कबाड़ रखने का क्या कारण था। 35 लाख रुपए का कच्चा माल कहां से लिया गया। किस खाते से खरीदी बिक्री की गई। इस सब का हिसाब पुलिस ने फैक्ट्री संचालक से मांगा है।
बीमा क्लेम लेने के लिए की गई घटना के एंगल से भी हो रही जांच :
पुलिस का कहना है कि आग लगने का कारण शार्ट सर्किट बताया जा रहा है। कई बार ऐसा होता है कि बीमा क्लेम लेने के लिए आगजनी की घटना खुद ही की जाती है। जिस हिसाब से फैक्ट्री संचालक ने नुकसान का दावा किया है, उसके मुताबिक पुलिस इस एंगल से भी मामले की जांच करेगी।